राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गत कुछ दिनों में पं बंगाल, तमिलनाडु एवं कर्नाटक जैसे कुछ राज्यों में अतिवादी जेहादी तत्वों द्वारा की गई क्रूर सांप्रदायिक हिंसा और प्रस्थापित सत्ता केन्द्रों की निष्क्रियता की कठोर निंदा करता है और ऐसी हिंसा फ़ैलाने वालों के विरुद्ध त्वरित कार्यवाही तथा अतिवादी तत्वों के प्रति सतर्क रहने की माँग करता है.
गत विधानसभा चुनावों के बाद पं बंगाल में, हिन्दुओं के विरुद्ध सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं में भयावह वृद्धि हुई है, जिनमें अब तक अनेक मृत्यु एवं बड़ी संख्या में लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. अनेक ग्रामों में, हिन्दुओं की सम्पत्ति को नष्ट किये जाने, महिलाओं के उत्पीड़न, मंदिरों तथा मूर्तियों को भ्रष्ट करने की घटनाओं आदि के परिणामस्वरूप हिन्दू समाज इन क्षेत्रों से पलायन करने को विवश हो रहा है. ऐसी ही एक घिनौनी घटना में, 10 अक्तूबर को नदिया जिले के हंसकाली थाना अंतर्गत दक्षिण गांजापारा क्षेत्र में एक दलित नाबालिग बालिका मऊ रजक पर उसके घर में ही हमला करके उसकी हत्या कर दी गई. गत दिनों दुर्गापूजा के समय हिन्दुओं को पंडाल खड़े करने से रोका गया और एक दर्जन से अधिक घटनाओं में दुर्गा पूजा विसर्जन यात्राओं पर हमले भी हुए. शासन तंत्र ऐसी घटनाओं में मूक दर्शक बन कर प्राथमिकी भी दर्ज नहीं कर रहा है. कोलकाता उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार द्वारा दुर्गा विसर्जन पर समय की अव्यवहारिक पाबन्दी लगाने के सरासर पक्षपातपूर्ण व्यवहार की ‘अल्पसंख्यक तुष्टीकरण’ कहते हुए कठोर शब्दों में निंदा की है.
तमिलनाडु, केरल एवं कर्नाटक सहित दक्षिण भारत के विभिन्न राज्यों में जेहादी तत्वों द्वारा हिंसात्मक गतिविधियों में वृद्धि होती दिखाई दे रही है, जिनमें हिन्दू, विशेष रूप से विविध राष्ट्रवादी संगठनों में कार्यरत स्वयंसेवकों पर हिंसक आक्रमण हुए हैं.
गत दो मास में, तमिलनाडु राज्य में चेन्नई, कोयम्बटूर, मदुरै एवं डिंडीगुल आदि स्थानों पर हिंसात्मक घटनाओं में वृद्धि होती दिखाई दे रही है, जिसमें राष्ट्रीय स्वयसंवेक संघ, विहिप, भाजपा एवं हिन्दू मुन्नानी के अनेक कार्यकर्ताओं पर आक्रमण हुए हैं. शासन-तंत्र द्वारा जानबूझकर की गई अनदेखी से इन अतिवादी तत्वों के दुस्साहस में वृद्धि हुई है, जिसके कारण इन में से कुछ स्थानों पर संघ कार्यकर्ताओं की हत्या, करोड़ों रुपयों की सम्पत्ति का विनाश एवं हिन्दू महिलाओं पर अत्याचार हुए हैं. अम्बुर में महिला पुलिस बल के विरुद्ध हिंसा इन शक्तियों के बढ़ते प्रभुत्व को दर्शाती है, जिसे नियंत्रित करने में शासन भी असमर्थ हो रहा है. एक सांप्रदायिक संगठन के प्रमुख नेता द्वारा दी गई ‘सीधी कार्यवाही’ की धमकी भयावह भविष्य की चेतावनी है. राज्य प्रशासन द्वारा ऐसे तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई करने की अनिच्छा एवं उनके दबाव में आकर राष्ट्रवादी शक्तियों का उत्पीड़न अकल्पनीय है.
इसी मास कर्नाटक में एक संघ स्वयंसेवक की व्यस्त सड़क पर दिनदहाड़े हत्या कर दी गई. गत कुछ दिनों में कर्नाटक में बंगलूरू के अलावा मुडबिदरी, कोडागु एवं मैसूर में जेहादी तत्वों द्वारा चार से भी अधिक हिन्दू कार्यकर्ताओं की हत्याएँ हुई हैं.
केरल एवं तेलंगाना सहित विभिन्न राज्यों में गत दिनों में हुई गिरफ्तारियों से यह स्पष्ट होता है कि उपरोक्त घटनाएँ पृथक स्थानीय घटनाएँ नहीं है, अपितु विभिन्न राज्यों के अतिवादी तत्वों की परस्पर सांठ-गांठ की और संकेत करती हैं, जिनका संबंध IS जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों से भी है.
रा. स्व. संघ संबंधित राज्य सरकारों से आग्रहपूर्वक माँग करता है कि ऐसे तत्वों की अविलम्ब और निष्पक्ष जाँच कर अपराधियों को दण्डित करें एवं समाज में शांति एवं सद्भाव के लिए सदा सतर्क रहें.
No comments:
Post a Comment