Friday, August 26, 2011
अन्ना के मंच पर दिखी रुसवाई, अलग हुए अग्निवेश भाई
नई दिल्ली.टीम अन्ना के एक प्रमुख सदस्य स्वामी अग्निवेश ने टीम के अन्य सदस्यों से कुछ मतभेदों के बाद अपने आपको टीम की गतिविधियों से अलग कर लिया है।
अग्निवेश ने बताया कि चूंकि अन्ना हज़ारे अपना अनशन ख़त्म नहीं कर रहे हैं और उन्होंने ड्रिप लेने से इनकार कर दिया है इसलिए वे अपने आपको अलग कर रहे हैं क्योंकि सिद्धांतों के अनुसार वे आमरण अनशन के साथ ख़ड़े नहीं रह सकते।
उन्होंने यह भी कहा कि अन्ना हज़ारे का आंदोलन सामाजिक न्याय से सहमत नहीं है इसलिए वे अपने आपको इससे अलग कर रहे हैं।
हालांकि उन्होंने इस बात से इनकार किया कि टीम अन्ना में कोई दरार पड़ गई है। उनका कहना है कि 'सदस्यों के बीच छोटी-मोटी बातों को लेकर मतभेद हैं लेकिन इसे दरार नहीं कहा जाना चाहिए क्योंकि इस समय आंदोलन अच्छा चल रहा है।'
आपकी राय
क्या स्वामी अग्निवेश को इस वक़्त अपने मतभेद को इस तरह से सार्वजानिक करना चाहिए?जब वे अन्ना के तौर-तरीके से सहमत नहीं थे तो अबतक वह क्यों इससे जुड़े रहे? क्या वे अपनी तरह से इस आन्दोलन को चलाना चाहते हैं?
आप क्या सोंचते हैं इस बारे में हमें बताएं।
अग्निवेश ने बताया कि चूंकि अन्ना हज़ारे अपना अनशन ख़त्म नहीं कर रहे हैं और उन्होंने ड्रिप लेने से इनकार कर दिया है इसलिए वे अपने आपको अलग कर रहे हैं क्योंकि सिद्धांतों के अनुसार वे आमरण अनशन के साथ ख़ड़े नहीं रह सकते।
उन्होंने यह भी कहा कि अन्ना हज़ारे का आंदोलन सामाजिक न्याय से सहमत नहीं है इसलिए वे अपने आपको इससे अलग कर रहे हैं।
हालांकि उन्होंने इस बात से इनकार किया कि टीम अन्ना में कोई दरार पड़ गई है। उनका कहना है कि 'सदस्यों के बीच छोटी-मोटी बातों को लेकर मतभेद हैं लेकिन इसे दरार नहीं कहा जाना चाहिए क्योंकि इस समय आंदोलन अच्छा चल रहा है।'
आपकी राय
क्या स्वामी अग्निवेश को इस वक़्त अपने मतभेद को इस तरह से सार्वजानिक करना चाहिए?जब वे अन्ना के तौर-तरीके से सहमत नहीं थे तो अबतक वह क्यों इससे जुड़े रहे? क्या वे अपनी तरह से इस आन्दोलन को चलाना चाहते हैं?
आप क्या सोंचते हैं इस बारे में हमें बताएं।
पाक में हिन्दुस्तानी समाधियों पर फेंका जा रहा कूड़ा
अमृतसर . शौर्य तथा पराक्रम से हिंदुस्तान का गौरव बढ़ाने वाले महाराजा रणजीत सिंह के वंशजों की समाधियों से पाकिस्तान में बेअदबी होने लगी है। लाहौर स्थित महाराजा के बेटे महाराजा शेर सिंह की समाधि को कचरा खपाने के लिए इस्तेमाल किया जाने लगा है। भारतीय इतिहासकारों ने वहां के पुरातत्व विभाग को पत्र भेजकर आपत्ति जताई है।
महाराजा रणजीत सिंह की पारिवारिक समाधियां : लाहौर शहर से करीब साढ़े तीन किलोमीटर बाहर की तरफ कोट ख्वाजा सैयद (शाह बहलोल) इलाके में तकरीबन पांच किल्ले रकबे में महाराजा की दूसरी पीढ़ी के लोगों की समाधियां बनीं थीं।
यह वही स्थान है, जहां पर महाराजा शेर सिंह तथा उनके बेटे टिक्का प्रताप सिंह की हत्या हुई थी। इसी जगह पर उन लोगों का संस्कार किया गया। इसके बाद रानी प्रताप कौर तथा रानी धर्म कौर का भी यहीं पर संस्कार किया गया। यहां पर इनकी समाधियां भी बनाई गईं। यह स्थल ऐतिहासिक, पुरातात्विक अहमियत के साथ-साथ भित्ति चित्र कला का भी नायाब नमूना था।
पीएचसीए के पास पहुंची शिकायत : भारतीय इतिहासकार सुरेंद्र कोछड़ तथा पुरातत्वविद अनीता सरीन ने पार्क एंड हॉर्टीकल्चर अथॉरिटी ऑफ पाकिस्तान के डायरेक्टर जावेद शाहिदा को पत्र लिख कर भारतीय आस्था और गौरव की प्रतीक इन धरोहरों की बेअदबी रोकने की मांग की है। कोछड़ ने बताया कि जिस तरीके से पाकिस्तान में सिख विरसे से जुड़ी हुई धरोहरों के बेकदरी हो रही है, वह दुखद तो है ही बल्कि दोनों मुल्कों के आपसी संबंधों में भी तल्खी ला सकती है।
पाक नहीं मानता विरासत
लाहौर वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी के डिस्ट्रिक अधिकारी रफीक जतोई ने ‘दैनिक भास्कर’ को फोन पर बताया कि यह स्थल धरोहर नहीं है, क्योंकि जो साइटें यूएनओ की सूची में आती हैं, वह उन्हें ही विरासत मानते हैं। वे जो भी काम कर रहे हैं वह नियम और कानून के दायरे में रहकर कर रहे हैं।
कब्जे से हुई शुरुआत
पहले इस स्थल की चहारदीवारी पर पास स्थित नवाज शरीफ अस्पताल ने कब्जाया फिर धीरे-धीरे यहां पर कचरा फेंका जाने लगा। इसके बाद लाहौर वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी ने पहले तो अन्य समाधियों व स्मारकों पर कचरा फेंका और अब महाराजा शेर सिंह की समाधि स्थली (बारादरी) पर कूड़ा फेंकना जाने लगा है। वहां रह रहे सिख परिवारों का कहना है कि वे डर के मारे आवाज नहीं उठा पाते। अब हालात ये हैं यह स्थल पूरी तरह से कचरे से अट चुका है।
http://www.bhaskar.com/
महाराजा रणजीत सिंह की पारिवारिक समाधियां : लाहौर शहर से करीब साढ़े तीन किलोमीटर बाहर की तरफ कोट ख्वाजा सैयद (शाह बहलोल) इलाके में तकरीबन पांच किल्ले रकबे में महाराजा की दूसरी पीढ़ी के लोगों की समाधियां बनीं थीं।
यह वही स्थान है, जहां पर महाराजा शेर सिंह तथा उनके बेटे टिक्का प्रताप सिंह की हत्या हुई थी। इसी जगह पर उन लोगों का संस्कार किया गया। इसके बाद रानी प्रताप कौर तथा रानी धर्म कौर का भी यहीं पर संस्कार किया गया। यहां पर इनकी समाधियां भी बनाई गईं। यह स्थल ऐतिहासिक, पुरातात्विक अहमियत के साथ-साथ भित्ति चित्र कला का भी नायाब नमूना था।
पीएचसीए के पास पहुंची शिकायत : भारतीय इतिहासकार सुरेंद्र कोछड़ तथा पुरातत्वविद अनीता सरीन ने पार्क एंड हॉर्टीकल्चर अथॉरिटी ऑफ पाकिस्तान के डायरेक्टर जावेद शाहिदा को पत्र लिख कर भारतीय आस्था और गौरव की प्रतीक इन धरोहरों की बेअदबी रोकने की मांग की है। कोछड़ ने बताया कि जिस तरीके से पाकिस्तान में सिख विरसे से जुड़ी हुई धरोहरों के बेकदरी हो रही है, वह दुखद तो है ही बल्कि दोनों मुल्कों के आपसी संबंधों में भी तल्खी ला सकती है।
पाक नहीं मानता विरासत
लाहौर वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी के डिस्ट्रिक अधिकारी रफीक जतोई ने ‘दैनिक भास्कर’ को फोन पर बताया कि यह स्थल धरोहर नहीं है, क्योंकि जो साइटें यूएनओ की सूची में आती हैं, वह उन्हें ही विरासत मानते हैं। वे जो भी काम कर रहे हैं वह नियम और कानून के दायरे में रहकर कर रहे हैं।
कब्जे से हुई शुरुआत
पहले इस स्थल की चहारदीवारी पर पास स्थित नवाज शरीफ अस्पताल ने कब्जाया फिर धीरे-धीरे यहां पर कचरा फेंका जाने लगा। इसके बाद लाहौर वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी ने पहले तो अन्य समाधियों व स्मारकों पर कचरा फेंका और अब महाराजा शेर सिंह की समाधि स्थली (बारादरी) पर कूड़ा फेंकना जाने लगा है। वहां रह रहे सिख परिवारों का कहना है कि वे डर के मारे आवाज नहीं उठा पाते। अब हालात ये हैं यह स्थल पूरी तरह से कचरे से अट चुका है।
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Wednesday, August 24, 2011
Working president of BMS,Odisha Sri Pratap Panda Died in an accident on tuesday @9.45 Am @ a mines area, 40 Kms away from Nagpur.
Sangh Mouthpiece VIKRAMA’s new office Bhoomipooja Ceremony at Bangalore
Bangalore August 24: In a simple ceremony, Bhoomipooja of the new 'VIKRAMA' office was performed by RSS State Secretary Sri N Tippeswamy in presence of Senior Sangh office bearers here in Bangalore today.
Sri Tippeswamy ji performing Guddali Pooja as a part of BHOOMIPOOJA of new Vikrama office
VIKRAMA, has a 63years of history, is the RSS Mouthpiece weekly magazine in Kannada established in 1948. 'VIKRAMA' is one of the oldest media of RSS, began almost contemporary to 'Panchajanya' of Hindi and 'Organiser' in English. VIKRAMA' is known for its thought provoking articles by several senior writers including late H V Sheshadri, late Dr Upendra Shenoy.
During Bhoomipooja ceremony Mai Cha Jayaedevji, RSS National Executive Council Member, Senior Sangh Pracharaks Sri Na. Krishnappa, Sri Su Ramanna, Sri Chandrashekhar Bhandary, Sri K S Nagaraj, RSS State Joint Secretary (Saha Pranth Karyvavah) Prof B V Sreedhara Swamy, RSS Pracharak for IT-Milans, Dr Suresh Nayak and several others were present. Chief Editor of Vikrama Du Gu Lakshman and Senior Journalist of Vikrama Sri Ramananda Acharya were present and welcomed all invitees.
The new office will be built at the same location of old office which was completely demolished few months back for the new construction; at Chamarajapet 5th Main Road of Bangalore.
On 26th August ABVP will form Nationwide Human Chain against Corruption
ABVP has resolved to form a Human Chain on 26th August, 2011 against corruption in different parts of the country. National General Secretary of ABVP Shri Umesh Dutta said that on 26th August, 2011 lakhs of students would from Human Chain all over the country and show their outrage against corruption. He demanded that Central Government should come out with a viable solution and respect the sentiments of people who are associated with this movement against corruption. Umesh Dutta said that ABVP would make all efforts to give a logical end to movement against corruption.
ABVP's nationwide "College Bandh" on 18th August, 2011 got tremendous support from the student community from all over India. ABVP is organising different activities against corruption since last 9 months. Issues like Jan Lokpal Bill, Black Money are included in this campaign against corruption. ABVP is in support of an effective Lokpal Bill.
Activists of ABVP did Chakka Jams (blocked the roads) on 9th August, 2011 and raised the slogan of "Corrupt leaders- Quit Power". ABVP gave a call to student community to tie black strips in his/her college for half hour for one week.
Follow us -
https://www.facebook.com/ABVPVOICE
http://abvp.org
ABVP's nationwide "College Bandh" on 18th August, 2011 got tremendous support from the student community from all over India. ABVP is organising different activities against corruption since last 9 months. Issues like Jan Lokpal Bill, Black Money are included in this campaign against corruption. ABVP is in support of an effective Lokpal Bill.
Activists of ABVP did Chakka Jams (blocked the roads) on 9th August, 2011 and raised the slogan of "Corrupt leaders- Quit Power". ABVP gave a call to student community to tie black strips in his/her college for half hour for one week.
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Tuesday, August 23, 2011
Monday, August 22, 2011
Black Money in SWISS Banks
NEWS BY WIKILEAKS ON 02-08-11
Black Money in SWISS Banks FIGURE IN CRORE.
Prabodh Mehta 28000
Chintan Gandhi-1956
Arun Mehta 2500
R.Paswan-3500
Neera Radiya 289990
Rajiv Gandhi-198000
Naresh Goyal-145600
Karunanidhi Stalin-10500
Manoj Dhupelia-9850
A. Raja-7800
Harshad Mehta-135800
S.S.Palanimanickam-4800
Ketan Parekh-8200
Paban Singh Ghotowar-3908
Rendezvous Sports Words-29800
H.D. KumarSwami-14500
C.P.Krishanan Nair-4520
Lalu Prasad Yadav-29800
Jyotiraditya Madhavrao Scindhia-9000
Kalanidhi Maran-15000
Karuna Nidhi 35000
Sharad Panwar-28000
Suresh Kalmadi-5900
Chitham Baram-32000
Raj Foundation-189008
Urvashi Foundation-289745
Ambrunova Trust-17658
Arun Kochar-15450
Wikileaks have more than 985 names it will be published shortly in port 88.80.16.63 on port 9999 (SSL Enabled) Mr. S.N.Handa Saw many are circulating. You may also plz check it.
Black Money in SWISS Banks FIGURE IN CRORE.
Prabodh Mehta 28000
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Neera Radiya 289990
Rajiv Gandhi-198000
Naresh Goyal-145600
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A. Raja-7800
Harshad Mehta-135800
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Sunday, August 21, 2011
Press briefing by RSS General secretary Bhaiyyaji Joshi
Ujjain August 20-2011: Sri Suresh Bhaiyyaji Joshi, Genereral Secretary of RSS has conducted a press meet during the on going SAMANWAYA BAITAK.
Inspired by a single motto, the chief personnel of various Sangh Parivar organizations that are active in social and national spheres assemble together every 3-4 years with the intention of contemplation and planning. During the meeting, there is a mutual exchange of various experiences too.
In the chain of these meetings, the interactive gathering at Ujjain has just concluded, where discussions have been held on various aspects. Along with this, there has also been a deep pondering over the current social scenario as well.
Retrieval of black-money and prevalence of corruption has become a matter of serious deliberation all over the nation. Against this glaring issue that has been causing deep distress to the general public, the citizens’ voice is now being articulated as a sharp agitation. Be it the “Youth Against Corruption” campaign launched by ABVP or the protest for implementation of ideals under the initiative of Swami Ramdevji’s “Bharat Swabhiman Trust” or the uprising under the leadership of Anna Hazareji for the implementation of Janlokpal Bill, the public participation and consent received in favour of these agitations are indicative of intense nationalism and devotion to a cause.
Dr Manmohan Vaidya, Suresh Bhaiyyaji Joshi at Samanvay Baithak- Ujjain
The resolution passed at the “Akhil Bharatiya Pratinidhi Sabha” organized by Rashtriya Swayamsevak Sangh, which concluded on March 2011, has stated clearly that any form of protest voiced against corruption will be supported by Sangh. Following this, the Swayamsevaks have been active participants in any such demonstration. In a nutshell, this endeavor of ours will continue. Also, we strongly believe that there is the necessity for an integrated and coordinated effort by the different campaigners. It is vital that everyone moves forward as one, in unity.
The decision of the ruling class was to stifle the agitation that has been moving forward peacefully. The issuing and implementation of detention against a non-violent and organized campaign, instead of conducting peaceful negotiations and deriving at amicable solutions is indeed beyond comprehension. In a democracy, the duty and responsibility of the elected representatives is to take decisions and usher in peace, taking into consideration the citizen’s views.
The Prevention of Communal and Targeted Violence Bill, 2011, to be passed by the National Advisory Council will prove to be disastrous to the social harmony and national unity. The bill will wound the very roots of our constitution. Not only this, it is also bound to sow and reap the seeds of distrust and dissolution. This has highlighted the communal and divisive mindset of NAC, which has proposed the very Bill.
The proposed bill will disband the federal accord created by the constitution and will destroy the rights bestowed on the nation. Hence, the government is requested to nip the bill off, in the bud itself and ensure the nation’s security. By implementing this kind of bill, the NAC’s commitment to national integrity itself becomes dubious.
The Bill will be opposed tooth and nail by various organizations of the country, at different levels. It is the government’s duty to make serious deliberations before implementing something that poses grave threat to social interactions and national integrity.
Saturday, August 20, 2011
रस प्रेस मीत
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ABVP appeals student to Tie Black ribbon & Protest against Corruption
ABVP appeals student to Tie Black ribbon & Protest against Corruption
- Gen. Sec. Shri Umesh Dutt
After successful all India college band (close) on 18th August by ABVP it has now appealed students
to tie black ribbon & protest against corruption. ABVP National General secretary Shri. Umesh Dutt appealed
student community to tie black ribbon written "I am Against Corruption" & protest against corruption on the campuses.
- Gen. Sec. Shri Umesh Dutt
After successful all India college band (close) on 18th August by ABVP it has now appealed students
to tie black ribbon & protest against corruption. ABVP National General secretary Shri. Umesh Dutt appealed
student community to tie black ribbon written "I am Against Corruption" & protest against corruption on the campuses.
काली पट्टी बांधकर भ्रष्टाचार का विरोध करें छात्र
काली पट्टी बांधकर भ्रष्टाचार का विरोध करें छात्र
- अभाविप महामंत्री उमेश दत्त
अभाविप के चल रहे भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन के तहत 18 अगस्त को यशस्वी देशव्यापी कॉलेज बंद के बाद
अब अभाविप ने छात्रों को "मै भ्रष्टाचार के खिलाफ हूँ" ऐसी काली पट्टी बांधकर आन्दोलन करने का आवाहन किया है |
राष्ट्रीय महामंत्री श्री उमेश दत्त ने कहा है की हाथों पर काली पट्टी बांधकर छात्र
अपने अपने कैम्पसों में रोज आधा घंटा भ्रष्टाचार विरोध में आन्दोलन, प्रदर्शन करें |
- अभाविप महामंत्री उमेश दत्त
अभाविप के चल रहे भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन के तहत 18 अगस्त को यशस्वी देशव्यापी कॉलेज बंद के बाद
अब अभाविप ने छात्रों को "मै भ्रष्टाचार के खिलाफ हूँ" ऐसी काली पट्टी बांधकर आन्दोलन करने का आवाहन किया है |
राष्ट्रीय महामंत्री श्री उमेश दत्त ने कहा है की हाथों पर काली पट्टी बांधकर छात्र
अपने अपने कैम्पसों में रोज आधा घंटा भ्रष्टाचार विरोध में आन्दोलन, प्रदर्शन करें |
Friday, August 19, 2011
West Bengal to be renamed Paschimbanga
A consensus to rename West Bengal as Paschimbanga was on Friday reached at an all-party meeting to change the nomenclature of the state.
Chief Minister Mamata Banerjee suggested the new name and unanimity was reached on it, Parliamentary Affairs Minister Partha Chatterjee told reporters after the meeting in the state assembly.
“It has been unanimously decided that state’s new name will be Paschimbanga from now in all languages,” he said.
“We wanted a change in the name of the state to get the administrative advantage,” he said.
The Chief Minister presided over the meeting attended by Trinamool Congress, besides ally Congress and SUCI(C), Left Front constituents CPI(M), CPI, RSP, Forward Bloc as also GJM, among other parties.
Ms. Banerjee had earlier empowered Mr. Chatterjee and Leader of the Opposition Surjyakanta Mishra to study the new name for the state.
Mr. Chatterjee said the letter ‘W’ in West Bengal came low down alphabetically which resulted in disadvantage for the state.
“Paschimbanga as a new name also mirrors history,” he said, adding a resolution would be moved in the Assembly for adoption which would be then referred to the Centre.
Forward Bloc sources said the choice was made from among the suggestions of ‘Paschimbanga’, ‘Bangla’ and ‘Bangabhumi’
CPI(M)’s Mishra, who flanked Mr. Chatterjee at the press meet, said, “Whatever be the opinions in the past, unanimity was reached on the issue at the all-party meeting.”
Once the bill in this regard is passed by two-thirds majority in both Lok Sabha and Rajya Sabha and ratified by the President, the state would get the new name.
Mr. Chatterjee said that the meeting also discussed bifurcation of Jalpaiguri, Burdwan, West Midnapore and North 24 Parganas districts.
It was decided that district magistrates would be asked to seek the opinion of the people before proceeding with the move.
In the past also, similar moves were taken to rename West Bengal -- once in 1974 during Congress rule and later in 1999 when Left Front was in power. The moves did not mature due to various reasons
Keywords: West Bengal, Paschimbanga, Chief Minister Mamata Banerjee, all-party meeting
युपीए के दुराग्रही वृत्ती की संघ द्वारा कडी निंदा
इंदौर, १५ अगस्त : भ्रष्टाचार के विरोध में १६ अगस्त से चलने वाले श्री अन्ना हजारे के अनशन तथा आंदोलन के प्रति केंद्र की युपीए सरकार की दमनकारी वृत्ती का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने निषेध किया है और अन्ना के इस आंदोलन को अपना पूरा समर्थन घोषित किया है|
रा. स्व. संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ. मनमोहन वैद्य ने इंदौर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि, श्री अन्ना हजारे के द्वारा भ्रष्टाचार के विरोध में चलने वाले आंदोलन के निमित्त कल १६ अगस्त से दिल्ली में शुरू होने वाले धरना तथा अनशन को पहले दी गई अनुमति नकारने का युपीए सरकार का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण एवं जनविरोधी है|
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने सरकार की इस दुराग्रही वृत्ती की कडे शब्दों में निंदा की है एवम् श्री अन्ना हजारे के आन्दोलन को अपना समर्थन घोषित किया है|
श्री अन्ना हजारे के आंदोलन को मिलने वाले प्रचण्ड जनसमर्थन की उपेक्षा कर बाचचीत का रास्ता अपनाने के बदले संघर्ष का वातावरण बनाना अनावश्यक एवम् अनुचित है, ऐेसा भी संघ ने स्पष्ट किया है|
रा. स्व. संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ. मनमोहन वैद्य ने इंदौर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि, श्री अन्ना हजारे के द्वारा भ्रष्टाचार के विरोध में चलने वाले आंदोलन के निमित्त कल १६ अगस्त से दिल्ली में शुरू होने वाले धरना तथा अनशन को पहले दी गई अनुमति नकारने का युपीए सरकार का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण एवं जनविरोधी है|
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने सरकार की इस दुराग्रही वृत्ती की कडे शब्दों में निंदा की है एवम् श्री अन्ना हजारे के आन्दोलन को अपना समर्थन घोषित किया है|
श्री अन्ना हजारे के आंदोलन को मिलने वाले प्रचण्ड जनसमर्थन की उपेक्षा कर बाचचीत का रास्ता अपनाने के बदले संघर्ष का वातावरण बनाना अनावश्यक एवम् अनुचित है, ऐेसा भी संघ ने स्पष्ट किया है|
तिहाड़ जेल से निकले अन्ना
तिहाड़ जेल से निकले अन्ना
नई दिल्ली। प्रभावी लोकपाल की मांग को लेकर मंगलवार से अनशन पर बैठे अन्ना हजारे शुक्रवार सुबह 68 घंटों बाद तिहाड़
ल से बाहर आए और अपने समर्थकों का हाथ जोड़ अभिवादन किया। यहां उन्होंने अपने समर्थकों को संबोधन किया और कहा, अन्ना रहे न रहे जब तक लोकपाल न मिले यह मशाल जलती रहनी चाहिए। यहां से वे अनशन स्थल रामलीला मैदान के लिए रवाना होंगे। वह पहले राजघाट भी जाएंगे।
अन्ना के प्रमुख सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार सुबह बताया कि पुलिस ने उनको राजघाट और रामलीला मैदान ले जाने के लिए मार्ग तय कर लिया है। वह बिल्कुल स्वस्थ है।
केजरीवाल ने कहा कि इस आंदोलन के दौरान किसी भी राजनीतिक पार्टी के नेता को अन्ना के मंच पर जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। हां, यदि कोई हमारे समर्थन में आता है तो उसका स्वागत है।
केजरीवाल से यह पूछे जाने पर कि भारतीय जनता पार्टी [भाजपा] के कार्यकर्ता इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे है, तो उन्होंने कहा कि हम किसी भी पार्टी के कार्यकर्ता और नेता को मना नहीं कर रहे उनका स्वागत है। वे यहां आकर अन्य समर्थकों के बीच बैठ सकते है।
केजरीवाल से जब यह पूछा गया कि सरकार आरोप लगा रही है कि आप अन्ना हजारे को बरगला रहे है, तो उन्होंने कहा कि अन्ना कोई बच्चा नहीं है, जो मैं उन्हे बरगला रहा हूं। वह वर्षो से समाजसेवा कर रहे है और मैं तो पिछले पांच साल से ही उनके संपर्क में हूं। मुझसे पहले उन्हे कौन बरगला रहा था। सरकार लोगों को गुमराह कर रही है। वह अपने अनशन के बल पर सात कानून पास करवा चुके है।
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने हमें आश्वस्त किया है कि यदि जरूरत पड़ी तो वह नियत समयसीमा को बढ़ा सकती है।
रामलीला मैदान की सुरक्षा व्यवस्था अभूतपूर्व
-रामलीला मैदान में शुक्रवार से प्रस्तावित अन्ना के अनशन कार्यक्रम के लिए बुधवार रात को ही दिल्ली पुलिस ने मैदान को अपने कब्जे में ले लिया। काफी भीड़ की आशंका के मद्देनजर करीब चार हजार पुलिसकर्मी [महिला-पुरुष] को मंगवा लिया गया है। हालांकि पार्क के तैयार न हो पाने के कारण अभी उनकी तैनाती नहीं की गई है। बड़ी संख्या में सादे कपड़ों में खुफिया विभाग, आइबी, स्पेशल सेल व अपराध शाखा के लोग मैदान के अंदर-बाहर व आसपास अपनी पैनी नजर रखेंगे। संभवत: शुक्रवार सुबह अन्ना के कार्यक्रम के हिसाब से पुलिस बल तैनात किया जाएगा। रामलीला मैदान की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करने के लिए बुधवार रात से बृहस्पतिवार दिन भर तमाम आला अधिकारियों की बैठक में रणनीति तय की जाती रही।
मैदान के प्रवेश द्वारों, अंदर व चारों तरफ दीवारों से सटे तैनात पुलिसकर्मियों की डीलिंग लोगों से होगी। ये सभी पुलिसकर्मी बिना हथियारों व लाठियों के होंगे। इसके अलावा कवरिंग यानी चारों तरफ के एरिया, रुट्स, पिकेट, मचान व मोर्चा [रेत की बोरियों वाले] आदि पर तैनात पुलिसकर्मी अत्याधुनिक हथियारों से लैस होंगे। ताकि जरूरत पड़ने पर वे मोर्चा संभाल सके। सुरक्षा व्यवस्था में कितने पुलिसकर्मी तैनात होंगे, इसका ब्यौरा नहीं दिया जा रहा है। दिल्ली पुलिस प्रवक्ता राजन भगत का कहना है कि भीड़ के अनुसार सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे। सुरक्षा व्यवस्था मल्टी लेयर होगी। यानी कई स्तरों पर मेटल डिटेक्टर, डीएफएमडी व हाथों से तलाशी लेने के बाद ही किसी को अंदर प्रवेश करने दिया जाएगा। मैदान में आने वाले हर शख्श पर सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी जाएगी। अनुमान है भीड़ अधिक बढ़ सकती है, जिससे पुलिस परेशानी तो महसूस कर रही है। किंतु उसे यह भी भरोसा है कि अन्ना समर्थक अनुशासित हैं। भीड़ का फायदा उठाकर कोई असामाजिक तत्व गड़बड़ी न कर सके इसके लिए दिन से रात में तीन-चार बार मैदान के अंदर व बाहर एंटी सबोटास चेकिंग [बम की जांच] की जाएगी। जगह-जगह मचान व मोर्चा बनाए जाएंगे। सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ की तीन कंपनी [300] महिला पुलिस कर्मी मंगाई गई हैं। कई जिले के आला अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था का नेतृत्व करेंगे।
इतिहास के पन्नों में दर्ज है रामलीला मैदान
-इतिहास के पन्नों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुका दिल्ली का रामलीला मैदान एक बार फिर देश-दुनिया में सुर्खियों में है। वर्ष 1975 में यह मैदान जेपी आंदोलन का भी गवाह बना था, जिसकी परिणति इंदिरा गांधी सरकार की हार की रूप में हुई थी। हाल में ही यहां पर काले धन के मुद्दे पर योग गुरु बाबा रामदेव ने बिगुल फूंका।
इतिहास बताता है कि यह मैदान 128 साल का हो चुका है। वर्ष 1883 में अंग्रेजों ने इसे अपने सैनिकों के कैंप के लिए तैयार करवाया था। मैदान में उनके लिए तंबू वाले घर बनाए गए थे। अंग्रेजों ने मैदान में कई आयोजन भी कराए। इसी बीच पुरानी दिल्ली के कई हिंदू संगठनों द्वारा इस मैदान में रामलीलाओं का आयोजन किया जाने लगा। परिणाम स्वरूप इसकी पहचान रामलीला मैदान के रूप में हो गई।
देश की आजादी के बाद दिसंबर 1947 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने रामलीला मैदान में एक बड़ी रैली की। रैली को संघ के दूसरे सर संघ चालक माधव राव सदाशिव राव गोलवलकर ने संबोधित किया था। वर्ष 1949 में फिर संघ ने बड़ी पब्लिक मीटिंग की। दिसंबर 1952 में रामलीला मैदान में जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को लेकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने सत्याग्रह किया था। इससे सरकार हिल गई थी। देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने सन् 1956 और 57 में मैदान में जनसभा की।
28 जनवरी, 1961 को ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ ने रामलीला मैदान में ही एक बड़ी सभा को संबोधित किया था। 26 जनवरी, 1963 में प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की उपस्थिति में लता मंगेश्कर ने एक कार्यक्रम पेश किया। मार्च 1973 में दलाईलामा ने बुद्धिज्म पर भाषण दिया। वर्ष 1977 में तत्कालीन विदेश मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी यहां पर विशाल जनसभा की थी। इसके बाद भी यहां पर कांग्रेस, भाजपा सहित अन्य दलों, संगठनों और धार्मिक संगठनों के कई एतिहासिक कार्यक्रम होते आए हैं।
Anna Hazare addresses supporters at Ramlila Ground
NEW DELHI: After three days in jail, anti-corruption crusader Anna Hazare reached Ramlila Maidan and addressed thousands of supporters urging them to continue the fight for a strong Lokpal Bill.
Anna was received by cheering crowds, many of who had been waiting for days.
Earlier in the day, just past the Tihar Jail gates he addressed the crowd outside , raising his hand to the air and shouting "Victory to Mother India" and declaring the fight against corruption would continue whether he was "alive or not" before slowly winding his way in a truck decorated with flags through massive crowds.
Looking fit, the 73-year old Gandhian who is on day four of his hunger strike, urged his supporters outside jail to make sure that the torch of the movement against corruption is not extinguished. He said that India gained freedom in 1947, but the freedom movement had actually begun long time back meaning that the march to end corruption will be a long drawn one.
"We got freedom in 1947. Now the second freedom struggle has begun on August 16. A revolution has started. The fight against corruption will continue whether I am alive or not," he said as the hundreds of supporters waiting for him since early morning cheered and clapped.
Anna said, "After 64 years of independence, we still haven't achieved complete freedom."
"The fight is far from over, it has just begun," he added.
Many supporters had been there overnight and some had offered prayers to the god. Others chanted "the whole country is Anna".
Greeted by rains, the procession made slow progress as Anna waved to his supporters on his way towards Rajghat where he paid obeisance to Mahatma Gandhi before proceeding to Amar Jawan Jyoti at the India Gate and from there to the Ramlila ground, the protest venue.
Hazare supporters accompanied the procession waving the tricolour while he accepted greetings from people gathered on either side of the road in West Delhi.
The improvised vehicle had a huge umbrella to protect Hazare and his close aides from the pounding rain. Apart from walking along with Hazare's vehicle, the supporters followed him on bikes, jeeps and cars.
The procession affected vehicular traffic in and around the Tihar Jail premises including in Janakpuri, Mayapuri and Hari Nagar in West Delhi.
The tireless Hazare was greeted by the supporters with garlands and bouquets at various intersections en-route his procession which was marked by chants of 'Anna' and "Vande Mataram".
Children, housewives and others were seen standing on their balconies and rooftops to have a glimpse of Hazare and the procession.
Thousands of people, many of them school children, waited at Ramlila Ground despite rains to support Anna Hazare.
With the many tricolours, patriotic songs playing in the background and loud slogans and the sun playing hide and seek, it was like a carnival at the sprawling ground in central Delhi where Hazare will continue his fast that began Tuesday.
There were hundreds of school children in the crowd, some who had bunked their classes to come out in support of the 74-year-old Hazare.
"I have come here to support Annaji and we will get the civil society version of Lokpal bill passed come what may," said Prateek Babar, a student of Rajkiya Sarvodya Vidhyalaya School in west Delhi.
As it started pouring heavily, some people started dancing.
"When the government could not stop us, this downpour is nothing. I am here to witness history in the making," said Rehan Singh, a Class 9 student who had a tricolour painted on his face.
Authorities looked worried though.
"The marquee put up at the Ramlila ground is not waterproof. The ground is already wet. If it rains more, it will be difficult to handle," said Deputy Mayor Anil Sharma.
Anna's exit from jail today, took place after two days of hard negotiations with the government and the two sides agreeing that Hazare will undertake a fast for 15 days at the Ramlila Ground subject to certain conditions.
Hazare got from Delhi Police the spacious Ramlila Ground for his fast instead of the smaller J P Park.
Significantly, Team Hazare made it clear that his fast would not be a fast-unto-death and he will be on hunger strike only till his health permits.
73-year-old Hazare, in a video shot inside Tihar Jail, said the protests by "all my brothers and sisters, the elderly and the children" is giving him a "new energy" for his fast.
He said people were fed up of corruption and the government should not take long to bring a strong Lokpal Bill.
Hazare, who is on the third day of his fast inside Tihar jail, also said he is not "tired" at all.
Anna reaches Ramlila Maidan, thousands hail him
Anti-corruption crusader Anna Hazare raises slogans after emerging from the gates of Tihar prison......
Amid crowd cheering and following him, Anna Hazare reached Rajghat on way to Ramlila Maidan from Tihar jail. He addresses his supporters after reaching the venue for protest. Thousands of people, many of them school children, thronged the Ramlila Maidan despite rains to support the social
activist in his fight for a stringent anti-corruption law.
With the many tricolours, patriotic songs playing in the background and loud slogans and the sun playing hide and seek, it was like a carnival at the sprawling ground in central Delhi where Hazare will continue his fast that began on Tuesday.
There were cheers and hail Anna slogans as the announcement was made that Hazare had left Tihar jail after three days and would slowly make his way to the Ramlila Maidan, via Mahatma Gandhi's memorial Rajghat and India Gate.
There were hundreds of school children in the crowd, some who had bunked their classes to come out in support of the 74-year-old Hazare.
"I have come here to support Annaji and we will get the civil society version of Lokpal bill passed come what may," said Prateek Babar, a student of Rajkiya Sarvodya Vidhyalaya School in west Delhi.
As it started pouring heavily, some people started dancing.
"When the government could not stop us, this downpour is nothing. I am here to witness history in the making," said Rehan Singh, a Class 9 student who had a tricolour painted on his face.
Authorities looked worried though.
"The marquee put up at the Ramlila ground is not waterproof. The ground is already wet. If it rains more, it will be difficult to handle," said deputy mayor Anil Sharma.
Kiran Bedi, who was overseeing the arrangements at Ramlila Maidan, made regular requests to people to maintain calm and peace and wait for Hazare, who is expected to reach around 2 pm after paying tributes at Rajghat and India Gate.
Hazare had planned to begin his fast for a stronger lokpal bill at the JP Park in the ITO area here Tuesday.
Delhi Police imposed certain conditions before the protest could be allowed. Hazare refused to agree, after which the police detained him and his associates on Tuesday.
He was sent to Tihar jail and was subsequently released on Tuesday night, but refused to leave the prison until he was allowed to carry on the fast without any conditions.
Hazare started with his fast Aug 16 inside Tihar jail.
Thursday, August 18, 2011
Revised edition of ‘Rashtriya Swayamsevak Sangh’ book released
Revised edition of ‘Rashtriya Swayamsevak Sangh’ book released
August 17th, 2011, 12:10 pm
Nanaji implemented the Sangh idea of development in villages—Madan Das ji
Newdelhi: “NANAJI Deshmukh was indeed an extraordinary personality. He, thro-ugh practical deeds, taught the people what the RSS is. Through this book he explained the Sangh ideology to the masses,” said RSS Akhil Bharatiya Pracharak Pramukh Shri Madan Das. He was releasing the revised edition of Rashtriya Swayamsevak Sangh, a book written by Nanaji Deshmukh in 1979, in New Delhi on August 6 at Deendayal Research Institute.
Nanaji Deshmukh
The Forward of the revised edition has been written by noted journalist Shri Ram Bahadur Rai. Deputy Speaker of the Lok Sabha Shri Kariya Munda, senior BJP leader Shri Bal Apte and president of Deendayal Research Institute Shri Virendrajit Singh were also present on the occasion. The book is in Hindi and has been published by Prabhat Prakashan. Prior to the function, a documentary, Vilakshan Nanaji, was shown. Former Governor of Goa Shri Kidarnath Sahni and many other distinguished personalities were also present on the occasion.
Shri Madan Das further said the RSS played a key role in generating agitation against the Emergency. Ninety per cent of its swayamsevaks were in jails and the remaining were mobilising people remaining underground. “It was the impact of the RSS activities that the noted communist leader Madhu Limaye then wrote to his wife not to wonder if he came out from the jail wearing RSS nikar,” he said adding that many people were working to weaken the Janata Party but Nanaji was sincerely making efforts to keep it united.
Shri Ram Bahadur Rai said the sequence, facts and reasons for the division of Janata Party cited by Nanaji in the book are fully correct. “Before writing Forward of the book, I have gone through many books on this issue and found what Nanaji wrote is fully correct. Apart from giving correct information about the division of the Janata Party, Nanaji also explained the RSS ideology perfectly,” he said.
Referring to Janata Party, Shri Rai quoted the then Janata Party president the late Chandrasekhar who said the person who cooperated him the most in the functioning of the Janata Party was Nanaji Deshmukh, though he had been cautioned by some of his colleagues about Nanaji. “Chandrasekharji told me in clear words that Nanaji was really a dependable person,” Shri Rai pointed out.
“After Chandrasekharji relinquished the post of Prime Minister I got an opportunity to meet him. I asked him what he learnt after becoming Prime Minister. He said he came to know that Sardar Patel was really a patriot and Pt Nehru was not. Another thing that he learnt while being Prime Minister was that if there is any threat to the security of the nation, the RSS would be the first to come forward to defend the country,” Shri Rai said.
“The qualities that Nanaji possessed are still there and the RSS is following them. But this is also a fact that the mentality that led to the division of Janata Party is still there and no political party of the country is exception to it,” he said.
Shri Kariya Munda said Nanaji left the impression of his work in every sphere he worked. I call upon the youth of the nation to work for the betterment of the deprived people of the country.
Shri Bal Apte said dual membership of RSS was said to be the prime reason behind division of the Janata Party. But it was not the only reason. “The credit to divide the Janata Party truly goes to Ch. Charan Singh. All those who played a role in the division of the Janata Party remained just the followers of some forces and they failed to become a formidable political force in the country. “What Nanaji did in his life, he did keeping his identity of RSS open. He always had an eye on future. That is why the book written by him in 1979 is still relevant,” he said.
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