Wednesday, August 24, 2016

समाज का दर्पण होती है पत्रिकाएँ – देवप्रसाद भारद्वाज जी

हरियाणा (विसंकें). पाञ्चजन्य व आर्गनाइजर सदस्यता अभियान के लिए आयोजित बैठक में हरियाणा प्रान्त कार्यवाह देवप्रसाद भारद्वाज जी ने प्रान्त भर से आए कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि ये पत्रिकाएँ गत 70 वर्षों से समाज में राष्ट्रीयता के संस्कारों का प्रचार प्रसार कर रही हैं. देश समाज की सही जानकारी पाठकों तक पहुँचाने का काम पूरी प्रमाणिकता से कर रही हैं. हरियाणा में संघ के कार्यकर्ता घर-घर जाकर अलख जगाते हुए प्रबुद्ध नागरिकों को वार्षिक सदस्य बनने के लिए प्रेरित करेंगे.
भारत प्रकाशन दिल्ली द्वारा प्रकाशित पाञ्चजन्य व आर्गनाइजर के इतिहास की जानकारी देते हुए महाप्रबंधक जितेन्द्र मेहता ने बताया कि ‘पाञ्चजन्य’ की यात्रा साधनों के अभाव एवं सरकारी प्रकोपों के विरुद्घ राष्ट्रीय चेतना की जिजीविषा और संघर्ष की प्रेरणादायी गाथा है. समय-समय पर प्रारंभ किए गए स्तम्भों से स्पष्ट होता है कि राष्ट्र जीवन का कोई भी क्षेत्र या पहलू उसकी दृष्टि से ओझल नहीं रहा.
अन्तरराष्ट्रीय घटनाचक्र हो या राष्ट्रीय घटना चक्र, अर्थ जगत, शिक्षा जगत, नारी जगत, युवा जगत, राष्ट्र चिन्तन, सामयिकी, इतिहास के झरोखे से, फिल्म समीक्षा, साहित्य समीक्षा, संस्कृति-सत्य जैसे अनेक स्तंभ ‘पाञ्चजन्य’ की सर्वांगीण रचनात्मक दृष्टि के परिचायक रहे हैं. 01 से 18 सितम्बर तक सदस्यता अभियान सारे हरियाणा में चलाया जाएगा. केवल 625 रुपए में वर्षभर में 52 अंक पाठकों तक पहुंचाए जाएँगे. उन्होंने कार्यकर्ताओ का आह्वान किया कि अधिकाधिक विद्यार्थियों को भी सदस्य बनाया जाए. आज का विद्यार्थी कल को विभिन्न जिम्मेदारियां लेकर आगे बढ़ने वाला है. इस आयु में राष्ट्रीय साहित्य के संस्कारों से वह एक सजग और जागरूक नागरिक बनेगा.

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