भोपाल. लेफ्टिनेंट जनरल सैय्यद अता हसनैन ने कहा कि कारगिल की जीत का श्रेय हमारे शहीद जवानों के साथ उनके परिवार, सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व एवं देश की सामूहिक एकजुटता को जाता है. इस युद्ध में हमारे देश की मीडिया की भूमिका भी बहुत सशक्त थी, जिसे नकारा नहीं जा सकता है. वह रविंद्र भवन में कारगिल विजय के 17 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित स्मृति दिवस समारोह में संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि हमारी जिस युवा पीढ़ी की हम आलोचना करते हैं, उसने कारगिल यु़द्ध में भाग लेकर अपनी देशभक्ति का जज्बा दिखाकर यह साबित कर दिया कि वह अपने देश के लिए कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार है. समारोह में उपस्थित कारगिल युद्ध में भाग लेने वाले कर्नल ओपी मिश्रा, शहीद देवाशीष और अजय प्रसाद के माता पिता को सम्मानित करते हुए अता हसनैन ने कहा कि देश के ऐसे सभी शहीदों के परिवारों को नमन है.
समारोह में देश के जाने माने चिंतक, विचारक अरूण कुमार जी ने कारगिल में शहीद हुए कमलेश पाठक, विक्रम वर्मा, मनोज पांडे, विक्रम पाणिकर, कुलदीप सिंह, मेजर विवेक सहित कारगिल में शहीद हुए सभी जवानों के संस्मरण सुनाते हुए कहा कि कारगिल का युद्ध साधारण युद्ध नहीं था, यह बहुत बड़ी अग्नि परीक्षा थी, जहां माईनस 25 डिग्री शुष्क हवा और 18 हजार फीट की ऊंचाई पर शत्रु दिखाई नहीं देता था. कारगिल की विजय गाथा के पीछे सेना के अदम्य साहस और भारतीय सेना की गौरवशाली परंपरा की जीत है, जो एक अमरगाथा बन चुकी है.
समारोह में मेजर एसके सपरा ने भी उद्बोधन दिया. कार्यक्रम में बाल आयोग के अध्यक्ष डॉ. राघवेन्द्र शर्मा, इंडिया फाउंडेशन के निदेशक आलोक बंसल सहित सेना के कई अधिकारी, सैनिकों के परिवार के सदस्य, विद्यालयों के छात्र-छात्राएं और गणमान्यजन उपस्थित थे.
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