Tuesday, October 25, 2016

अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल, भाग्यनगर (तेलंगाणा) – विभिन्न राज्यों में जेहादी सांप्रदायिक हिंसा पर वक्तव्य

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गत कुछ दिनों में पं बंगाल, तमिलनाडु एवं कर्नाटक जैसे कुछ राज्यों में अतिवादी जेहादी तत्वों द्वारा की गई क्रूर सांप्रदायिक हिंसा और प्रस्थापित सत्ता केन्द्रों की निष्क्रियता की कठोर निंदा करता है और ऐसी हिंसा फ़ैलाने वालों के विरुद्ध त्वरित कार्यवाही तथा अतिवादी तत्वों के प्रति सतर्क रहने की माँग करता है.
गत विधानसभा चुनावों के बाद पं बंगाल में, हिन्दुओं के विरुद्ध सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं में भयावह वृद्धि हुई है, जिनमें अब तक अनेक मृत्यु एवं बड़ी संख्या में लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. अनेक ग्रामों में, हिन्दुओं की सम्पत्ति को नष्ट किये जाने, महिलाओं के उत्पीड़न, मंदिरों तथा मूर्तियों को भ्रष्ट करने की घटनाओं आदि के परिणामस्वरूप हिन्दू समाज इन क्षेत्रों से पलायन करने को विवश हो रहा है. ऐसी ही एक घिनौनी घटना में, 10 अक्तूबर को नदिया जिले के हंसकाली थाना अंतर्गत दक्षिण गांजापारा क्षेत्र में एक दलित नाबालिग बालिका मऊ रजक पर उसके घर में ही हमला करके उसकी हत्या कर दी गई. गत दिनों दुर्गापूजा के समय हिन्दुओं को पंडाल खड़े करने से रोका गया और एक दर्जन से अधिक घटनाओं में दुर्गा पूजा विसर्जन यात्राओं पर हमले भी हुए. शासन तंत्र  ऐसी घटनाओं में मूक दर्शक बन कर प्राथमिकी भी दर्ज नहीं कर रहा है. कोलकाता उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार द्वारा दुर्गा विसर्जन पर समय की अव्यवहारिक पाबन्दी लगाने के सरासर पक्षपातपूर्ण व्यवहार की ‘अल्पसंख्यक तुष्टीकरण’ कहते हुए कठोर शब्दों में निंदा की है.
तमिलनाडु, केरल एवं कर्नाटक सहित दक्षिण भारत के विभिन्न राज्यों में जेहादी तत्वों द्वारा हिंसात्मक गतिविधियों में वृद्धि होती दिखाई दे रही है, जिनमें हिन्दू, विशेष रूप से विविध राष्ट्रवादी संगठनों में कार्यरत स्वयंसेवकों पर हिंसक आक्रमण हुए हैं.
गत दो मास में, तमिलनाडु राज्य में चेन्नई, कोयम्बटूर, मदुरै एवं डिंडीगुल आदि स्थानों पर हिंसात्मक घटनाओं में वृद्धि होती दिखाई दे रही है, जिसमें राष्ट्रीय स्वयसंवेक संघ, विहिप, भाजपा एवं हिन्दू मुन्नानी के अनेक कार्यकर्ताओं पर आक्रमण हुए हैं. शासन-तंत्र द्वारा जानबूझकर की गई अनदेखी से इन अतिवादी तत्वों के दुस्साहस में वृद्धि हुई है, जिसके कारण इन में से कुछ स्थानों पर संघ कार्यकर्ताओं की हत्या, करोड़ों रुपयों की सम्पत्ति का विनाश एवं हिन्दू महिलाओं पर अत्याचार हुए हैं. अम्बुर में महिला पुलिस बल के विरुद्ध हिंसा इन शक्तियों के बढ़ते प्रभुत्व को दर्शाती है, जिसे नियंत्रित करने में शासन भी असमर्थ हो रहा है. एक सांप्रदायिक संगठन के प्रमुख नेता द्वारा दी गई ‘सीधी कार्यवाही’ की धमकी भयावह भविष्य की चेतावनी है. राज्य प्रशासन द्वारा ऐसे तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई करने की अनिच्छा एवं उनके दबाव में आकर राष्ट्रवादी शक्तियों का उत्पीड़न अकल्पनीय है.
इसी मास कर्नाटक में एक संघ स्वयंसेवक की व्यस्त सड़क पर दिनदहाड़े हत्या कर दी गई. गत कुछ दिनों में कर्नाटक में बंगलूरू के अलावा मुडबिदरी, कोडागु एवं मैसूर में जेहादी तत्वों द्वारा चार से भी अधिक हिन्दू कार्यकर्ताओं की हत्याएँ हुई हैं.
केरल एवं तेलंगाना सहित विभिन्न राज्यों में गत दिनों में हुई गिरफ्तारियों से यह स्पष्ट होता है कि उपरोक्त घटनाएँ पृथक स्थानीय घटनाएँ नहीं है, अपितु विभिन्न राज्यों के अतिवादी तत्वों की परस्पर सांठ-गांठ की और संकेत करती हैं, जिनका संबंध IS जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों से भी है.
रा. स्व. संघ संबंधित राज्य सरकारों से आग्रहपूर्वक माँग करता है कि ऐसे तत्वों की अविलम्ब और निष्पक्ष जाँच कर अपराधियों को दण्डित करें एवं समाज में शांति एवं सद्भाव के लिए सदा सतर्क रहें.

सीएनटी एक्ट संशोधन के विरोध के पीछे चर्च और मिशनरीज़

रांची (विसंकें). सीएनटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ सरकार के विरोध में चर्च और मिशनरियों की भूमिका जांच एजेंसियों के सवालों के घेरे में है. विशेष शाखा ने सीएनटी एक्ट में बदलाव को लेकर शुरु हुई कवायद के बाद एक रिपोर्ट सौंपी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 15 सितंबर को आदिवासी बुद्धिजीवी मंच ने रांची में रैली बुलायी थीजिसमें रांचीगुमलाखूंटी सिमडेगा लोहरदगा के चर्च द्वारा लोगों को शामिल किया गया. आयोजन में एक पास्टर की बड़ी भूमिका भी रहीजो खूंटी में खुद को मुंडा समाज से जुड़ा बताता है. ऐसे आंदोलनों को फाइनेंशियल और लॉजिस्टिक सपोर्ट भी मिशनरी संस्थाओं द्वारा दिये जाने की बात भी रिपोर्ट में है. कार्यक्रम के आयोजन में बैंक अधिकारीऔर दो अन्य की भूमिका अहम है. रिपोर्ट में जिक्र है कि गुमला जिले में एक स्कूल के हेड ने किसी धार्मिक संस्था से घोषणा करवायी कि खास समुदाय के लोग 200 रुपये चंदा दें. वहीं परिवार के एक व्यक्ति को निश्चित रुप से रैली में भेजने को कहा गया था. रैली के दिन प्राथमिक मध्य विद्यालय पालकोट को भी बगैर किसी आदेश के बंद कर दिया गया. स्कूल के छात्रों को रैली में भेज दिया गया. विशेष शाखा की रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि धार्मिक संस्थान द्वारा वह ऐलान किया गया कि रैली में नहीं जाने पर 100 रुपये का जुर्माना देना होगा.
इस मुददे पर विहिप के प्रदेश मंत्री सह मीडिया प्रभारी गंगा प्रसाद ने कहा कि चर्च के इशारे पर मिशनरी सीएनटी एक्ट के विरोध को हवा दे रहे हैं. एक सोची-समझी साजिश के तहत झारखंड को अशांत करने की साजिश चल रही है. मतांतरण में इसाई मिशनरियां काम कर रही है. गरीब भोले-भाले आदिवासियों को शिक्षारुपये का लोभ देकर मतांतरण कराया जा रहा है. अब तो साबित भी हो चुका है कि मतांतरण में सरकारी पदाधिकारी भी शामिल है. उन्होंने कहा कि विहिप मांग करती है कि ऐसे पदाधिकारी को चिन्हित कर जेल भेजा जाये.
अभाविप के प्रदेश संगठन मंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि सीएनटी एक्ट के मामले में मिशनरी राज्य के भोले-भाले आदिवासी समुदाय के लोगों को बरगलाने का काम कर रही है. राज्य के विकास में सबसे बड़ा दुश्मन ईसाई मिशनरियां है. मिशनरी एक सुनियोजित साजिश के तहत राज्य में शिक्षाचिकित्सा के नाम पर मतांतरण करवा रहे है. उन्होंने कहा कि कोई भी जांच एजेंसी या प्राइवेट एजेंसी से जांच करवाकर देखा जा सकता है कि मिशनरी जहां-जहां काम कर रही है. वहां मतांतरण और नक्सली समस्या अत्यधिक है.
बजरंग दल के प्रदेश सह संयोजक रंगनाथ महतो ने कहा कि मिशनरी सीएनटी पर विरोध को हवा दे रहे हैं. एक सोची समझी साजिश के तहत झारखंड को अशांत करने की साजिश चल रही है. मतांतरण में इसाई मिशनरियां काम कर रही है. राज्य सरकार इस पर विशेष ध्यान दे.

Monday, October 24, 2016

अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल, भाग्यनगर (तेलंगाणा) – प्रस्ताव क्र. 2 – वर्तमान वैश्विक संकट का समाधान : एकात्म मानव दर्शन

विश्व के सम्मुख उभरती वर्तमान चुनौतियों के सन्दर्भ में अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल का सुविचारित मत है कि पंडित दीनदयाल जी उपाध्याय द्वारा शाश्वत भारतीय चिंतन के आधार पर प्रतिपादित “एकात्म मानव दर्शन” के अनुसरण से ही इन सबका सहज समाधान संभव है. चर-अचर सहित समग्र सृष्टि के प्रति लोक-मंगल की प्रेरक एकात्म दृष्टि के साथ सम्पूर्ण जगत के पोषण का भाव ही इसका आधार है.
आज विश्व में बढ़ रही आर्थिक विषमता, पर्यावरण-असंतुलन और आतंकवाद विश्व मानवता के लिए गंभीर चुनौती का कारण बन रहे हैं. अनियंत्रित पूँजीवाद व वर्ग-संघर्ष की साम्यवादी विचारधाराओं को अपनाने के कारण ही आज विश्वभर में बेरोजगारी, गरीबी, कुपोषण के साथ-साथ विविध देशों में बढ़ते आर्थिक संकट और विश्व के दो-तिहाई से अधिक उत्पादन पर चंद देशों की बहुराष्ट्रीय कंपनियों का आधिपत्य आदि समस्याएँ अत्यन्त चिंताजनक हैं. भौतिक आवश्यकताओं पर ही केन्द्रित जीवनदृष्टि के कारण परिवारों में विघटन व मनोविकार-जन्य रोग तीव्र गति से बढ़ रहे हैं. प्रकृति के अनियंत्रित शोषण से बढ़ते तापमान के कारण उभरती प्राकृतिक आपदाएँ, समुद्र के जल स्तर में निरंतर वृद्धि, वायु-जल-मिट्टी का बढ़ता प्रदूषण, जल संकट, उपजाऊ भूमि का बंजर होते चले जाना और अनेक जीव-प्रजातियों का विलोपन आदि चुनौतियाँ बढ़ रही हैं. आज संपूर्ण विश्व में मजहबी कट्टरता एवं अतिवादी राजनैतिक विचारधाराओं से प्रेरित आतंकवाद विकराल रूप धारण कर चुका है. परिणामत: आबाल-वृद्ध व महिलाओं की क्रूरतापूर्ण हत्याएँ निर्बाध गति से बढ़ रही हैं. इन सबके प्रति कार्यकारी मण्डल गहरी चिंता व्यक्त करता है. इन सबका निवारण एकात्म मानव दर्शन के चिंतन के अनुरूप व्यक्ति से विश्व पर्यंत संपूर्ण जीव सृष्टि व उसके पारिस्थितिकी-तंत्र में पारस्परिक समन्वय से ही संभव है. व्यक्ति, परिवार, समाज, विश्व, समग्र जीव-सृष्टि व परमेष्ठी अर्थात् संपूर्ण ब्रह्माण्ड के बीच अंगांगी भाव से ही सभी व्यक्तियों, समुदायों व राष्ट्रों में संघर्ष व अनुचित स्पर्धा को समाप्त कर शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के साथ सतत विकास सुनिश्चित किया जा सकता है.
सन् 1992 में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा रियो डी जेनेरियो में आयोजित पृथ्वी सम्मलेन में 172 राष्ट्रों ने विश्व शांति, धारणक्षम विकास व पर्यावरण-संरक्षण के लक्ष्यों से स्वयं को प्रतिबद्ध किया था. उन लक्ष्यों से विश्व आज सतत दूर होता जा रहा है. एक बार पुन: 2015 के पेरिस सम्मलेन में विश्व के अधिकांश राष्ट्रों ने वैश्विक तापमान में वृद्धि पर नियंत्रण के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए स्वयं को प्रतिबद्ध किया है. इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए सभी राष्ट्र एकात्म विश्व के अंग के रूप में साधनों के मर्यादित उपभोग के साथ सबके सामूहिक विकास का प्रयास करें और सभी नागरिक इसी अंगांगी भाव से परिवार, समाज और प्रकृति के बीच सामंजस्यपूर्ण व्यवहार करें तो विश्व में बिना संघर्ष व टकराव के स्थायी सौहार्द स्थापित हो सकता है.
यह वर्ष पंडित दीनदयाल जी उपाध्याय की जन्मशताब्दी एवं उनके द्वारा शाश्वत भारतीय चिंतन के युगानुकूल प्रतिपादन – एकात्म मानव दर्शन का 51वाँ वर्ष है. इस वर्ष को इस विचार की क्रियान्विति का समीचीन अवसर मानकर अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल स्वयंसेवकों सहित समस्त नागरिकों, केंद्र व विभिन्न राज्य सरकारों तथा विश्व के प्रबुद्ध विचारकों का आवाहन करता है कि समग्र प्रकृति सहित वैश्विक संरचना के सभी घटकों के बीच सामंजस्य हेतु सभी प्रकार के संभव प्रयास करें. इस हेतु उपयुक्त प्रतिरूप (मॉडल) के विकास के साथ ही इस विचार के क्रियान्वयन के लिए समुचित प्रयोग भी करने होंगे. इससे सम्पूर्ण विश्व में प्राणी-मात्र के सुखमय जीवन और लोक-मंगल के लक्ष्य की प्राप्ति होगी.

अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल, भाग्यनगर (तेलंगाणा) – प्रस्ताव क्र. 1 – केरल में साम्यवादियों द्वारा अनियंत्रित हिंसा


अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल केरल में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा अन्य विरोधियों के विरुद्ध उसकी निरंतर हिंसा की कठोर शब्दों में निंदा करता है. केरल में 1942 में अपना कार्य प्रारंभ करने के समय से ही संघ द्वारा केरल प्रदेश के नागरिकों में राष्ट्रीय भावना, एकता एवं एकात्मता का भाव उत्पन्न करने के पवित्र कार्य तथा इसकी लोगों में सतत बढ़ती लोकप्रियता एवं प्रभाव से हताश होकर वामपंथी एवं बाद में विशेषकर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, संघ की शाखाओं व कार्यकर्ताओं पर अकारण एवं नृशंस आक्रमण कर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को समाप्त करने के निष्फल प्रयासों में जुटे हुए हैं. मार्क्सवाद, एक विचारधारा के नाते अपनी मूल प्रवृत्ति से ही, न केवल असहिष्णु अपितु अधिनायकवादी भी है. केरल प्रदेश में गत सात दशकों में रक्त पिपासु मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी काडर द्वारा अपने नेतृत्व की मूक सहमति एवं मिलीभगत से 250 से अधिक संघ के ऊर्जावान एवं होनहार युवा कार्यकर्ताओं की वीभत्स तरीके से हत्याएँ एवं भारी संख्या में स्त्रियों और पुरुषों को गंभीर चोटें पहुंचाकर उन्हें अक्षम बनाया है. संघ के इन उत्पीड़ित कार्यकर्ताओं की सर्वाधिक संख्या मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का गढ़ माने जाने वाले कन्नूर जिले से ही है. संघ के स्नेह तथा आत्मीयता आधारित कार्य, स्वच्छ छवि एवं राष्ट्रवादी चिंतन से आकर्षित होकर, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के काडर का निरंतर उसके प्रभाव में आते जाना उनको सर्वाधिक अखरता है.
संघ अपनी सहज प्रवृत्ति “सभी से मित्रता – द्वेष किसी से नहीं” के ध्येय को लेकर समाज के विभिन्न वर्गों में सौहार्द, एकजुटता एवं एकता स्थापित करने में संलग्न है. सभी प्रकार के मतभेदों के होते हुए भी, संघ ने प्रदेश में शांतिपूर्ण वातावरण निर्माण करने के सदैव प्रामाणिक प्रयास किये हैं. परन्तु दुर्भाग्य से मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी अपनी सोच के अनुरूप विवेक रहित हिंसा के अत्यधिक निंदनीय कार्य में निरंतर लगी हुई है.
विगत 11 जुलाई 2016 को भारतीय मजदूर संघ के श्री सी.के.रामचंद्रन की, उनके घर में, उनकी पत्नी के सामने ही, उसकी दया याचनाओं को अनसुना करते हुए क्रूरतापूर्वक हत्या कर दी गई. श्री के. रमित 12 अक्टूबर 2016 को अपनी गर्भवती बहन के लिए औषधि लेने जा रहा था, तब दिनदहाड़े उसी के घर के सामने उसे मौत के घाट उतार दिया गया. अपने पिता का इकलौता पुत्र श्री के. रमित परिवार की आजीविका का एकमात्र सहारा था. उसके पिता, बस चालक श्री उत्तमन की हत्या भी 14 वर्ष पूर्व मार्क्सवादी गुंडों ने बस चलाते हुए कर दी थी. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की हिंसक एवं बर्बर असहिष्णुता के ये नवीनतम उदाहरण हैं. मार्क्सवादियों की हिंसा केवल विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय संघ कार्यकर्ताओं के विरुद्ध ही नहीं, अपितु उनके मातृ संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सहित सभी वर्तमान गठबंधन सहयोगियों यथा आर.एस.पी, जनता दल आदि के विरुद्ध भी हो रही है. श्री टी.पी.चंद्रशेखरन की 4 मई 2012 को की गई निर्मम हत्या से यह सिद्ध होता है कि वे संगठन से अलग होने वाले अपने स्वयं के काडर को भी नहीं छोड़ते हैं. यह घोर विडंबना है कि मार्क्सवादी हिंसा के शिकार मुख्यतया गरीब, पिछड़े, दलित तथा अल्पसंख्यक वर्गों के लोग ही होते हैं, जिनके रक्षक होने का वे दावा करते हैं. उन्होंने महिलाओं व बच्चों को भी नहीं छोड़ा है.
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में वामपंथी लोकतांत्रिक मोर्चा जब भी सत्ता में आया है, तब-तब मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी गृह मंत्रालय को अपने ही पास रखा तथा पुलिस बल को अपना हस्तक बनाकर पार्टी के कार्यकर्ताओं को अभयदान देते हुए, संघ की शाखाओं एवं कार्यकर्ताओं के विरुद्ध हिंसात्मक आक्रमण की खुली छूट देती है. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की कार्यशैली, केवल संघ के कार्यकर्ताओं का निर्मूलन करना ही नहीं, अपितु उन्हें आर्थिक रूप से पंगु बनाने व आतंकित करने के लिए उनकी खड़ी फसलों, भवन, घरेलू सामान, विद्यालय भवनों, मोटर वाहनों आदि को नष्ट करना है. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की असहिष्णु एवं अलोकतांत्रिक कार्यशैली पर अविलम्ब अंकुश लगना चाहिए. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो लोग अन्यथा छोटे-छोटे विषयों पर भी आग्रहपूर्वक मुखर होते हैं, इस विषय पर मौन बने हुए हैं.
यह गर्व का विषय है कि इन सब अत्याचारों तथा निर्मम हत्याओं के उपरांत भी हमारे कार्यकर्ताओं का मनोबल बहुत ऊँचा है तथा वे और अधिक शक्ति के साथ संघ के विचार को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इसके साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में संघ की गतिविधियाँ तीव्र गति से बढ़ रही हैं तथा इन कार्यकलापों में समाज बड़े पैमाने पर समर्थन एवं सहयोग के लिए आगे आ रहा है.
अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल केरल सरकार के साथ-साथ केन्द्र सरकार से यह आवाहन करता है कि हिंसा के दोषी-तत्वों के विरुद्ध तुरंत उचित कार्यवाही करते हुए, केरल में विधि-सम्मत शासन सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएँ. अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल संचार माध्यमों सहित जनसामान्य से भी आवाहन करता है कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के हिंसात्मक तौर-तरीकों के विरुद्ध जनमत निर्माण करने के लिए विभिन्न मंचों पर अपनी आवाज उठाएँ.

Full Speech Of Sarsanghachalak Dr. Mohan Bhagwat Ji at Vijaya Dashami Utsav, Reshimbagh Nagpur(ODIYA)














Sunday, October 23, 2016

जाति आधारित भेदभाव अमानवीय, असंवैधानिक एवं अधार्मिक भी है – संघ

हैदराबाद में अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक का शुभारंभ
हैदराबाद (विसंकें). आज 23 अक्तूबर को प्रातः 08:30 बजे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक का शुभारंभ श्रीविद्या विहार, अन्नोजिगुडा, भाग्यनगर (हैदराबाद) में हुआ.
पहले दिन पत्रकारों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह वी भागैय्या जी ने कहा कि कार्यकारी मंडल बैठक समाज के विभिन्न आयामों से सम्बंधित संघ कार्य के विस्तार की समीक्षा करता है. अ. भा. का. मं. सामाजिक, धर्मिक, सांस्कृतिक, पारिवारिक मूल्यों एवं ग्राम विकास से सम्बंधित विषयों पर चर्चा करेगा. सांगठनिक विस्तार के अतिरिक्त अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल हिन्दू समाज और राष्ट्र से सम्बंधित महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करेगा.
1. केरल में राजनीति से प्रेरित हत्याएं
केरल के वर्तमान मुख्यमंत्री के नेतृत्व में असहिष्णु साम्यवादी, विशेषकर सी.पी.एम काडर, संघ एवं भाजपा के कार्यकर्ताओं की राजनैतिक हत्याएं कर रहे हैं.
2. एकात्म मानव दर्शन
सम्पूर्ण विश्व के प्रबुद्ध मनुष्यों के लिए वैश्विक आर्थिक संकट, पृथ्वी का बढ़ता तापमान एवं राष्ट्रों के बीच बढ़ती वैमनस्यता एक चिंता का विषय है. वे इनका समाधान खोज रहे हैं. यह वर्ष पं. दीनदयाल उपाध्याय जी का जन्मशती वर्ष है. उन्होंने भारतीय चिंतन मूल्यों पर आधारित “एकात्म मानव दर्शन” (Integral Humanism) के सिद्धांत का प्रतिपादन किया था. इस वर्ष हम इस सिद्धांत के 51वां वर्ष पूरा करेंगे. एकात्म मानव दर्शन “धारणक्षम विकास” एवं “धारणक्षम उपभोग”, मनुष्य का प्रकृति के प्रति व्यवहार पर एक वैश्विक दृष्टि प्रदान करता है.
3. बंगाल में हिन्दुओं पर जेहादी तत्वों द्वारा हमलों पर चर्चा
हिन्दू महिलाओं के बलात्कार एवं हत्या की घटनाओं में मुस्लिम समुदाय के लोग लिप्त पाये जा रहे हैं. इनमें से कई महिलाएं अनुसूचित जाति तथा जनजाति समाज से हैं. यह सब तृणमूल कांग्रेस के संरक्षण से पश्चिम बंगाल में हो रहा है. इस सन्दर्भ में कोलकाता उच्च न्यायलय द्वारा राज्य सरकार की आलोचना अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिसमें उन्होंने कहा कि – “अल्पसंख्यक समुदाय के तुष्टीकरण हेतु हिन्दुओं के मूलभूत अधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए .
संघ यह मानता है कि जाति आधारित भेदभाव अमानवीय, असंवैधानिक है एवं ऐसे भेदभाव अधार्मिक भी है. ऐसी सामाजिक समस्याओं के निर्मूलन हेतु संघ के स्वयंसेवक देश भर में सर्वेक्षण कर रहे हैं. सभी हिन्दुओं को समान मंदिर प्रवेश, समान श्मशान तथा जल स्रोतों में एक सा प्रवेशाधिकार है या नहीं, यह इस सर्वेक्षण के मुख्य बिंदु है. कई स्वयंसेवकों ने सक्रिय रूप से ऐसी समस्याओं के निर्मूलन में भी प्रतिभाग किया है, उदहारण के लिये – तेलंगाना प्रान्त के पालमूर जिले में जाति के आधार पर अलग–अलग पेयपात्र की व्यवस्था को समाप्त करने के लिये संघ, विद्यार्थी परिषद एवं विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं ने प्रयास किये.
हिन्दू समाज के उपेक्षित विशेषकर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के वर्गों को सरकार द्वारा मिलने वाली योजनाओं का लाभ दिलाने के लिये संघ प्रतिबद्ध है. SC/ST बंधुओं के सशक्तिकरण के लिये संघ अन्य संगठनों के साथ मिल कर सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है.

RSS National Meet ABKM-2016 begins at Hyderabad, resolution likely on Politically motivated murders in Kerala

Hyderabad October 23, 2016: RSS Sarasanghachalak  Mohan Bhagwat inaugurated the 3-day top RSS national annual meet Akhil Bharatiya Karyakarini Mandal Baitak (ABKM); one of the highest body for policy formulation and decision making in RSS, at Sree Vidya Vihar, Annojiguda, Hyderabad (Bhagyanagar) on Sunday morning.





RSS Sarakaryavah Suresh Bhaiyyaji Joshi accompanied Bhagwat during the inaugural.
State level select office bearers of RSS, National office bearers of Sangh affiliated (Sangh Parivar) organizations are attending all the three days of the meeting.
RSS apex body paid tributes to several national leaders, great personalities who expired since March-2015. The confluence began with the obituary paid to the departed soul, who has always been the part of the nations glorious tradition.
A Resolution on key national issues including ‘Politically motivated murders in Kerala’ is expected.

RSS Saha-Sarakaryavah V Bhagaiah addressed the media on First day of RSS ABKM Meet.

“The ABKM meetings review the progress of Sangh work related to various dimensions of society. ABKM will discuss on issues related to Dharmic, cultural awareness, building family values, integrated village development & other social issues. In addition to the review of the organizational growth, ABKM will discuss regarding key issues concerning the Hindu society and nation” said V Bhagaiah.
The Two issues on which ABKM Meet will decide is on ‘Politically motivated murders in Kerala’ and  ‘Ekatma Maanava Darashan’.
1.Politically motivated murders in Kerala
The intolerant communists, especially the CPM cadre in Kerala, under the leadership of the Chief Minister have been indulging in politically motivated murders of Hindus esp RSS and BJP karyakartas.
2. Ekatma Maanava Darashan:
Global economic crisis, global warming and animosity among nations is a concern for well-meaning people all over the world. They are searching for a solution for this. This year is the birth centenary of Pt.Deendayal Upadhyaya. He propounded the philosophy of “Ekatma Manava Darashan” or Integral Humanism based on Bharatiya philosophical foundations. This year we would be marking the 51st year of this philosophy. Ekatma Manava Darshan gives a global view of sustainable development, sustainable consumption and humane treatment of nature.
3. Attacks on Hindus in W.Bengal during Durga Puja by Jehadi elements would be discussed. Muslims have been involved in molestation and killings of Hindu girls, many of them belonging to SC/ST community . This is with the the blessings of Trinamul Congress in W.Bengal. It is significant that the High court of Kolkata admonished the state government by stating “ Don’t pamper and appease minority community at the cost of fundamental rights of the Hindus”.
Sangh believes that discrimination on the basis of caste ( jaati ) is anti-human, unconstitutional and does not have sanction of the Hindu Shastras.
To address social issues the Sangh has conducted extensive surveys. The survey covered if all Hindus have access to common cremation ground, temple entry and access to common water bodies. Swayamsevaks are actively involved in solving these issues, wherever they come across them. For eg : in Palamoor Zilla in Telangana, with the active involvement of swayamsevaks and ABVP karyakartas, the two-glasses system on the basis of caste has been removed in most villages.
The Sangh is commited to ensure that the marginalised sections of Hindu society, esp the SC/ST receive the grants that are committed to them by the government. Sangh is actively working with other organisations who are working toward empowerment of SC’s and ST’s.


RSS 3-day national meet Akhil Bharatiya Karyakarini Mandal Baitak (ABKM) to be held on Oct 23, 24 & 25 at Hyderabad

Hyderabad (Bhagyanagar) October 22
, 2016: RSS national annual meet Akhil Bharatiya Karyakarini Mandal Baitak (ABKM); one of the highest body for policy formulation and decision making, to be held on October 23, 24 and 25, 2016 at Sri Vidya Vihar High School at Annojiguda, near Ghatkesar in Hyderabad.
RSS Sarasanghachalak Mohan Bhagwat and RSS Sarakaryavah (General Secretary) Suresh Bhayyaji Joshi will chair the 3-day proceedings of the meet.
Prominent leaders from Bharateeya Kisan Sangh, working for the farmers; Vanavasi Kalyan Ashram, a tribal welfare organization; Akhil Bharateeya Vidyarthi Parishad, one of the biggest student organization of the contry; Bharateeya Mazdoor Sangh, a leading trade union; Vishwa Hindu Parishad, a forum of Sadhus, Sants and Pontiffs; Bharatiya Janata Party, one of the two most important political parties of India; are attending the meeting.
Office bearers of Vidhya Bharati, Vijnana Bharati, Kreeda Bharati, Seva Bharati, Samskrit Bharati, Samskar Bharati, Laghu Udyog Bharati as well as leaders from Rashtra Sevika Samithi, Swadeshi Jagaran Manch, Deendayal Samshodhan Samsthan, Bharat Vikas Parishad, Shaikshanika Mahasangh, Dharmajagaran will be participating in the conclave.
Reports of activities of all these organizations will be submitted in the meeting. State wise activities of the RSS will be reviewed. Important national issues will be discussed and necessary resolutions will be passed in the meeting.
The Sanghachalak (President), Karyavah (Secretary) and Pracharak (Organizing secretary) heading each Prant (state units) of RSS from all over India will take part in this ABKM that meets twice every year. Other than these state functionaries, the 400 participants will include prominent select activists from social organizations working in different walks of life in the society.
On all these days, updates of the meeting will be given by senior officials of Sangh to the media.
Last year in 2015, ABKM meet was held at Ranchi.

Saturday, October 22, 2016

RSS 3-day National Meet ABKM-2016 to begin tomorrow at Hyderabad, Press Meet by Dr Manmohan Vaidya

Hyderabad October 22, 2016: Addressing the media on 22nd October 2016, Dr. Manmohan Vaidya said: “RSS conducts 3 important national level meetings every year. In March every year we have the Akhil Bharteeya Pratinidhi Sabha baithaks. In July, we have the Prant Pracharaks baithaks. Before Deepavali, we have the Akhil Bharateeya Karyakari Mandal ( ABKM )  meetings, in which the Prant Sanghachalaks, Prant Karyavah and Prant Pracharaks i.e. State President, State Secretary and State Organising Secretary participate

ABKM meetings will be held from tomorrow i.e 23 October to 25 October, 2016 at Annojiguda, Hyderabad. Nearly 400+ senior RSS Karyakartas representing every province across the nation will participate. During these three days, there will be discussions on RSS shakhas, social and service activities being conducted by the swayamsevaks and other national and social issues influencing the nation. On important social and national issues, resolutions will be introduced , discussed and passed.
In 2009, Sangh took an initiative for spread of shakhas. During the last 6 years, we have seen
rowth of shakhas across the nation. About 55000 shakhas run across the country. 65% of the swayamsevaks who are attending the daily shakhas are students. 91% of the swayamsevaks who are taking training daily are below 40 years of age and remaining 9% are those above 40 years of age and doing social work.  During our Prathmik Siksha varga ( 7 day camps ) this year, we had 1.12 Lakhs youth participating in them showing the high enthusiasm among youth regarding the Sangh.
Youth is attracted to RSS, reflected by the fact that we received nearly 47200 online requests from youth to join RSS in the first six months of this year, a surge of 35% compared to last year.
RSS is stressing on Gram Vikas through cow-based farming, Kutumb Prabodhan ( initiatives for instilling family values  ) and Samarasta ( social harmony ) in the society. RSS Sarsanghchalak Mohan Bhagwat has given a direction to swayamsevaks and also an appeal to society to ensure unrestricted access to temples, water bodies and cremation grounds to every Hindu irrespective of his or her Jaati (caste).
From 2006 onwards , RSS has been working among various social communities to bring about social reform.  An extensive survey spanning the entire country has been initiated to understand social problems and to work out solutions to eradicate any social discrimination.  RSS is organizing every sect of the Hindu society and seeing that there exists no discrimination among them.
The inaugural session of ABKM will commence at  8:30 am on 23rd October, 2016.
Resolutions will be passed on 24th October and  on the last day i.e 25 October 2016  Maa.Sarkaryavaha of RSS Sri. Bhaiyya ji Joshi will address the media.




Friday, October 21, 2016

सुरेश यादव पर पूर्व नियोजित षड्यंत्र के तहत किया गया हमला

प्रेस वार्ता में क्षेत्र संपर्क प्रमुख ने घटना ने संबंधित समस्त तथ्यों की जानकारी दी
भोपाल (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ क्षेत्र संपर्क प्रमुख राजकुमार मटाले जी, मध्य भारत प्रांत के सह संघचालक अशोक पांडे जी ने कहा कि विगत कुछ दिनों से वास्तविक तथ्यों को दर किनार करते हुए एक सामाजिक कार्यकर्ता सुरेश यादव की बैहर थाने की पुलिस टीम द्वारा की गई बर्बरअमानवीय पिटाई एवं गैर कानूनी कार्यवाही करने वालों को बचाने की निरंतर कोशिश हो रही है. कुछ राजनैतिक दल अपने निहित स्वार्थों को पूरा करने के लिये तथ्यों को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत कर रहे है. इसलिए पूरी घटना की सही जानकारी व तथ्य सामने लाना आवश्यक है. भोपाल में प्रेस वार्ता के दौरान जानकारी दी कि …..
सुरेश यादव को जिन व्यक्तियों की शिकायत पर दोषी माना गया, उन पर कई संगीन अपराध होने के आरोप रहे है. सुरेश यादव जी को रात्रि 8.00 बजे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला कार्यालय में चल रही कार्यकर्ताओं की बैठक में घुसकर गिरफ्तार किया गया, जबकि जिस शिकायत के आधार पर कार्यवाही की गई, वह शिकायत 9.35 पर दर्ज की गई. इससे ये सिद्ध होता है कि पूर्व सुनियोजित षड्यंत्र के तहत जानबूझकर बर्बर कार्यवाही की गई.
सामाजिक प्रतिष्ठित कार्यकर्ता के साथ मैहर थाने की पुलिस टीम द्वारा बर्बर पिटाईएवं पूर्वाग्रहपूर्वक कार्यवाही के कारण बैहर नगर के हजारों नागरिक जिसमें सैकड़ों महिलायें भी सम्मिलित थी, वे रातभर थाने के सामने एकत्रित रहे.
उससे भी गंभीर विषय सुरेश यादव जी की पुलिस कस्टडी में होते हुये पुलिस थाने के सामने वाली सड़क पर असामाजिक तत्वों द्वारा प्राणघातक हमला करना है. इस पिटाई में स्वयं पुलिस टीम भी सम्मिलित थी.
पुलिस महकमे ने मारपीट स्वीकार की है. बैहर निवासी मनोहर असाठी नामक व्यक्ति ने उनके घर में घुसकर सुरेश यादव की पिटाई के खिलाफ रिपोर्ट की है. विशेष जांच दल के समक्ष बैहर के नागरिकों के बयान में अमानुषिक पुलिस कार्यवाही के कारण प्राण घातक हमले की पुष्टि हुई है.
सामान्य नागरिक के समान ही देश एवं समाज हित में सक्रिय संगठन के कार्यकर्ता के भी मानवीय अधिकार के पात्र होते है. जिनका उक्त कार्यवाही में हनन हुआ है. न्याय प्राप्त करना प्रत्येक का अधिकार है.
सुरेश यादव जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पूरा समय देकर प्रचारक के रूप में कार्य करने वाले कार्यकर्ता है. संघ की समाजहित के कार्यों के प्रति प्रतिबद्धता पर इस देश के समाज को पूरा विश्वास है. यह बार-बार सिद्ध हुआ है.
संघ के सार्वजनिक कार्यों में सक्रियता के कारण समाज में आई जागृति से असामाजिक एवं गैर कानूनी गतिविधियों में लिप्त तत्वों को अवश्य रूकावट लगती है. बैहर में भी इसी प्रकार समाज की जागृति से असामाजिक गैरकानूनी गतिविधियां प्रभावित हुई है. ऐसे ही तत्वों के साथ मिलकर बैहर थाने की पुलिस टीम ने पूर्व नियोजित षड्यंत्र के तहत सुरेश जी पर प्राण घातक हमला किया. लेकिन इन तत्वों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है.
गंभीर अपराध का ही परिणाम है कि अपराधियों की अग्रिम जमानत की याचिका माननीय न्यायालय ने दो बार खारिज कर दी है.
घटना से संबंधित तथ्य
व्हाट्स एप पर संदेश की विषय वस्तु, जिसे लेकर साम्प्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने के लिये सुरेश यादव को जिम्मेदार माना गया.
मै भी शौक से इस्लाम कबूल कर लूं.
मैं भी शौक से खुशी-खुशी लोगों को यह रमजान मुबारक कहूं.
मैं भी शौक से रोजे रखूं.
मैं भी शौक से दिन में पांच बार नमाज, लेकिन शर्तें यह है कि –
अल्लाह के नाम का लिखा पत्थर पानी में तैर जाये.
उनका मौला एक उंगली पर पर्वत उठाकर लोगों को भयंकर बरसात से बचा ले.
उनका रब अपने एक हाथ से पूरा पर्वत हवा में उठाकर किसी की जान बचा ले.
इनका पैगम्बर शिवजी की तरह जहर पीकर संसार को बचा ले.
इनका मोहम्मद श्रीरामजी की तरह एक पत्थर को महिला बना दे.
इनका ख्वाजा बाल अवस्था में आग उगलते सूरज को खा जाये.
इनका नबी करोड़ों की रफ्तार से बहने वाली गंगा मैया को अपने बालों में समेट ले.
इनका अली काले विषधारी नाग के दांत तोड़कर नाग के फनपर श्रीकृष्ण की तरह नृत्य कर सके.
इनका खुदा विष्णुजी की तरह पानी में शेषनाग की छाती पर बैठ सकेरह सके और सो सके.
इनका परवरदीगार मां गर्भ में अभिमन्यु की तरह पूरी बाहरी दुनिया का हालचाल जान सके और चक्रव्यूह भेदने का ज्ञान जान सके.
घटनाक्रम –
– 24 सितम्बर 2016 रात्रि 8.00 बजे – एक व्हाट्स एप कन्टेंट शेयर किया गया.
– 25 सितम्बर 2016 रात्रि 8.00 बजे – संघ कार्यालय में पुलिस घुस जाती है. जिला प्रचारक सुरेश यादव को पूछताछ के नाम पर मारपीट करते गाड़ी में बिठाकर पुलिस थाने की ओर बढ़ती है. पुलिस थाने न ले जाकर थाने के सामने वाली सड़क पर सुरेश यादव को उन्मादी हुजूम के हवाले कर देती है. स्वयं भीड़ में शामिल होकर बेरहमी से पिटाई करती हैकरवाती है.
– बेरहमी से हो रही पिटाई से जान के खतरे को भांप कर सुरेश यादव थाने के सामने असाठी के मेडिकल दुकान-निवास में घुसकर अपने प्राण बचाने की कोशिश करता है. पुलिस उसके पीछे घर में घुसकर मारते हुये उसे थाने में लाती है.
– बाद में थाने के अंदर ले जाकर थर्ड डिग्री का उपयोग करती है. सुरेश यादव बेहोश होता है, कान से खून बहने लगता है.
– किसी व्यक्ति के साथ गैर कानूनीअमानवीय पुलिस कृत्य की जानकारी नगर में फैलने के बाद हजारों लोग थाने के सामने एकत्रित हो जाते है, जिसमें सैकड़ों महिलाएं भी सम्मिलित होती है. यह भीड़ पुलिस जब तक सुरेश यादव को जिला अस्पताल नहीं भेजती, तब तक नहीं हटती.
– 26 सितम्बर 2016 प्रातः 3.43 बजे पुलिस द्वारा पुलिस की बर्बर कार्यवाही के खिलाफ अपराध कायम करती है.
– 26 सितंबर 2016 प्रातः 7.00 बजे मनोहर असाठी द्वारा एक एफआरआई दर्ज करवाई जाती है, जिसमें एडि. एसपी राजेश शर्माउप निरीक्षक अनिल अजमेरिया एवं अन्य 7-8 लोगों के खिलाफ धारा294, 323, 506, 452 एवं 147 के अन्तर्गत अपराध कायम करती है.
– बालाघाट जिला अस्पताल-मेडिकल जांच/वीडियो, जबलपुर रेफर कर दिया गया, जबलपुर में डॉ. जामदार अस्पताल में भर्ती.
– 26 सितंबर को थाना प्रभारी जिया उल हक, उप निरीक्षक अनिल अजमेरियासहा. उप. निरीक्षक सुरेश विजयवार का निलंबन. 28 सितंबर को अभय सिंहधनेंद्र टेंभरेआर. के. कुंजबिहारी शर्मा का निलंबन, संस्कृत सिंहसराय गुर्जरदिलीप पांडे होमगार्ड मुख्यालय अटैच, 28 सितंबर एएसपी राजेश शर्मा का निलंबन. 28 सितंबर विशेष जांच दल का गठन.

Thursday, October 20, 2016

राष्ट्र सेविका समिति के 80 वर्ष पूर्ण होने पर दिल्ली में होगा अखिल भारतीय प्रेरणा शिविर

नई दिल्ली. राष्ट्र सेविका समिति की स्थापना के 80 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर समिति द्वारा दिल्ली में अखिल भारतीय प्रेरणा शिविर का आयोजन किया जा रहा है. प्रेरणा शिविर का आयोजन 11, 12, 13 नवंबर 2016 को तेरापंथ भवन एवं अध्यात्म साधना केंद्र छत्तरपुर, नई दिल्ली में किया जा रहा है. प्रेरणा शिविर में देशभर से लगभग 2500 दायित्ववान सेविकाएं भाग लेंगी, जिसमें नगर, जिला कार्यकारिणी, विभाग कार्यकारिणी, प्रांत व अखिल भारतीय कार्यकारिणी स्तर के दायित्व वाली कार्यकर्ता उपस्थित रहने वाली हैं.
अखिल भारतीय सह कार्यवाहिका एवं शिविर कार्यवाहिका अलका इनामदार जी ने दिल्ली में आयोजित प्रेस वार्ता में प्रेरणा शिविर के बारे में जानकारी प्रदान की. उन्होंने बताया कि महिलाओं के लिए भी शारीरिक, बौद्धिक, मानसिक विकास का अवसर होना चाहिए, राष्ट्र के प्रति दायित्व के प्रति जागरूक होना चाहिए, इस उद्देश्य के निमित्त ही सन् 1936 में विजया दशमी के दिन आद्य संचालिका वंदनीया लक्ष्मीबाई केलकर (मौसी जी) जी ने राष्ट्र सेविका समिति की स्थापना की थी.
उन्होंने बताया कि प्रेरणा शिविर के उद्घाटन अवसर पर मुनिश्री जयंत कुमार जी महाराज का सान्निध्य प्राप्त होगा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी मुख्य अतिथि होंगे. 13 नवंबर को समापन समारोह में एनएएल बैंगलुरु में वैज्ञानिक डॉ. शुभा जी अध्यक्ष होंगी, व प्रमुख संचालिका शांतक्का जी का मार्गदर्शन प्राप्त होगा.
समापन से पूर्व शिविर के अंतिम दिन (13 नवंबर) महिला संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा, जिसमें तीन विषयों को प्रमुख रूप से शामिल किया गया है. परिवार व संस्कृति संरक्षण पर कालिदास विवि, नागपुर की उपकुलपति डॉ. उमा वैद्य जी, परिवार व सामाजिक समरसता पर महिला विवि विजयपुर की पूर्व उपकुलपति डॉ. मीना चंदावरकर जी, तथा परिवार व आर्थिक विकास पर राजस्थान वित्त आयोग की अध्यक्षा डॉ. ज्योतिकिरण शुक्ला जी विषय प्रस्तुत करेंगी.
उन्होंने कहा कि विश्व के विभिन्न देश आशा की दृष्टि से भारत की ओर देख रहे हैं, ऐसे में वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भारत की भूमिका क्या होनी चाहिए, और हम कैसे विश्व का नेतृत्व करने वाले भारत को खड़ा कर सकते हैं, शिविर के दौरान इन विषयों पर विचार विमर्श होगा. साथ ही राष्ट्र सेविका समिति की अभी तक की यात्रा में क्या किया, भविष्य में क्या कर सकते हैं, तीन दिनों में देशभर से आईं कार्यकर्ताओं में आगामी कार्य योजना को लेकर चितंन – मंथन होगा और कहें तो भविष्य का मार्ग (रोड मैप) तय करेंगे.
देश में महिला अधिकारों के मुद्दे पर अलका जी ने कहा कि सड़कों पर उतरकर या संघर्ष से मुद्दे नहीं सुलझते, अपितु उलझते हैं. आपस में विचार विमर्श कर समस्या का हल निकाला जा सकता है. समाज मन और विचार में परिवर्तन लाना होगा. सेविका समिति इसी दिशा में प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि सेविका समिति समाज से अलग नहीं है, यह राष्ट्र के लिए महिलाओं का संगठन है. हमारा आपका राष्ट्र के प्रति दायित्व क्या है, इसका प्रबोधन करवाना है. एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि राष्ट्र सेविका समिति के दरवाजे समस्त महिलाओं के लिए खुले हैं, लेकिन उनकी निष्ठा राष्ट्र के प्रति होनी चाहिए. प्रेस वार्ता में उनके साथ दिल्ली प्रांत प्रचारिका विजया जी, प्रेरणा शिविर की प्रचार प्रमुख सरजना जी भी उपस्थित थीं.
राष्ट्र सेविका समिति का परिचय
वर्तमान में देशभर में राष्ट्र सेविका समिति की करीब 2400 स्थानों पर तीन हजार के लगभग शाखाएं चलती हैं, विश्व के 22 देशों में हिन्दू सेविका समिति के नाम से कार्य चल रहा है. स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वावलंबन, के क्षेत्र में राष्ट्र सेविका समिति द्वारा 400 से अधिक सेवा कार्य देशभर में चलाए जा रहे हैं. सेविका समिति ने वंदेमातरम गीत के सौ वर्ष पूर्ण होने पर वर्ष 2005 में युवा पीढ़ी को केंद्रित करते हुए वंदेमातरम अभियान लिया था. वर्ष 2014-15 में 1570 स्थानों पर किशोरी शिविरों का आयोजन हुआ, जिसमें सवा तीन लाख किशोरियों ने भाग लिया, 168 स्थानों पर आयोजित प्रबुद्ध महिला संगोष्ठियों में करीब 16 हजार महिलाओं ने भाग लिया, 2015-16 में देशभर में 200 स्थानों पर आयोजित तरुणी सम्मेलनों में 65,000 तरुणियों ने भाग लिया. वर्ष 1996 में दिल्ली में सेविकाओं का विशाल सम्मेलन हुआ था, जिसमें 7500 सेविकाओं ने भाग लिया था, इसी प्रकार नागपुर में दस वर्ष पूर्व आयोजित सम्मेलन में 10,000 सेविकाएं उपस्थित थीं. प्रेरणा शिविर केवल दायित्ववान कार्यकर्ताओं का है.

जब देश की बात हो, तो सभी का स्वर एक ही होना चाहिए – इंद्रेश कुमार जी

रांची (विसंकें). फोरम फॉर अवेयरनेस ऑफ नेशनल सेक्योरिटी (फैंस) के मुख्य संरक्षक और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार जी ने कहा कि देश की एकता और अखंडता के मुद्दों पर राजनीतिक दलों को एक सुर में बात करनी चाहिए. तीन तलाक का विरोध और सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाने वालों को भटका हुआ बताते हुए कहा कि राष्ट्रीय हितों के मुद्दों पर सांप्रदायिक राजनीति का गंदा खेल देश के भविष्य के लिए अच्छा नहीं है.
इंद्रेश कुमार जी फैंस द्वारा एक देश एक स्वर विषय पर आयोजित एक गोष्ठी में बुधवार को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि दुनियाभर में हिंदुस्तान एकमात्र विविधताओं वाला देश है. ईरान और इंडोनेशिया का उदाहरण देते हुए कहा कि सऊदी अरब द्वारा शिया मुसलमानों पर सवाल उठाने के विरोध में इस वर्ष ईरान ने हज तक का बहिष्कार कर दिया, क्योंकि मामला उनके देश और देशभक्ति से जुड़ा था. दूसरी तरफ दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया की राष्ट्रीय विमानन कंपनी का नाम गरुड़ एयरवेज है और वहां के सबसे बड़े एयरपोर्ट पर हिंदू ग्रंथों की घटनाओं की बड़ी-बड़ी पेंटिंग्स हैं. लेकिन इससे उस देश को कोई खतरा नहीं है, बल्कि वे इसे अपने अतीत से जोड़कर देखते हैं. हमें भी अपने अतीत पर गर्व होना चाहिए.
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को आड़े हाथों लेते हुए इंद्रेश कुमार जी ने कहा कि सन् 1972 से पहले इस संस्था का कोई अस्तित्व नहीं था. आज भी यह महज 18-20 फीसदी मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करती है. लेकिन इसकी वजह से मुस्लिमों की आधी आबादी (महिलाएं) न्याय और सुधार से वंचित हैं. तीन तलाक का मामला भाजपा, आरएसएस या सरकार ने नहीं उठाया, बल्कि मुस्लिम महिलाएं ही इसे लेकर सर्वोच्च अदालत पहुंची हैं.
इंद्रेश कुमार जी ने इस बार दीवाली पर चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने का भी आह्वान किया.
कार्यक्रम में द पायोनियर के एमडी पवन बजाज, रांची केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति नंद कुमार यादव इंदु, प्रभात खबर के वरिष्ठ संपादक अनुज कुमार सिन्हा, छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के चेयरमैन सलीम अशरफी, फैंस के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री गोलक बिहारी व झारखंड उपाध्यक्ष डॉ. शाहिद अख्तर के अलावा पूर्व मुख्य सचिव शिब बसंत और प्रोफेसर संदीप कुमार सहित झारखंड के सम्मानित अतिथिगण मौजूद थे.
पवन बजाज जी ने कहा कि कई लोगों ने एक देश एक स्वर का गलत अर्थ लगाया है. देश किसी सीमा रेखा के अंदर भौगोलिक स्थिति का नाम नहीं है. देश उसके नागरिकों, उनकी संस्कृति, उनके धर्म, विचारों और आहार-व्यवहार के सम्मिलन का नाम है. जैसे भारत का झंडा, राष्ट्रगान, राष्ट्रीय गीत, पक्षी, संविधान ये सब एक हैं, वैसे ही राष्ट्रीय पहचान के मामलों में हमारा स्वर भी एक ही होना चाहिए.
अनुज सिन्हा ने इतिहास का हवाला देते हुए कहा कि सन् 1971 में बांग्लादेश के अलग होते वक्त भाजपा अस्तित्व में भी नहीं थी. लेकिन एक विपक्षी दल (जनसंघ) में होते हुए भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का खुला समर्थन किया था और उन्हें दुर्गा कहा था. उन्होंने कहा कि हमें राष्ट्रहित के मसलों पर एक होना ही होगा, तभी हमारा अस्तित्व सुरक्षित रहेगा.
सलीम अशरफी ने आतंकियों और कठमुल्लाओं को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि खैरात से उपजा और विभाजन के वक्त चंद राजनेताओं की गलतियों से पैदा हुआ पाकिस्तान, आज पूरी दुनिया के लिए आतंक का पर्याय बन गया है. मैं नहीं मानता कि ये वही मुसलमान हैं जो कुरान और इस्लाम को मानते हैं. सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाने वालों और देश के अंदर नफरत फैलाने वालों के बारे में अशरफी ने कहा कि कुछ लोग गलत काम करते वक्त भूल जाते हैं कि यह मानवता के लिए अपराध होगा.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नंद कुमार यादव जी ने कहा कि भारत एकमात्र ऐसे भावुक लोगों वाला देश है, जहां लोग भावनात्मक मुद्दों पर मरने-मारने पर उतारू हो जाते हैं, लेकिन देशहित के मुद्दे पर एक नहीं होते. मुस्लिम महिलाओं को और अधिकार मिलने की वकालत करते हुए कहा कि आज यह पूरी दुनिया के लिए सर्वमान्य मसला है.