Tuesday, December 23, 2014

स्वार्थहीन सेवा का होता है सम्मान : भैया जी जोशी

हरिद्वार (विसंके). सेवा के लिये संवेदनशील अन्तःकरण की आवश्यकता होती है. ईसाइयों की सेवा का हम सम्मान करते हैं. लेकिन उनकी सेवा स्वार्थहीन हो तभी उसका सही सम्मान किया जा सकता है. भारत के पूर्वज सर्वे भवंतु सुखिनः के सिद्धान्त पर चलते रहे और इसका पूरी दुनिया में प्रचार किया. आज हमें अपने पूर्वजों के दिखाये मार्ग पर चलकर दुनिया को राह दिखानी है और भारत को विश्वगुरू बनाने के अपने संकल्प को दृढ़ करना है.
यह कहना है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री सुरेश (भय्या जी) जोशी का. वे 21 दिसंबर को यहां कुष्ठ रोगियों एवं उनके बच्चों को समर्पित अध्यात्म प्रेरित स्वैच्छिक सेवा संस्थान ‘दिव्य प्रेम सेवा मिशन’ के चिल्ला बैराज स्थित वंदेमातरम् कुंज में आयोजित वार्षिक समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे.
भय्याजी ने कहा कि अपने आस-पास का परिवेश वेदना निर्माण करने वाला दिखाई देता है, अनाचार के मार्ग पर लोग चलते दिखाई देते हैं, हमें ऐसे भारत का निर्माण करना है जो इन सभी कारणों का निराकरण कर सके. उन्होंने कहा कि हिमालय की इन पहाड़ियों में लोग मोक्ष प्राप्त करने आते हैं, लेकिन आशीष जी ने मोक्ष के मार्ग को छोड़कर अपने बन्धुओं की पीड़ा को समझा और इस सेवा कार्य में लगे. भारत का वैभव गौरव कैसे रहेगा इसकी चिन्ता करने की जरूरत है. हमारे पूर्वजों ने सर्वे भवन्तु सुखिनः का उद्घोष किया और अतिथि को भगवान के स्वरूप में देखा उन्होंने कहा कि इसाईइ की सेवा का हम सम्मान करते हैं लेकिन वे स्वार्थहीन सेवा करें. सेवा के लिये संवेदनशील, अन्तःकरण की आवश्यकता होती है.
समारोह की अध्यक्षता करते हुए एमडीएच मसाले के प्रबन्ध निदेशक महाशय धर्मपाल ने बताया कि पैसा मैं अपने लिये नहीं कमाता बल्कि समाज के अच्छे कार्यो को सफल बनाने के लिये कमाता हूं. उन्होंने कहा कि  मेरे जैसा बनना चाहते हो तो मेरी बातों पर अमल करो. हमें यहां आकर बहुत खुशी होती है तथा इन बच्चों को देखकर मन प्रसन्न होता है. योगगुरू स्वामी रामदेव ने कहा कि सृष्टि ने हमारा निर्माण कर दिया, अब हमें सोचना है कि देश के लिये हम क्या कर सकते हैं ? हमारे अन्दर विवेकानन्द दिखाई दे, गौतम और पतंजलि दिखाई दें -ऐसे जीवन का निर्माण करना चाहिये. यहां जो भी आये हैं सभी कामनाओं से मुक्त होकर जायें और एक बच्चे के पालन पोषण का संकल्प लेकर अपने कर्तव्य का निर्वाह करें. उन्होंने कहा कि सेवा, साधना ही स्थायी संपत्ति है जो अनेक जन्मों तक आपके साथ रहेगी .
इस अवसर पर पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि दिव्य प्रेम सेवा मिशन के सेवा कार्य का शब्दों में वर्णन नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि वे आजीवन मिशन के सेवा कार्यों के लिये समर्पित रहेंगे. उन्होंने कहा की राज्याश्रय में रहने वाली संस्थाओं का अस्तित्व शीघ्र समाप्त हो जाता है, लेकिन समाज के सहयोग से संचालित संस्थायें निरन्तर चलती रहती हैं. कार्यक्रम को केन्द्रीय कैबिनेट मंत्री श्री संतोष गंगवार, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सतपाल महाराज, प्रभात प्रकाशन के प्रभात कुमार, पूर्व मंत्री शिवप्रताप शुक्ल, उद्योगपति चन्द्रकुमार सोमानी ने भी सम्बोधित किया.
कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ. सम्मेलन में संस्था की विभिन्न कार्ययोजनाओं पर विचार किया गया. संचालन समिति की बैठक में स्वच्छ भारत, विदेश पर्यटन, पर्यावरण, मिशन का आर्थिक प्रबन्धन, एवं अर्ध कुम्भ हरिद्वार सहित आठ प्रस्ताव पारित किये गये.
सेवा मिशन द्वारा चलाये जा रहे हरित भारत अभियान के अन्तर्गत संस्था सदस्यों एवं सहयोगियों द्वारा 11 हजार पौधों का रोपण किया गया. इस अवसर पर कुम्भ 2010 में मिशन द्वारा 12 दिन तक अलग-अलग विषय पर व्याख्यान माला ‘कुम्भ मंथन’ में व्यक्त विचारों का संग्रह संजय चतुर्वेदी द्वारा संपादित ‘कुम्भ आस्था का प्रतीक’ नामक पुस्तक का विमोचन किया गया.
दिव्य प्रेम सेवा मिशन के अध्यक्ष आशीष गौतम एवं संयोजक संजय चतुर्वेदी ने समारोह में आये अतिथियों को मिशन का प्रतीक चिन्ह एवं गंगाजली देकर सम्मानित किया.
इस मौके पर आरएसएस के संयुक्त क्षेत्र प्रचार प्रमुख कृपाशंकर,प्रांत प्रचारक डा. हरीश, विनोद गांधी दिल्ली, संगीत सिंह सोम विधायक, उमेश निगम कानपुर, गिरीश चन्द्र सिन्हा लखनऊ, संजय सिंह इलाहाबाद, महेश चतुर्वेदी इलाहाबाद, वीरेन्द्र सिंह किसान संघ, रामनाथ कोविद सांसद राज्य सभा, प्रदीप कौशिक, विजय पाल सिंह, ज्ञान सिंह नेगी, प्रेम चन्द्र अग्रवाल;विधयक, डॉ. राजकुमार रावत, कुलदीप गुप्ता, जसवीर सिंह, पी0एन0 पाठक, गोपाल कृष्ण फरलिया, राकेश पहलवान, जुगलकिशोर सिंह तिवारी, पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल सांसद, पूर्व मंत्री मोहन सिंह गांववासी, डॉ. राममहेश मिश्र, ब्रह्मदेव शर्मा, विधायक आदेश चैहान भाजपा नेता डॉ. अनिल जैन, पूर्व विधायक सुरेश चन्द्र जैन सहित गणमान्य लोग उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन बृजेश रावत और राजीव गुप्ता ने किया.

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