प्रेस वार्ता में क्षेत्र संपर्क प्रमुख ने घटना ने संबंधित समस्त तथ्यों की जानकारी दी
भोपाल (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ क्षेत्र संपर्क प्रमुख राजकुमार मटाले जी, मध्य भारत प्रांत के सह संघचालक अशोक पांडे जी ने कहा कि विगत कुछ दिनों से वास्तविक तथ्यों को दर किनार करते हुए एक सामाजिक कार्यकर्ता सुरेश यादव की बैहर थाने की पुलिस टीम द्वारा की गई बर्बर, अमानवीय पिटाई एवं गैर कानूनी कार्यवाही करने वालों को बचाने की निरंतर कोशिश हो रही है. कुछ राजनैतिक दल अपने निहित स्वार्थों को पूरा करने के लिये तथ्यों को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत कर रहे है. इसलिए पूरी घटना की सही जानकारी व तथ्य सामने लाना आवश्यक है. भोपाल में प्रेस वार्ता के दौरान जानकारी दी कि …..
सुरेश यादव को जिन व्यक्तियों की शिकायत पर दोषी माना गया, उन पर कई संगीन अपराध होने के आरोप रहे है. सुरेश यादव जी को रात्रि 8.00 बजे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला कार्यालय में चल रही कार्यकर्ताओं की बैठक में घुसकर गिरफ्तार किया गया, जबकि जिस शिकायत के आधार पर कार्यवाही की गई, वह शिकायत 9.35 पर दर्ज की गई. इससे ये सिद्ध होता है कि पूर्व सुनियोजित षड्यंत्र के तहत जानबूझकर बर्बर कार्यवाही की गई.
सामाजिक प्रतिष्ठित कार्यकर्ता के साथ मैहर थाने की पुलिस टीम द्वारा बर्बर पिटाई, एवं पूर्वाग्रहपूर्वक कार्यवाही के कारण बैहर नगर के हजारों नागरिक जिसमें सैकड़ों महिलायें भी सम्मिलित थी, वे रातभर थाने के सामने एकत्रित रहे.
उससे भी गंभीर विषय सुरेश यादव जी की पुलिस कस्टडी में होते हुये पुलिस थाने के सामने वाली सड़क पर असामाजिक तत्वों द्वारा प्राणघातक हमला करना है. इस पिटाई में स्वयं पुलिस टीम भी सम्मिलित थी.
पुलिस महकमे ने मारपीट स्वीकार की है. बैहर निवासी मनोहर असाठी नामक व्यक्ति ने उनके घर में घुसकर सुरेश यादव की पिटाई के खिलाफ रिपोर्ट की है. विशेष जांच दल के समक्ष बैहर के नागरिकों के बयान में अमानुषिक पुलिस कार्यवाही के कारण प्राण घातक हमले की पुष्टि हुई है.
सामान्य नागरिक के समान ही देश एवं समाज हित में सक्रिय संगठन के कार्यकर्ता के भी मानवीय अधिकार के पात्र होते है. जिनका उक्त कार्यवाही में हनन हुआ है. न्याय प्राप्त करना प्रत्येक का अधिकार है.
सुरेश यादव जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पूरा समय देकर प्रचारक के रूप में कार्य करने वाले कार्यकर्ता है. संघ की समाजहित के कार्यों के प्रति प्रतिबद्धता पर इस देश के समाज को पूरा विश्वास है. यह बार-बार सिद्ध हुआ है.
संघ के सार्वजनिक कार्यों में सक्रियता के कारण समाज में आई जागृति से असामाजिक एवं गैर कानूनी गतिविधियों में लिप्त तत्वों को अवश्य रूकावट लगती है. बैहर में भी इसी प्रकार समाज की जागृति से असामाजिक गैरकानूनी गतिविधियां प्रभावित हुई है. ऐसे ही तत्वों के साथ मिलकर बैहर थाने की पुलिस टीम ने पूर्व नियोजित षड्यंत्र के तहत सुरेश जी पर प्राण घातक हमला किया. लेकिन इन तत्वों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है.
गंभीर अपराध का ही परिणाम है कि अपराधियों की अग्रिम जमानत की याचिका माननीय न्यायालय ने दो बार खारिज कर दी है.
घटना से संबंधित तथ्य
व्हाट्स एप पर संदेश की विषय वस्तु, जिसे लेकर साम्प्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने के लिये सुरेश यादव को जिम्मेदार माना गया.
मै भी शौक से इस्लाम कबूल कर लूं.
मैं भी शौक से खुशी-खुशी लोगों को यह रमजान मुबारक कहूं.
मैं भी शौक से रोजे रखूं.
मैं भी शौक से दिन में पांच बार नमाज, लेकिन शर्तें यह है कि –
अल्लाह के नाम का लिखा पत्थर पानी में तैर जाये.
उनका मौला एक उंगली पर पर्वत उठाकर लोगों को भयंकर बरसात से बचा ले.
उनका रब अपने एक हाथ से पूरा पर्वत हवा में उठाकर किसी की जान बचा ले.
इनका पैगम्बर शिवजी की तरह जहर पीकर संसार को बचा ले.
इनका मोहम्मद श्रीरामजी की तरह एक पत्थर को महिला बना दे.
इनका ख्वाजा बाल अवस्था में आग उगलते सूरज को खा जाये.
इनका नबी करोड़ों की रफ्तार से बहने वाली गंगा मैया को अपने बालों में समेट ले.
इनका अली काले विषधारी नाग के दांत तोड़कर नाग के फनपर श्रीकृष्ण की तरह नृत्य कर सके.
इनका खुदा विष्णुजी की तरह पानी में शेषनाग की छाती पर बैठ सके, रह सके और सो सके.
इनका परवरदीगार मां गर्भ में अभिमन्यु की तरह पूरी बाहरी दुनिया का हालचाल जान सके और चक्रव्यूह भेदने का ज्ञान जान सके.
घटनाक्रम –
– 24 सितम्बर 2016 रात्रि 8.00 बजे – एक व्हाट्स एप कन्टेंट शेयर किया गया.
– 25 सितम्बर 2016 रात्रि 8.00 बजे – संघ कार्यालय में पुलिस घुस जाती है. जिला प्रचारक सुरेश यादव को पूछताछ के नाम पर मारपीट करते गाड़ी में बिठाकर पुलिस थाने की ओर बढ़ती है. पुलिस थाने न ले जाकर थाने के सामने वाली सड़क पर सुरेश यादव को उन्मादी हुजूम के हवाले कर देती है. स्वयं भीड़ में शामिल होकर बेरहमी से पिटाई करती है, करवाती है.
– बेरहमी से हो रही पिटाई से जान के खतरे को भांप कर सुरेश यादव थाने के सामने असाठी के मेडिकल दुकान-निवास में घुसकर अपने प्राण बचाने की कोशिश करता है. पुलिस उसके पीछे घर में घुसकर मारते हुये उसे थाने में लाती है.
– बाद में थाने के अंदर ले जाकर थर्ड डिग्री का उपयोग करती है. सुरेश यादव बेहोश होता है, कान से खून बहने लगता है.
– किसी व्यक्ति के साथ गैर कानूनी, अमानवीय पुलिस कृत्य की जानकारी नगर में फैलने के बाद हजारों लोग थाने के सामने एकत्रित हो जाते है, जिसमें सैकड़ों महिलाएं भी सम्मिलित होती है. यह भीड़ पुलिस जब तक सुरेश यादव को जिला अस्पताल नहीं भेजती, तब तक नहीं हटती.
– 26 सितम्बर 2016 प्रातः 3.43 बजे पुलिस द्वारा पुलिस की बर्बर कार्यवाही के खिलाफ अपराध कायम करती है.
– 26 सितंबर 2016 प्रातः 7.00 बजे मनोहर असाठी द्वारा एक एफआरआई दर्ज करवाई जाती है, जिसमें एडि. एसपी राजेश शर्मा, उप निरीक्षक अनिल अजमेरिया एवं अन्य 7-8 लोगों के खिलाफ धारा294, 323, 506, 452 एवं 147 के अन्तर्गत अपराध कायम करती है.
– बालाघाट जिला अस्पताल-मेडिकल जांच/वीडियो, जबलपुर रेफर कर दिया गया, जबलपुर में डॉ. जामदार अस्पताल में भर्ती.
– 26 सितंबर को थाना प्रभारी जिया उल हक, उप निरीक्षक अनिल अजमेरिया, सहा. उप. निरीक्षक सुरेश विजयवार का निलंबन. 28 सितंबर को अभय सिंह, धनेंद्र टेंभरे, आर. के. कुंजबिहारी शर्मा का निलंबन, संस्कृत सिंह, सराय गुर्जर, दिलीप पांडे होमगार्ड मुख्यालय अटैच, 28 सितंबर एएसपी राजेश शर्मा का निलंबन. 28 सितंबर विशेष जांच दल का गठन.
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