उदयपुर (विसंकें). भारत के बाहर विश्व के अन्य देशों में संघ का कार्य देखने के लिए विश्व विभाग की व्यवस्था है जो विश्व में रह रहे भारतीय या भारतीय मूल के व्यक्तियों को भारत से जोड़े रखने का एक प्रयास है. विश्व विभाग के सह संयोजक रवि कुमार जी का तीन दिवसीय प्रवास उदयपुर में रहा. प्रवास के दौरान विभिन्न कर्यक्रमों में मार्गदर्शऩ किया. क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों में वैदिक गणित की महत्ता और उपयोगिता के बारे में बताया, साथ ही कॉलेज विद्यार्थियों को भी भिवष्य की राह तय करने में मार्गदर्शन किया. हिन्दू आध्यात्मिक सेवा संगम के तहत प्रबुद्धजन विचार गोष्ठी में रवि कुमार जी मुख्य वक्ता रहे. गोष्ठी की अध्यक्षता राजस्थान क्षेत्र के संघचालक भगवती प्रसाद शर्मा जी ने की. उन्होंने नवंबर माह में होने वाले हिन्दू आध्यात्मिक सेवा संगम के छह मुख्य बिन्दुओं पर प्रकाश डाला.
मुख्य वक्ता रवि कुमार जी ने दान के महत्त्व और हिन्दू दर्शन के बारे में ध्यान आकर्षित किया. उन्होंने भारत की महिलाओं की स्थिति पर प्रकाश डाला तथा कहा कि भारतीय महिलाओं ने विश्व के हर देश एवं कार्य के हर क्षेत्र में अपने आप को स्थापित किया है. इन स्थापित महिलाओं के जीवन पर हिन्दू दर्शन के महत्व के बारे में बताया. दान के महत्त्व पर उन्होंने कहा कि दान के रूप में आज का कॉरपोरेट सोशल रेस्पॉंसिबिलिटी (CSR) भारत की देन है, यह स्वामी विवेकानंद द्वारा दिया गया सुझाव था जो100 वर्ष पूर्व जॉन डी को दिया गया था. रवि कुमार जी ने भारतीय परिवार व्यवस्था पर कहा कि विश्व को भारतीय परिवार व्यवस्था में कई समस्याओं का समाधान दिखाई देता है. आज भारत सम्पूर्ण विश्व का मार्गदर्शन करने के लिए तैयार है.
गोष्ठी में अतिथि के रूप में उदयपुर नगर निगम के महापौर चन्द्र सिंह जी कोठारी, हिन्दू आध्यात्मिक सेवा संगम उदयपुर के अध्यक्ष हेमेन्द्र जी श्रीमाली, महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति उमाशंकर जी शर्मा, वीरेंद्र जी डांगी भी उपस्थित थे.
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