Friday, August 12, 2016

युवाओं को अपनी भारतीय संस्कृति का अध्ययन करना चाहिए – राजेश लोया जी

नागपुर. नागपुर के चार्टर्ड अकाउंटेंट तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नागपुर महानगर संघचालक राजेश लोया जी ने कहा कि हमारा देश युवाओं का देश है और युवा ही आने वाले भारत के रचयिता हैं. परन्तु आज का युवा थोड़ा भटक गया है और अध्ययन से दूर जा रहा है. वर्तमान समय में सोशल मीडिया कोई बुरी बात नहीं, परन्तु उसका सही उपयोग करना आवश्यक है. राजेश जी समर्थ भारत सामाजिक संस्था (नागपुर) द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘आइडिया ऑफ़ इंडिया’ नामक यूथ थिंकर सम्मिट के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे.
महानगर संघचालक जी ने कहा कि युवाओं को बड़े धैर्य और संयम के साथ हर पग आगे ही बढ़ते जाना है, यह अति आवश्यक है. अपने बड़ों के आशीर्वाद से ही जीवन में अग्रेसर हो सकते हैं. इसलिए बड़ों का आदर और सम्मान हमारा कर्तव्य है. हमारे युवक फ्री स्पीच के चक्कर में फंसकर सिर्फ सुनी सुनाई बात को दोहराते हुए सिर्फ टीकाकार न बनें, बल्कि विचारों का अध्ययन कर उस पर अपने मन के विचारों को अभिव्यक्त करें, उसे लिखकर रखें. ये विचार भविष्य में आपके लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि नियती कब आपको कोई विधायक कार्य करने का अवसर प्रदान करेगी, यह कह नहीं सकते. हमें यह ध्यान में रखना चाहिए कि ज्ञान, अध्ययन और अनुभव हमेशा जीवन के लिए उपयोगी रहते हैं. हमारे युवा अपनी संस्कृति के प्रति उदासीन है. आज आवश्यकता है कि अपने सांस्कृतिक ज्ञान को बढ़ाया जाए, इसके लिए हमें अपनी भारतीय संस्कृति का अध्ययन करना चाहिए.
समर्थ भारत सामाजिक संस्था (नागपुर) द्वारा ‘आइडिया ऑफ़ इंडिया’ नामक यूथ थिंकर सम्मिट का आयोजन सिविल लाइन्स स्थित चिटनविस सेंटर में किया गया. आयोजन का मूल उद्देश्य सामाजिक विषयों पर लेखन और चिंतन करने वाले तथा सोशल मीडिया का उपयोग कर अपने विचारों को प्रगट करने वाले युवाओं को एक मंच प्रदान करना था. आइडिया ऑफ़ इंडिया थीम पर आधारित कार्यक्रम में अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े युवा विद्यार्थी तथा अलग-अलग क्षेत्रों में कार्यरत युवा सहभागी हुए. कार्यक्रम में शामिल होने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से तीन अलग-अलग विषयों पर विद्यार्थियों से मत लिए गए थे. संगोष्ठि में 80 से अधिक युवा सहभागी हुए.
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में सामाजिक कार्यकर्ता अदिति हर्डीकर, वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष अडोनी और विदर्भ वैधानिक विकास महामंडल के सदस्य तथा युवा अर्थशास्त्री डॉ. कपिल चान्द्रायण उपस्थित थे. ‘आइडिया ऑफ़ इंडिया’ के अंतर्गत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (Freedom of Expression – How Free can free speech be?), भारतीय संस्कृति (Indian culture – flowing river or a stagnant pond) और भारतीय अर्थशास्त्र (Bharatiya Arth Sutras – A global perspective or Impractical approach?) पर युवाओं ने मंथन किया. तीन अलग-अलग समूहों में विभक्त होकर युवाओं ने अपने विचार ग्रुप डिस्कशन में रखे. इस दौरान प्रत्येक समूह में बतौर निरीक्षक कार्यक्रम के मुख्य वक्ता उपस्थित रहे.
कार्यक्रम का प्रारंभ भारतीय अर्थशास्त्र विषय को प्रस्तुत करते हुए डॉ. कपिल चान्द्रायण ने कहा कि भारतीय अर्थशास्त्र के केन्द्र स्थान में मानव है और पश्चिम का अर्थव्यवस्था बाजार केन्द्रित है. हमारा आर्थिक चिंतन प्रत्येक व्यक्ति के सबलीकरण को महत्त्व देता है जो अंततोगत्वा आर्थिक व सामाजिक स्तर में सुधार का मूल आधार होता है. महाभारत ग्रंथ में भारतीय अर्थशास्त्र के पथदर्शी सूत्र हमें मिलते हैं और इस विषय का युवाओं को अधिक अध्ययन करना चाहिए.
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अदिति हर्डीकर ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी सोशल मीडिया का भरपूर उपयोग करती है, लेकिन वाचन और अध्ययन में रूचि नहीं रखते. हमें फ्री स्पीच या अभिव्यक्ति स्वतंत्रता जैसे विषयों में न उलझकर हर मुद्दे का गहरा अध्ययन करने की जरुरत है. युवा होने के नाते हमें सामूहिक चिंतन के लिए ऐसे अभ्यास वर्गों की रचना करनी चाहिए, जिससे युवा चिंतन को बल मिले. युवाओं को सकारात्मक और रचनात्मक कार्यों के लिए समय देना चाहिए.
भारतीय संस्कृति पर वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष अडोनी ने कहा कि भारत दुनिया में एकमात्र ऐसा देश है जिस पर हजारों वर्षों से अनेकों आक्रमण हुए, इसके बावजूद यहां की संस्कृति अभी तक टिकी हुई है. भारतीय संस्कृति प्राचीन होने के साथ ही वैज्ञानिक और तर्काधारित है और सभी प्रकार के दर्शन इसमें समाहित हैं. सारी सृष्टि हमारा कुटुंब है, यह विचार हमारी संस्कृति और जीवन प्रणाली का अविभाज्य घटक है. भारतीय संस्कृति सबसे उदार और सहनशील है और आगे भी उसकी प्रासंगिकता युगों तक रहने वाली है. कार्यक्रम का संचालन ब्रिज गोपला सारडा ने किया. राष्ट्रगीत से कार्यक्रम का समापन हुआ.

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