Tuesday, December 20, 2011

रूसी संघीय अधिकारियों के समक्ष उठा गीता का मुद्दा

मास्को। रूस में भारत के राजदूत अजय मल्होत्रा ने बताया कि हिंदू धर्मग्रंथ भगवद गीता पर लगाई गई पाबंदी हटाने की मांग को भारत ने रूस के समक्ष जोरदार तरीके से उठाया है।
ईसाई आर्थोडोक्स चर्च से जुड़े एक संगठन ने गीता को 'चरमपंथी' ग्रंथ करार दिया है। राजदूत मल्होत्रा ने कहा कि मास्को में भारतीय दूतावास ने इस मुद्दे को रूसी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने उठाया और अनुकूल और सकारात्मक हस्तक्षेप की मांग की है।
रूस में तोम्स्क की एक अदालत ने भगवद गीता पर प्रतिबंध लगाने की मांग संबंधी याचिका पर अपना फैसला 28 दिसंबर तक के लिए टाल दिया। साइबेरिया के तोम्स्क में हिंदू धर्मग्रंथ भगवद गीता को चरमपंथी करार देते हुए ईसाई आर्थोडोक्स चर्च से जुड़े एक संगठन ने इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। यह मांग रूस में भगवान कृष्ण के श्रद्धालुओं और साइबेरिया के तोम्स्क में स्थानीय अधिकारियों के बीच हितों के टकराव को देखते हुए की गई है।
मास्को में मल्होत्रा और उनके मिशन ने इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ कृष्णा कांश्यिसनेस [इस्कान] की स्थानीय इकाई के प्रति सार्वजनिक तौर पर अपना समर्थन जताया है।
अदालत अपना फैसला सुनाने से पहले तोम्स्क क्षेत्र में मानवाधिकार पर रूस के लोकपाल औम्बुड्समैन, मास्को और पिट्सबर्ग में इसके अनुयाई की राय लेंगे। यह मामला रूस में पंजीकृत एक सामाजिक-सांस्कृतिक तक संगठन और स्थानीय प्रशासन के कानूनी संबंधों को लेकर है। इसके बावजूद मास्को में भारतीय दूतावास ने इस पर सार्वजनिक तौर पर समर्थन जताया है।
मल्होत्रा ने रेखांकित किया किया कि मास्को में इस्कॉन के शीर्ष प्रतिनिधियों के साथ लगातार संपर्क बना हुआ है। वह 21 अगस्त को जन्माष्टमी उत्सव पर इस्कॉन मंदिर गए थे। इसके अलावा 24 सितंबर को भारत के पर्यटन मंत्री सुबोधकांत सहाय के साथ इस्कॉन मंदिर गए थे।
पिछले जन्माष्टमी के अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर राजदूत मल्होत्रा ने गीता को एक अत्यंत महत्वपूर्ण धर्मग्रंथ बताते हुए कहा था कि इससे आप भगवान कृष्ण के अर्जुन को दिए गए ईश्वर और मानवता की निस्वार्थ सेवा के संदेश के जरिए दुनिया को जान सकते हैं।
तोम्स्क की अदालत के लिए अपने जवाब के तौर पर उन्होंने कहा है कि ऐसी भक्तिवेदांता स्वामी प्रभुपाद द्वारा अनुदित गीता के बारे में उनका मानना है कि आप इससे स्वयं को जान सकते हैं। भारतीय मिशन ने मास्को ने इस्कॉन से भी तोम्स्क के लिए एक श्रेष्ठ कानूनी पेशेवर की सहायता लेने को कहा है।
'तोम्स्क डाट आरयू सिटी' न्यूज पोर्टल के मुताबिक, तोम्स्क क्षेत्र में एक समुदाय की स्थापना से इस्कॉन के पीछे हटने की योजना को स्थानीय आर्थोडाक्स ईसाइयों और भगवान कृष्ण के अनुयाइयों के बीच टकराव का कारण माना जा रहा है।
वहीं साइबेरिया में हिंदू धर्मग्रंथ भगवद गीता पर पाबंदी की मांग को लेकर खड़े हुए विवाद पर रूस ने अफसोस जताते हुए कहा है कि इस पवित्र ग्रंथ को अदालत में ले जाना स्वीकार नहीं है।
भारत में रूस के राजदूत एलेक्जेंडर एम कादाकिन ने सोमवार रात एक बयान जारी कर कहा कि यह अजीब बात है कि साइबेरिया के खूबसूरत शहर तोमस्क में इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। यह अपनी धर्मनिरपेक्षता और सहिष्णुता के लिए विख्यात रहा है।
उन्होंने कहा कि यह बेहद दुखद है। मैं इसे पूरी तरह अस्वीकार करता हूं कि पवित्र ग्रंथ को अदालतों के ले जाया जाए। वहीं, रूस की एक अदालत ने भगवद गीता पर प्रतिबंध लगाने की मांग पर अपना फैसला 28 दिसंबर तक के लिए टाल दिया। ईसाई आर्थोडोक्स चर्च से जुड़े एक संगठन ने गीता को 'चरमपंथी' ग्रंथ करार दिया है।
साइबेरियाई शहर तोमस्क की एक अदालत द्वारा फैसला टालने के बाद इस्कॉन के प्रिय दास ने कहा कि यह फैसला 28 दिसंबर तक के लिए टाल दिया गया है क्योंकि इस्कॉन की स्थानीय इकाई के वकील ने अदालत से रूसी लोकपाल और रूस में इंडोलाजी के मुख्य केंद्र मास्को तथा सेंट पीटर्सबर्ग के विशेषज्ञों से राय लेने की मांग की है।
इससे पहले रूस के लोकपाल [औम्बुड्समैन] व्लादिमीर लुकिन ने अपना बयान जारी करके घोषणा की थी कि इस्कॉन के संस्थापक ए सी भक्तिवेदांता स्वामी द्वारा लिखित 'भगवद गीता एज इट इज' विश्व भर में प्रतिष्ठित पुस्तक है और रूस में इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग स्वीकार नहीं है।
वहीं, रूस में रह रहे भारत, बांग्लादेश, मारीशस, नेपाल और अन्य देशों के हिन्दुओं ने आपातकालीन बैठक में अपने हितों की रक्षा के लिए 'हिंदू काउंसिल आफ रूस' बनाई। दास को इस संगठन का अध्यक्ष चुना गया। उन्होंने कहा कि हमें रूस की न्यायपालिका पर विश्वास है और अंत में सच्चाई सामने आएगी।
गीता पर प्रतिबंध लगाने की मांग पर टिप्पणी करते हुए मास्को इस्कॉन के दास ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में यहा के भारतीय राजदूत से गुहार लगाई है। दास ने कहा कि हम मास्को में भारतीय दूतावास के संपर्क में हैं। हमारे सहयोगियों ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यालय से गुहार लगाकर मदद की मांग की है। वे इस मुद्दे पर ध्यान दे रहे हैं।
अमेरिका में हिंदू नेता राजन जेद ने भी तोमस्क में गीता पर प्रतिबंध लगाने की मांग की आलोचना की है।

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