Wednesday, August 14, 2013

उत्तराखंड में पुनर्वास के लिए संघ की पहल; खोले छात्रावास, स्वास्थ्य केन्द्र

उत्तराखंड में पुनर्वास के लिए संघ की पहल; खोले छात्रावास, स्वास्थ्य केन्द्र

Source: VSK-Uttarakhand      Date: 14 Aug 2013 10:04:45
undefinedदेहरादूनअगस्त 14 :जहां एक ओर समुचित धनराशि होने के बाबजूद प्रदेश सरकार आपदा पीड़ितों व प्रभावितों के लिए कुछ खास नहीं कर सकी है, वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बिना किसी सरकारी मदद के उत्तराखंड के आपदा पीड़ितों व प्रभावितों  के बच्चों को निशुल्क भोजन व शिक्षा की व्यवस्था कर सराहनीय कार्य कर रहा है। संघ ने जनसहयोग से देहरादून व गुप्तकाशी में 2 छात्रावास व नारायणकोटी व अन्दरवाड़ी लमगौंड़ी में दो स्वास्थ्य केन्द्र खोले हैं। 
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में यह भयानक आपदा आने के बाद संघ सक्रिय हो गया था। संघ ने उत्तराखण्ड की आपदा में पीड़ित परिवारों के पुनर्वास के लिये भी कदम बढ़ाने शुरू कर दिये हैं। 
संघ ने प्रारम्भिक चरण में प्रभावित क्षेत्रों के छात्रों के लिए एक छात्रावास सुमन नगर देहरादून में तथा दूसरा गुप्तकाशी में प्रारम्भ किया हैं। वर्तमान में सुमन नगर में 16 छात्र तथा गुप्तकाशी में 26 छात्रों को छात्रावासों में ठिकाना उपलब्ध कराया है। इसके साथ ही उन बच्चों का पंजीकरण विभिन्न स्कूलों में कर उनके लिये पाठ्य पुस्तकों आदि का प्रबंध भी किया है। इसी के साथ दो चिकित्सालय एक माधव सेवा आश्रम नारायण कोटी तथा दूसरा अन्दरवाड़ी लमगौंड़ी में प्रारम्भ हुआ है। 
ज्ञातव्य है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेशराव उपाख्य भैयाजी जोशी पूर्व में यहां एक प्रेसवार्ता में इस बारे में घोषणा कर चुके थे। उसी घोषणा के क्रम में संघ ने इस योजना की शुरुवात की है। 
सेवा कार्य में जुटे दैवी आपदा पीड़ित सहायता समिति के राजेश थपलियाल ने बताया कि तात्कालिक राहत व बचाव कार्यो के बाद संघ ने पुनर्वास की विभिन्न योजनाओं पर कार्य करना प्रारम्भ कर दिया है। उन्होंने बताया कि सर्वाधिक आपदा पीड़ित क्षेत्र के विद्यार्थियों के छात्रावासों की आवश्यकता अनुभव होने पर तत्काल छात्रावास शुरू किये गये हैं, जिनमें प्रभावित क्षेत्र के अनाथ व अभिभावक से वंचित छात्रों को रखा गया है। गुप्तकाशी के छात्रावास में 26 छात्र कक्षा 6 से लेकर कक्षा 10 के हैं, जिन्हें आसपास के स्कूलों में प्रवेश दिलाया गया है। यदि आवश्यकता महसूस हुयी तो और भी छात्रावास व स्वास्थ्य केन्द्र खोले जा सकेत हैं। 
देहरादून में सुमन नगर स्थित छात्रावास में केदारघाटी के रामवाड़ा, गौरीकुन्ड, चन्द्रापुरी आदि ग्रामों के प्रभावित विद्यार्थियों को रखा गया है। यहां कक्षा 6 से लेकर बीएससी तक के 16 छात्र हैं। जिन्हें एस.जी.आर.आर., गोवर्द्धन सरस्वती विद्या मन्दिर सहित विभिन्न स्कूल कालेजों में प्रवेश दिलाया गया है। संघ ने सुमन नगर छात्रावास की जिम्मेदारी संघ के वरिष्ट प्रचारक रहे महावीर को सौंपी हैं। राकेश बौड़ाई महानगर सेवा प्रमुख को छात्रावास में सहयोग के लिए लगाया है।
महावीर के अनुसार इस छात्रावास में 16 छात्रों में 5 छात्र ऐसे हैं, जिन्होंने इस आपदा में अपने परिजनों को खोया है। उन्होंने बताया लिसवेटा जखोली के कक्षा 6 के छात्र लक्ष्मण रावत ने अपने पिता को खो दिया जो रामवाड़ा में खच्चर चलाते थे। ग्राम सोबना अगस्तमुनि के 10वीं के छात्र प्रमोद के पिता का रामबाड़ा में होटल था जिसमें वे तो बह ही गये साथ ही होटल भी जमीन्दोज होकर नदी में बह गया। इसी तरह अजय रावत, जो डांगी अगस्तमुनि का रहने वाला है, का 16 वर्षीय भाई आशिष भी आपदा की भेंट चढ़ गया तथा सम्पति का भी भारी नुकसान हुआ, स्यूर बंगार अगस्तमुनि के छात्र प्रवीण नेगी के पिता, जो रामवाड़ा में किसी होटल में काम करते थे, आपदा के शिकार हो गये। प्रवीण कक्षा 9 का छात्र है। बड़सू गुप्तकाशी के अनूप को अपने 21 वर्षीय भाई की मृत्यु का दु:ख आज भी सता रहा है। 11वीं के छात्र अनूप का भाई खच्चर लेकर केदारनाथ गया था जो लौटकर नहीं आया। उसके सिर से भी मुखिया का साया हट गया। 
महावीर ने बताया कि वह छात्रावास में इन छात्रों के साथ 24 घंटे रहते हैं। आपदा में अपनों को खोने तथा खेत, खलिहान, घर-दुकान तथा भारी हानि के कारण आर्थिक आधार गवां चुके ये छात्र अभी भी सदमें में हैं। इन्हे आर्थिक सहायता से अधिक नैतिक संबल व स्नेह देने की आवश्यकता है ताकि आपदा की उन खौफनाक यादों से ऊबर सकें।
बहरहाल हमेशा से समाज सेवा में लगे संघ ने आपदा पीड़ितों व प्रभावितों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के प्रयास शुरु कर दिये हैं। इसी कड़ी में संघ ने छात्रावासों व स्वास्थ्य केन्द्रों को खोला है। संघ के कार्यकर्ता आपदाग्रस्त इलाकों से ऐसे पीड़ितों व प्रभावितों के पाल्यों को ढूंढ-ढूंढ कर उन्हें अध्ययन, भोजन व आवास की सुविधा उपलब्ध करा रहा है। संघ का मानना है कि किसी भी पीड़ित व प्रभावित को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना, उसकी रोजी-रोटी का प्रबन्ध करना उसका दायित्व है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए घारचूला से लेकर उत्तरकाशी मनेरी तक संघ के कार्यकर्ता आपदा ग्रस्त गांवों तक पहुंच बनाकर कार्य कर रहे हैं।


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