Friday, December 19, 2014

नक्सल समस्या : स्वास्थ्य-शिक्षा के लिये बड़ी राशि स्वीकृत

रायपुर. राज्य पुलिस और सीआरपीएफ ने अब नक्सलियों को उनकी मांद में ही घेरना शुरू कर दिया है. महीने भर के अंदर पुलिस ने सुकमा, अबूझमाड़, कांकेर, राजनांदगांव में छह नई पोस्ट और थाने खोल दिये हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आंध्रप्रदेश की एंटी नक्सल फोर्स ग्रे हाउंड्स की तर्ज पर बनी छत्तीसगढ़ की फोर्स एसटीएफ के लिये और 22 करोड़ रुपये दिये हैं. इसे बेहतर ट्रेनिंग सुविधाओं और हथियारों पर खर्च किया जायेगा. इस महीने की शुरुआत में ही सुकमा के चिंतागुफा इलाके में हुए नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 14 जवानों की मौत ने सुरक्षा बलों को तगड़ा झटका दिया है. दो दिन पहले केंद्रीय गृहमंत्रालय के सुरक्षा सलाहकार के विजय कुमार के साथ आये उच्चाधिकार प्राप्त समिति के सदस्यों ने सुकमा, बीजापुर जिलों के नक्सल प्रभावित इलाकों का दौरा किया था. नक्सलियों के विरुद्ध ऑपरेशन को और बेहतर तरीके से चलाने पर मंथन शुरू हो गया है. अतिरिक्त महानिदेशक (नक्सल ऑॅपरेशन) श्री  आरके विज ने बताया कि महीनेभर के अंदर पुलिस ने छह नये पोस्ट और थाने खोले हैं, ताकि नक्सलियों के मूवमेंट को रोका जा सके. राजनांदगांव में पुलिस ने जबर्दस्त दबाव बना रखा है. सीतागांव और औंधी के बीच डोमीकला में नई चौकी बनाई गई है. कुछ दिनों पहले ही पुलिस ने आंध्रप्रदेश के सीमा से बमुश्किल चार किमी पहले किष्टाराम के धरमपेंटा गांव में नया शिवर बना दिया है. नक्सलियों के दबदबे वाले इलाके में शिविर खोलने के लिये 500 से ज्यादा जवानों को भेजा गया है, जिसमें एसटीएफ की टीम भी शामिल है. इससे बिफरे नक्सली लगभग हर रोज कैंप पर फायरिंग कर रहे हैं. विज का दावा है कि फोर्स के आने के बाद गांव के लोग भी नक्सलियों के विरुद्ध हो रहे हैं.
कंबल वितरण के अलावा पुलिस ने आसपास के गांवों में बोर भी खुदवाये, ताकि लोगों को पीने का साफ पानी मिले. अब पुलिस की अगली कोशिश गांव में राशन दुकान खोलने की है. धरमपेंटा में पहली बार फोर्स पहुंची है. सुकमा जिले के तोंगपाल इलाके में पुलिस ने नया शिविर पुसपाल में खोला है, जो ओडिशा सीमा से सटा हुआ है. कांकेर में राजनांदगांव की सीमा पर गोंडाधुर और नारायणपुर जिले में अबूझमाड़ इलाके में बासिंगबहार गांव के पास दो नये शिविर भी बनाये गये हैं. एडीजी विज ने बताया कि सीआरपीएफ की 10 अतिरिक्त बटालियनों के मैदान में आने के बाद एक दर्जन से ज्यादा स्थानों पर शिविर चालू करने की तैयारी है.
एसपीएफ को बेहतर हथियारों से लैस करने और ट्रेनिंग के लिये केंद्र ने राज्य को और 22 करोड़ रुपये का आवंटन किया है. इसी मद में राज्य को 21 करोड़ रुपये पहले मिल चुके हैं. दुर्ग जिले में बघेरा के ट्रेनिंग सेंटर को और बेहतर किया जा रहा है.
विधानसभा के शीत सत्र में बुधवार को मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा चालू वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिये पेश 1481 करोड़ रुपये की व्दितीय अनुपूरक मांगें पारित कर दी गयीं. इसे मिलाकर राज्य सरकार का इस वित्तीय वर्ष का बजट 59 हजार 788 करोड़ रुपये हो गया है जो राज्य गठन के बाद 2001-02 के बजट से करीब आठ गुना ज्यादा है. सन् 2001-02 में राज्य सरकार का बजट 7295 करोड़ रुपये था.
राज्य सरकार के प्रथम अनुपूरक में 1557 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था, जबकि आज प्रस्तुत 1481 करोड़ रुपये के व्दितीय अनुपूरक में 1229 करोड़ आयोजना व्यय एवं 252 करोड़ रुपये आयोजनेत्तर व्यय के रूप में शामिल है. इसमें कुल राजस्व व्यय 1269 करोड़ रु. एवं पूंजीगत व्यय 212 करोड़ रुपये होगा. मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इसे एक नया कीर्तिमान बताया है.
नक्सल उन्मूलन के लिये दो इंजीनियरिंग कम्पनी
विधानसभा में व्दितीय अनुपूरक से संबंधित विभिन्न प्रस्तावों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बताया कि छत्तीसगढ़ में केन्द्रीय सुरक्षाबलों की नौ अतिरिक्त बटालियनों की तैनाती के पूर्व आवश्यक अधोसंरचना के निर्माण एवं अन्य आवश्यक सुविधाओं के विकास के लिये पांच करोड़ रुपये का प्रावधान अनुपूरक बजट में किया गया है. भारत सरकार की नक्सली पुनर्वास एवं समर्पण योजना के तहत आत्मसमर्पित नक्सलियों को पुनर्वास हेतु दी जाने वाली आर्थिक सहायता के लिये एक करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. राज्य में नक्सली हिंसा में शहीद सुरक्षाबलों के अधिकारियों एवं जवानों के आश्रित परिवारों को बीमा विकल्प अनुदान योजना के अंतर्गत सहायता हेतु पांच करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. राज्य में तैनात विशेष रक्षित वाहिनी के अन्तर्गत दो इंजीनियरिंग कम्पनी के लिए 274 नवीन पदों के सृजन हेतु अनुपूरक में प्रतीक प्रावधान किया गया है. इस वित्तीय वर्ष में आवश्यक व्यय विभागीय बचत से किया जाएगा.
छत्तीसगढ़ खाद्यान्न सुरक्षा अधिनियम 2012 के अन्तर्गत प्रदेश के 3,495 छात्रावास व आश्रमों में अध्ययनरत जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लगभग दो लाख विद्यार्थियों को प्रति विद्यार्थी 15 किलो प्रतिमाह चावल उपलब्ध कराने हेतु 15 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है. प्रथम अनुपूरक में 26 करोड़ रुपये का प्रावधान है, जिसे शामिल कर कुल 41 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को प्री-मैट्रिक एवं पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति के भुगतान हेतु 111 करोड़ 46 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है. राज्य के नक्सल प्रभावित 14 जिलों में अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के 111 छात्रावास एवं आश्रम शाला भवनों के निर्माण हेतु 35 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.
स्वास्थ्य सुविधाओं के लिये प्रावधान
उन्होंने बताया कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन के सुदृढ़ीकरण के लिये मशीन एवं उपकरणों के क्रय हेतु पांच करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत प्रदेश के 41 लाख 42 हजार परिवारों के स्मार्ट कार्ड बनाये जा चुके हैं. व्दितीय वर्ष में पॉलिसियों के नवीनीकरण के लिये 80 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. राजनांदगांव में नवीन स्थापित शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के स्थापना व्यय, भवन निर्माण तथा मशीन एवं उपकरण क्रय के लिये पांच करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
शिक्षा के लिये प्रावधान
उन्होंने बताया कि सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत प्रदेश में कार्यरत लगभग 57 हजार शिक्षाकर्मियों के वेतन, भत्ते हेतु 55 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. साक्षर भारत अभियान के तहत प्रौढ़ शिक्षा के क्रियान्वयन के लिये एक करोड़ 27 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है. विश्वविद्यालय पेंशन योजना के अंतर्गत एरियर्स राशि के भुगतान हेतु आठ करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ को स्थापना अनुदान के लिये तीन करोड़ 26 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है.

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