पृथ्वी-2 का प्रायोगिक परीक्षण सफल
बालेश्वर : भारत ने आज परमाणु प्रक्षेपास्त्र के क्षेत्र में एक कदम और आगे बढ़ाया। मंगलवार को ओडिशा के चांदीपुर स्थित परीक्षण रेंज से स्वदेश में विकसित 350 किमी. की मारक क्षमता वाली परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम पृथ्वी-2 मिसाइल का सफल प्रायोगिक परीक्षण किया गया। रक्षा बल द्वारा समय-समय पर किए जाने वाले प्रायोगिक परीक्षणों की श्रृंखला में पृथ्वी-2 को आज सुबह 9:58 मिनट पर बालेश्वर से करीब 15 किमी. दूर एकीकृत परीक्षण रेंज के परीक्षण केंद्र से प्रक्षेपित किया गया। वैज्ञानिकों ने इस अत्याधुनिक मिसाइल के प्रक्षेपण को पूरी तरह से सफल बताया है। परीक्षण के दौरान सभी तय मानकों को पूरा किया गया था।
सूत्रों ने बताया कि इस प्रक्षेपास्त्र को उत्पादन से चुना गया और विशेष रूप गठित रणनीतिक बल कमान (एफएफसी) ने प्रक्षेपण कार्रवाई को अंजाम दिया। पूरी प्रक्रिया पर प्रशिक्षण अभ्यास के तौर पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिकों ने नजर रखी। डीआरडीओ के राडार इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रेकिंग प्रणाली और ओडिशा के तट पर स्थित टेलीमेट्री स्टेशनों की मदद से इस मिसाइल के पथ पर नजर रखी गई। सूत्रों की मानें तो बंगाल की खाड़ी में इस प्रक्षेपास्त्र के लक्ष्य पर निगरानी के लिए एक पोत पर दल तैनात किए गए थे। वर्ष 2003 में भारत के रणनीतिक बल कमान में शामिल की गई पृथ्वी-2 मिसाइल, देश के प्रतिष्ठित आइजीएमबीटी एकीकृत निदेशित प्रक्षेपास्त्र विकास कार्यक्रम के तहत डीआरडीओ द्वारा विकसित पहला प्रक्षेपास्त्र है, जिसकी प्राद्योगिकी सफल साबित हो चुकी है। पृथ्वी-2 मिसाइल का आज हुआ प्रक्षेपण एसएफसी के नियमित प्रशिक्षण अभ्यास का हिस्सा था, जो डीआरडीओ के वैज्ञानिकों की निगरानी में हुआ। इसके पहले 3 दिसंबर 2013 को पृथ्वी-2 का परीक्षण चांदीपुर के इसी परीक्षण स्थल से सफलतापूर्वक किया गया था।
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