देहली पुलिस ने नजीब अहमद के कमरे से लैपटॉप बरामद किया था, जिसकी ब्राउजिंग हिस्ट्री से पता चला कि वह आईएसआईएस से संबंधी जानकारियां जुटाता था। उसने आईएस से संबंधित कई वीडियो यूट्यूब पर देखे थे। वह जानना चाहता था कि कैसे आतंकी संगठन आईएस से कैसे जुडना किया जाता है।
२७ मार्च तक न्यायालय का निर्णय सुरक्षित
देहली पुलिस ने यह भी दावा किया है कि १४ अक्टूबर की रात नजीब अहमद अपने कमरे में एक आईएसआईएस नेता के भाषण सुन रहा था। उसी समय एबीवीपी के सदस्यों ने उसका दरवाजा खटखटाया था। उसके अगले दिन ही नजीब जेएनयू से लापता हो गया था। उसी दिन कैंपस में लगे सीसीटीवी फुटेज में नजीब एक ऑटो रिक्शा से कहीं बाहर जाता दिखाई देता है। वहीं, लाई डिटेक्टर टेस्ट मामले में देहली की एक न्यायालय ने २७ मार्च तक के लिए अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया है।
देहली पुलिस ने २३ जनवरी को जारी नोटिस में दावा किया था कि नजीब के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए आरोपी छात्रों का लाई डिटेक्टर टेस्ट कराना जरूरी है। आरोपी छात्रों ने यह टेस्ट करवाने से इंकार किया और वो इस मामले को अदालत में ले गए। आरोपी छात्रों के वकील ने बिना सहमति के होने वाले लाई डिटेक्टर टेस्ट को गैरकानूनी बताया था।
स्त्रोत : पंजाब केसरी
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