देशभर में प्रान्तों में संपन्न विशेष कार्यक्रम
1). केरल में संपन्न व्यावसायिक महाविद्यालय छात्र शिविर – केरल प्रांत में वार्षिक योजना में व्यावसायिक महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों के शिविर की योजना बनी. उद्देश्य यही था कि इस प्रकार के महाविद्यालय में संपर्क बढ़े एवम् छात्र संघकार्य के संपर्क में आये.
पूर्व तैयारी की दृष्टि से खंड स्तर पर महाविद्यालयीन छात्र-प्रवासी कार्यकर्ताओं की बैठकें हुईं, जिसमें 274 कार्यकर्ता उपस्थित रहे और उनके द्वारा 450 महाविद्यालयों में से 238 में संपर्क किया गया. शिविर हेतु 1470 छात्रों का पंजीकरण हुआ. खंडशः छात्रों की बैठकें और 43 स्थानों पर एकत्रीकरण आयोजित किये गये. दिनांक 24-25 सितंबर 2016 को एर्नाकुलम् में यह शिविर संपन्न हुआ. जिसमें 156 व्यावसायिक संस्थानों से 951 छात्र और 181 प्रवासी महाविद्यालयीन छात्र कार्यकर्ता शिविर में सहभागी हुए. तंत्र शिक्षा के 744, वैद्यकीय के 20, विधि के 54, अर्थ प्रबंधन के 101 एवम् शिक्षक महाविद्यालय से 32 छात्र थे. कुल 365 नये छात्र आये थे.
शिविर में पू. सरसंघचालक जी का सान्निध्य प्राप्त हुआ और अन्य क्षेत्रीय एवम् प्रांतीय अधिकारियों का मार्गदर्शन भी मिला. कोच्चि शिपयार्ड के व्यवस्थापकीय संचालक मधु नायर जी की उपस्थिति में उद्घाटन हुआ. अद्धैत आश्रम के स्वामी चिदानंदपुरी जी का आशीर्वचन भी प्राप्त हुआ.
अनुवर्तन के प्रयासों में 318 परिसर में साप्ताहिक मिलन प्रारंभ हुए हैं, जिसमें 50 व्यावसायिक प्रशिक्षण परिसर में है. 143 छात्रों ने प्राथमिक शिक्षा वर्ग पूर्ण किया है.
2). दक्षिण तमिलनाडु –
मुख्य मार्ग पर आने वाले गाँवों में संघकार्य- प्रांत में मुख्य मार्ग में आने वाले गावों में संघकार्य प्रारंभ हो, इस दृष्टि से प्रांत में विशेष प्रयास इस वर्ष किया गया.
प्रांत में कुल 776 मार्ग है. अक्तूबर में आयोजित ‘‘ग्राम शक्ति संगमम्’’ में 206 मार्गों से 446 ग्रामों से 1798 व्यक्ति उपस्थित रहे. जनवरी 2017 में बैठकों का आयोजन किया गया. 270 मार्गों की बैठकों में 933 ग्रामों से 2998 व्यक्ति उपस्थित रहे. प्रयास क्रम में 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जयंति का कार्यक्रम इन सभी ग्रामों में संपन्न करने की योजना बनी. कुल 418 मार्गों के 1268 ग्रामों में कार्यक्रम संपन्न हुए, जिसमें 25,331 नागरिक सम्मिलित हुए. मई मास में ऐसे सभी ग्रामों में ‘‘बाल संस्कार केन्द्र’’ प्रारंभ हो ऐसी योजना बनी है.
गौसेवा संगमम् – रामेश्वरम् में फरवरी 04-05 को गौसेवा संगमम् का आयोजन किया गया. जिसमें 108 देशी गौमाता के पूजन का कार्यक्रम हुआ. पूजन हेतु विशेषतः शुभ्र, कृष्ण, लाल, धुम्र एवम् सुवर्ण रंग की गौमातायें लायी थी. इस अवसर पर 108 सोमयाग यज्ञ संपन्न हुआ, जिससे पंचमहाभूतों की शुद्धि का वातावरण निर्मित हुआ. इस प्रसंग में 5000 गौभक्त सम्मिलित हुए थे.
पथसंचलन – गत 6 वर्षों से प्रशासन द्वारा पथसंचलन पर रोक लगाई गई थी. न्यायालयीन प्रक्रिया के चलते मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा अनुमति प्राप्त हुई. परिणामतः दोनों प्रांतों में 19 स्थानों पर संचलन के कार्यक्रम संपन्न हुए, जिसमें 11556 स्वयंसेवक सहभागी हुए.
नवशक्ति संगमम् – 2 दिवसीय बाल शिविर नागरकोइल में संपन्न हुआ. जिसमें 426 स्थानों से 2628 बाल स्वयंसेवक उस्थित रहे.
भारतमाता पूजन – 15 अगस्त के दिन प्रांत में 2043 स्थनों पर भारतमाता पूजन के कार्यक्रम संपन्न हुए. जिसमें 1,55,100 माता, बहनें, बंधु सहभागी हुए.
3). आंध्रप्रदेश –
नगरीय क्षेत्र में बस्तियों में कार्य – प्रांत में सभी बस्तियाँ कार्ययुक्त हों, इस दृष्टि से विशेष योजना बनाई गई. कुल 59 नगरों में 857 बस्तियाँ है. दिनांक 1-7 जनवरी शाखा सप्ताह तय किया. 555 बस्तियों में एक सप्ताह शाखा लगायी गई. कुल 662 शाखायें लगी. अनुवर्ती प्रयासों से 432 शाखा तथा 121 मिलन प्रारंभ हुए. कुल 112 शाखाओं की वृद्धि हुई. वर्तमान में 857 में से 602 बस्तियाँ कार्ययुक्त हुई है.
छात्रावास सर्वेक्षण – प्रांत में चलते अनुसूचित जाति एवं जनजातियों के छात्रावासों का सर्वेक्षण करने की योजना बनाई गयी. 400 छात्रावासों का 900 कार्यकर्ताओं ने सर्वेक्षण किया.
4). प. महाराष्ट्र – प्रांत में दो उपक्रम बहुत उपयुक्त और प्रभावी रुप से संपन्न हुए. इन दोनों कार्यक्रमों में समाज की सहभागिता विशेष उल्लेखनीय है.
निर्मल वारी – आषाढ़ मास में श्रीक्षेत्र पंढरपुर तक लाखों भक्त पदयात्रा करते हुए पहुँचते हैं. लगभग 300 किमी. यात्रा मार्ग पर प्रतिवर्ष स्वच्छता की समस्या रहती है. इस वर्ष संघ के कार्यकर्ताओं ने प्रशासन एवम् जनसहभागिता से समाधान की दिशा में सफल प्रयास किया. 15 दिन तक चलने वाली यात्रा में 8 लाख यात्रियों की सुविधा हेतु 700 शौचालयों की व्यवस्था की गई. कुल 375 स्वयंसेवकों ने पूर्ण 15 दिन तक इसमें सहयोग दिया. मार्ग पर रहने वाले ग्रामवासी तथा पदयात्रियों ने इस उपक्रम की सराहना की.
सामाजिक रक्षाबंधन – पुणे महानगर के कार्यकर्ताओं ने ‘‘स्वच्छता अभियान’’ के तहत 18 से 28 अगस्त इस कालखंड में 3 लाख परिवारों में संपर्क करते हुए जनजागरण किया. दि. 28 अगस्त के दिन 217 केन्द्रों पर 45 टन से अधिक प्लास्टिक एवम् इलेक्ट्रॉनिक कचरा संकलित हुआ. इस बृहत उपक्रम में 15000 बंधु, भगिनियों का सहभाग रहा. 60 विविध सामाजिक संस्थाओं ने भी इस कार्य में सहयोग किया.
5). देवगिरी –
मातृभूमि स्वरवंदना – संभाजी नगर में दिनांक 26 जनवरी 2017 के गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में विशेष प्रकार का भारतमाता पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. विभिन्न घोष पथक जिसमें 23 व्यावसायिक घोष पथक 360 वादकों के साथ बिना किसी आर्थिक अपेक्षा के सम्मिलित हुए यह ‘‘मातृभूमि स्वरवंदना’’ कार्यक्रम की विशेषता रही. कार्यक्रम में मंच पर नगर की विभिन्न 40 जाति संस्थाओं के अध्यक्ष उपस्थित थे. मुख्य अतिथि के रुप में पूज्य भदंत विशुद्धानंद जी बोधी महाथेरो उपस्थित थे. उन्होंने कहा, ‘‘देश के सभी मंदिर, मस्जिद, चर्च, बौद्ध विहार इत्यादि स्थानों पर भी भारतमाता पूजन होना चाहिये.’’ प्रसिद्ध तबला वादक तथा सकल भारतीय चर्मवाद्यों के तज्ञ श्रीमान शरद जी दांडगे भी कार्यक्रम में उपस्थित थे.
360 वादकों ने डेढ़ घंटे से अधिक समय वादन कर स्वरांजलि अर्पित की. इस कार्यक्रम में गुजरात के ‘वर्ल्ड रेकार्ड ऑफ इंडिया’ संस्था के प्रमुख पवन सोलंकी जी ने उपस्थित रहकर ‘‘राष्ट्रीय विक्रम’’ यह प्रमाणपत्र प्रदान किया.
5000 नागरिकों की उपस्थिति में यह कार्यक्रम संपन्न हुआ. अंत में सभी उपस्थित नागरिकों ने पुष्पार्चन कर भारतमाता पूजन किया.
6). गुजरात –
सामाजिक सद्भाव कार्यकर्ता सम्मेलन – प्रांत के सभी नगरों एवं तहसीलों में 15 सदस्यों की समिति का गठन किया गया है. जागरण श्रेणी के 5 कार्यकर्ता और सामाजिक नेतृत्व से 10 नाम इसमें जोड़े गये. ऐसे सभी का सम्मेलन प्रांत में दो स्थानों पर आयोजित किया गया. 176 तहसीलों से 1331 कार्यकर्ता उपस्थित रहे. भविष्य में स्थान-स्थान पर सामाजिक सद्भाव बैठकों का क्रम प्रभावी रूप से क्रियान्वित होगा, ऐसा विश्वास है.
प्रबुद्ध गोष्ठी – संपर्क विभाग द्वारा महेसाणा में ‘‘वैश्विक परिदृश्य में भारत’’ इस विषय पर एक विशेष प्रबुद्ध गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस हेतु 10 श्रेणियाँ बनाकर गटशः संपर्क किया. कुल 842 बंधुओं का पंजीकरण हुआ. कार्यक्रम में सभी 10 श्रेणियों से 25 बहनें तथा 506 बंधु उपस्थित रहे.
जिलाशः एकत्रीकरण – कच्छ विभाग में दोनों जिला के सभी मंडल कार्ययुक्त हों, इस दृष्टि से प्रयास के क्रम में स्वयंसेवकों का विराट एकत्रीकरण का आयोजन किया गया. दो स्थानों पर 87 मंडलों में से 80 मंडलों के 5343 स्वयंसेवक उपस्थित रहे. इस हेतु प्रत्येक शाखा द्वारा घर-घर में संपर्क, कार्यविहिन मंडलों में योजनाबद्ध प्रवास और 19 अल्पकालीन विस्तारकों द्वारा 15 दिन का समय देना, इस प्रकार के प्रयत्नों द्वारा यह एकत्रीकरण सफल हुआ.
7). विदर्भ –
गणसमता स्पर्धा – नागपुर महानगर ने गणसमता प्रतियोगिता का आयोजन किया. प्रतियोगिता में प्रत्येक नगर से एक गण, जिसमें केवल महाविद्यालयीन छात्र और तरुण व्यवसायी (40 वर्ष तक) स्वयंसेवक सम्मिलित थे. सूची बनाना, नगरशः अभ्यास, गुणवत्ता को आधार बनाकर गणों की निश्चिती हुई. अभ्यास हेतु नियमित उपस्थिति अनिवार्य रखी गई. दिनांक 7 दिसंबर को प्रतियोगिता हेतु 12 गणों की निश्चिती की गई. कार्यक्रम की गुणवत्ता का स्तर अच्छा था. इस कार्यक्रम में पू.सरसंघचालक जी एवम् मा. सरकार्यवाह जी उपस्थित थे.
महाविद्यालयीन विद्यार्थी कार्य – वर्ष के प्रारंभ से ही महाविद्यालय कार्य पर चरणबद्ध योजना बनाई गई. प्रथम चरण में तहसीलशः टोली बनाना, टोली के माध्यम से नये छात्रों का संपर्क करना और उन्हें संघकार्य में जोड़ने का प्रयास करना और वर्ष के अंत में तहसीलशः 3 घंटे का एकत्रीकरण हो, ऐसी योजना बनी. सफलता हेतु अवकाश के दिनों में 175 विस्तारक निकले. एकत्रीकरण में सभी मंडल, बस्तियाँ, सभी महाविद्यालय तथा छात्रावासों से प्रतिनिधित्व हो, इस पर ध्यान केन्द्रित किया गया. केवल सोशल मीडिया का उपयोग इस हेतु किया गया. अन्य प्रसार साधनों का उपयोग नहीं किया. सभी एकत्रीकरण में ‘‘राष्ट्रनिर्माण में युवाओं का योगदान’’ विषय पर बौद्धिक वर्ग हुआ. प्रांत में 132 तहसीलों में 125 एकत्रीकरण हुए. 568 मंडलों से, 1570 ग्रामों से, 573 बस्तियों से प्रतिनिधित्व रहा. 751 महाविद्यालय और 125 छात्रावासों से 13736 छात्र उपस्थित रहे. अनुवर्ती प्रयास में कार्यवृद्धि हेतु योजना बन रही है.
8). मालवा –
राष्ट्र चेतना शिविर – प्रांत में महाविद्यालयीन विद्यार्थियों के शिविर का आयोजन नवंबर 2016 को किया था. शिविर में 628 स्थानों से 5240 छात्रों ने भाग लिया. 3043 स्नातक, 380 स्नातकोत्तर और 1172 व्यायसायिक पाठ्यक्रमों के छात्रों की उपस्थिति रही. एक सत्र प्राध्यापक बंधुओं हेतु रखा था, जिसमें 110 प्राध्यापक उपस्थित रहे.
9). मध्यभारत –
बाल शिविर – बाल कार्य में गुणात्मकता और शाखाओं की वृद्धि इस दृष्टि से प्रांत में विशेष ध्यान दिया गया. विशेषतः शाखा टोली, पालक योजना, नगर स्तर पर बाल प्रमुखों की सक्रियता बढ़े ऐसा प्रयास रहा. कुछ निश्चित की हुई अर्हतायें पूर्ण करके ही शिविर में आना था. सभी स्तरों पर पालकों की योजना की गई. नगर स्तर पर नैपुण्य वर्ग हो, इसका भी आग्रह था.
दिनांक 24 से 27 नवंबर 2016 को गुना में शिविर संपन्न हुआ. जिसमें 30 जिलों से 1876 बाल सहभागी हुए. कार्यवृद्धि के नाते शिविर निश्चित ही उपयुक्त सिद्ध होगा.
ग्वालियर महानगर में विशेष प्रयास – महानगर की सभी 56 बस्तियाँ शाखायुक्त हों, यह संकल्प किया था. दिनांक 15 दिसंबर 2016 के दिन एक ही विशाल मैदान में बस्तीशः शाखा लगाने की योजना बनी. प्रत्येक शाखा में कोई एक अधिकारी उपस्थित रहे, ऐसा नियोजन किया गया. उस दिन 54 बस्तियों की शाखा लगी, जिसमें 928 स्वयंसेवकों की उपस्थिति रही. इसमें मा. सरकार्यवाह जी का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ. अभी 54 बस्तियों में शाखा प्रारंभ हुई है.
10). महाकौशल –
सामाजिक समरसता सम्मेलन – प्रांत में समरसता वर्ष की संकल्पना को सामने रखकर विशेष प्रयास किये गये. 880 मंडलों में बैठकें एवं 40 संगोष्ठियाँ हुई. प.पू. बालासाहेब देवरस जी का वसंत व्याख्यानमाला, पुणे में दिये गये भाषण की 15000 पुस्तिकाओं का वितरण किया गया. जनवरी 2017 में स्थान-स्थान पर ‘समरसता सम्मेलनों’ का आयोजन किया गया. 180 खंडों के 4157 ग्रामों से 1,35,700 पुरुष तथा 55 हजार से अधिक महिलायें उपस्थित रहीं. सम्मेलन में 80 प्रतिशत जातियों का प्रतिनिधित्व रहा. 470 पूजनीय संतों की उपस्थिति भी प्रेरणादायी रही. इस निमित्त 275 रथयात्राएं निकाली गई. उस समय चार लाख से अधिक पत्रकों का वितरण किया गया.
प.पू. बालासाहेब जी के पैतृक ग्राम ‘‘कारंजा’’ में विशेष कार्यत्त्म का आयोजन किया गया. जिसमें लांजी खंड के 125 ग्रामों से 2524 नागरिक उपस्थित रहे.
श्रम साधना – प्रांत में 463 स्थानों पर 9946 कार्यकर्ता और 4194 नागरिक इस श्रम साधना के कार्य में सहभागी हुए.
11). दिल्ली – दिल्ली प्रांत में 26 जनवरी 2017 को गुणवत्ता संचलन हुआ. संचलन में 14 से 35 आयु के 1074 चयनित स्वयंसेवकों ने भाग लिया, जिनमें 252 घोष वादक थे. तेज वर्षा के बीच यह संचलन मंदिर मार्ग के विद्यालय से कनाट प्लेस तक निकाला गया.
12). उत्तराखंड –
नगर/खण्डशः बाल पथ संचलन – उत्तराखंड में खंड/नगरशः बालों के पथसंचलन की योजना बनाई गई. 30 नगर एवम् 37 खंडों में संचलन निकले, जिसमें 4506 बाल स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में सम्मिलित हुए.
13). गोरक्ष –
सेवा सप्ताह – गोरक्ष प्रांत में इस वर्ष की कार्य योजना में प.पू. बालासाहेब देवरस जी के जन्मशताब्दी वर्ष को निमित्त बनाकर दिनांक 9 नवंबर से 15 नवंबर 2016 को ‘सेवा सप्ताह’ के रूप में संपन्न करने की योजना बनी.
इसमें सेवा विषय पर बौद्धिक वर्ग, सेवा दिन, सेवा बस्ती/ग्राम संपर्क, स्वच्छता दिवस, स्वास्थ्य दिवस, पर्यावरण संरक्षण तथा सातवें दिन सेवा केन्द्र दर्शन इस प्रकार सात दिन की योजना बनी. लगभग 50 प्रतिशत शाखाओं की अच्छी सहभागिता रही. 980 स्वयंसेवकों द्वारा 206 बस्तियों में संपर्क हुआ. 653 स्थानों पर 4452 स्वयंसेवकों ने स्वच्छता का कार्य किया. 192 शाखाओं ने 362 चिकित्सकों की सहायता से स्वास्थ्य संबधित कार्यक्रम आयोजित किये. जिसमें लगभग 15000 रुग्णों की चिकित्सा की गई. पर्यावरण जागरण उपक्रम में लगभग 6000 बंधु सहभागी हुए. सेवा केन्द्र दर्शन हेतु 730 कार्यकर्ता गये. अत्यंत प्रभावी रूप से सेवा सप्ताह का आयोजन संपन्न हुआ.
13). दक्षिण बंग –
मकर संक्रमण कार्यक्रम – पू.सरसंघचालक जी के प्रवास क्रम में कोलकाता महानगर का मकर संक्रमण के अवसर पर स्वयंसेवकों का एकत्रीकरण संपन्न हुआ. जिसमें महानगर के 314 केद्रों से 1848 स्वयंसेवक उपस्थित रहे. शारीरिक प्रदर्शन भी हुए. लगभग 2000 गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति उल्लेखनीय है. प्रसार माध्यमों का सहयोग भी सकारात्मक रहा.
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