Saturday, August 31, 2013

उत्तरांचल उत्थान परिषद द्वारा एडमंड हिलेरी पर्यावरण पुरस्कार प्राप्त डा. हर्षवंती बिष्ट सम्मानित

देहरादून, अगस्त 28 : प्रदेश की प्रख्यात शिक्षाविद् व पर्यावरणविद् और हाल ही में आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड द्वारा एडमंड हिलेरी पर्यावरण पुरस्कार के लिए चयनित डा. हर्षवंती बिष्ट को सामाजिक संस्था उत्तरांचल उत्थान परिषद ने उनके सामाजिक, शैक्षिक एवं पर्यावरणीय क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया।
जोगीवाला स्थित उत्तराचंल उत्थान परिषद के प्रांतीय कार्यालय पर आयोजित इस सम्मान समारोह को बतौर विशिष्ट अतिथि संबोधित करते हुए दैनिक जागरण के स्थानीय संपादक कुशल कोठियाल ने कहा कि आज उत्तराखंड को स्वयंसेवी संस्थाओं और डा. हर्षवंती बिष्ट जैसी सख्सियतों की बहुत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को बने 12 साल से अधिक हो गए है लेकिन इसकी जो तस्वीर राज्य आन्दोलनकारियों के जेहन में थी हम इसे वैसा बना नहीं सके। उन्होंने कहा कि हमकों आज इस पर बहुत गंभीरता से सोचने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि पत्रकारिता, पुलिस, राजनीति के साथ-साथ एनजीओ के क्षेत्रों में भी भ्रष्ट्राचार ने दस्तक दी है और इन क्षेत्रों में नैतिक मूल्यों गिरावट आई है। लेकिन ऐसे दौर में भी उत्थान परिषद जैसी संस्थाएं अच्छा कार्य कर रही है यह प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ आपदा में हमने धन और जन के साथ अपनी छवि भी खोई है जिसकी भरपाई मुश्कील है। देश और दुनिया में उत्तराखंड की जो छवि बिगड़ी है उसमें सरकार का बहुत योगदान है।
उन्होंने कहा कि जब प्रदेश के मुखिया को राज्य की छवि बनानी थी तब वे अपनी छवि बनाने के चक्कर में दिल्ली का चक्कर काट रहे थे। जबकि उनको आपदा के समय खुद पीड़ितों की मदद देते हुए दिखना चाहिए था जिससे एक सकारात्मक संदेश पूरे देश में जाता। सरकार की संवेदनहीनता को रेखांकित करते हुए कहा कि पिछले दिनों गैरसैंण में एक चट्टान गिरने और उससे झील बनने के खतरे की रिपोर्टे सभी अखबारों में छपी लेकिन सरकार ने उसका संज्ञान लेने के बजाय उसका खंडन किया। इससे साबित होता है कि आपदा के पानी के साथ सरकार की आंखों का पानी भी सूख गया है।
उन्होंने कहा कि आज उत्तराखंड दुर्दशा का कारण बस एक है कि जिनकों इसके बारे में सोचना चाहिए था उन्होंने इसके छवि के बारे में नहीं सोचा। उन्होंने सरकार की इस संवेदनहीनता के लिए विपक्ष को भी जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि यहां का विपक्ष सदैव अच्छा मित्र विपक्ष ही बना रहा जिसका खामियाजा इस राज्य को भोगना पड़ रहा है।
उन्होंने पत्रकारिता में गिरावट को रेखांकित करते हुए कहा कि इसका कितना पतन हुआ यह किसी से छिपा नहीं है। केदारनाथ आपदा के समय जिस तरह से इलेक्ट्रानिक मीडिया ने एक स्थान पर महिलाओं से थाली बजवाया और पूरे देश को यह संदेश दिया कि यहां के लोग भूखों मर रहे है इसकी गिरावट का एक उदाहरण है। उन्होंने आपदा के समय लूटपाट की खबरों को मीडिया का ड्रामा बताया।
उन्होंने कहा कि किसी भी एनजीओ को अपने कार्य को सर्वोत्तम ढंग से संपादित करने के लिए पांच बिंदुओं को ध्यान में रखना चाहिए जिसके तहत संकल्प, समर्पण, जनसहभागिता, संसाधन और शुचिता का नाम लिया जा सकता है। उन्होंने एनजीओ क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्ट्राचार को स्पष्ट करते हुए कहा कि आज स्वयंसेवी संस्थाएं भी भ्रष्ट्राचार के मामले में एक पैरेलल सरकार का कार्य कर रही है। उन्होंने सभी स्वंयसेवी संस्थाओं को अपनी ऐसी छवि को बदलने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित डा. हर्षवंती बिष्ट ने कहा कि लोगों को अंधेरों और परेशानियों से घबराना नहीं चाहिए बल्कि उनसे लड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस राज्य से गंगा निकलती है जिसे देश में देवभूमि का दर्जा प्राप्त है वहां कुछ ऐसा कार्य होते रहना चाहिए जो देश में इसकी एक अलग पहचान को बनाए रखे। उन्होंने सरकार की असफलता की आलोचना करते हुए कहा कि जिस दिन हमारे मतदाता जागरूक हो जाएगें और स्वहित छोड़ कर सर्वहित की बात करेंगे उस दिन सरकारें भी ठीक हो जाएंगी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डीएवी महाविद्यालय के प्राचार्य डा. देवेन्द्र भसीन ने कहा कि डा. हर्षवंती बिष्ट हमारे राज्य की गौरव और प्रेरणा है। उन्होंने उनकों अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त होने पर बधाई दी और कहा कि आप की उपलब्धियां हम सबकों प्रेरित करती है।
केदारनाथ की आपदा को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह की आपदा आई शायद भूतकाल में ऐसी कोई आपदा नहीं आई और भविष्य में नहीं आएगी इसकी गारंटी भी कोई नहीं ले सकता। यह त्रासदी हमारे सामने एक बड़ा प्रश्न छोड़ कर गई है कि आखिर हमने राज्य निर्माण के 12 वर्ष की यात्रा में क्या पाया है। आज हमें राज्य के विकास का ब्लूप्रिटं तैयार करना होगा और उसको योजनाबद्ध ढंग से क्रियान्वित करना होगा।
कार्यक्रम में उपस्थित रा. स्व. संघ के उत्तराखंड प्रान्त कार्यवाह लक्ष्मी प्रसाद जायसवाल ने भी अपनी बात रखी और दैवी आपदा पीड़ित सहायता समिति के माध्यम से आपदा पीड़ितों को उपलब्ध कराई सहायताओं का आकड़ा लोगों के सामने रखा। जबकि उत्तरांचल उत्थान परिषद के अध्यक्ष भजन सिंह खत्री ने संस्था के गठन से लेकर अब तक किये गए कार्यो का विस्तृत लेखाजोखा प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार शाक्त ध्यानी की मासिक पत्रिका हलन्त का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन रामप्रकाश पैन्यूली ने किया और धन्यवाद ज्ञापन संस्था के उपाध्यक्ष प्रेम जी बड़ाकोटी ने किया।
इस दौरान रा. स्व. संघ के प्रान्त व्यवस्था प्रमुख सुरेन्द्र मित्तल, पत्रकार गोविन्द कपटियाल, शशिकांत दीक्षित, दीपक डिमरी, भारत चौहान, अजय जोशी, शाक्त ध्यानी, डा. वी डी शर्मा, जी के मित्तल, सतीश अग्रवाल, सूचना आयुक्त विनोद नौटियाल, जगदीश बाबला, कमला पंत, संजय जैन, आजाद सिंह रातव, हिन्दुस्थान समाचार के ब्यूरो चीफ धीरेन्द्र प्रताप सिंह, दयानन्द चंदोला, ब्रह्मीदत्त जोशी, ॠषिराज डबराल, अरुण गौड़ आदि प्रमुख लोग उपस्थित थे।


Source: VSK-Uttaranchal      Date: 30 Aug 2013 21:03:53

No comments: