Tuesday, January 03, 2012

भारत जैसे विकाशशील देश की प्रगति में वे अपना योगदान करें-ड़ा मनमोहन सिंह

भुवनेश्वर,vsk

स्थानीय केआइआइटी यानी कीट् विश्वविद्यालय परिसर में प्रधानमंत्री ड़ा मनमोहन सिंह ने आज सुबह 10 बजे 99 वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर एक स्मारिका का विमोचन भी किया। प्रधानमंत्री ने देश के चुने हुए वैज्ञानिकों को वैज्ञानिक सम्मान से सम्मानित किया। प्रधानमंत्री ने डा. आर. चिदम्बरम को डा. आशुतोष मुखर्जी सम्मान, डा. एस कैलाश को सीवी रमन शतवार्षिकी पुरस्कार, डा. ए एस कोलेस्कर को श्रीनिवास रामानुज शतवार्षिकी पुरस्कार, डा. मुरलीधर को जगदीश चन्द्र बसु स्मारिकी सम्मान प्रदान किया। देश विदेश से से आए अनेक वैज्ञानिकों को राष्ट्रपति स्वर्ण पदक भी प्रदान किए गए। कीट् के प्रतिष्ठाता अच्युत सामन्त को जवाहर लाल नेहेरु स्मारक सम्मान से सम्मानित किया गया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि राष्ट्रीय विज्ञान कांग्रेस ने विज्ञान के प्रगति में अपना योगदान किया है। मैडम क्युरी ने एक सदी पहले विज्ञान को लोकप्रिय तथा जनउपयोगी बनाने के लिए पहल की थी। तब से अब तक विज्ञान व तकनिकी ने अनेक तरक्की की है। भारत में भी विज्ञान व तकनीकी अनुसंधान के अनेक कार्य संपादित किए गये हैं। भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा पिछले कुछ सालों में अनेक अनुसंधान कार्य किए गये हैं। सरकार ने विश्वविद्यालय स्तर पर अनुसंधान कार्य को बढ़ावा देने के लिए अनुदान बढ़ाया है। वैज्ञानिकों का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जैसे विकाशशील देश की प्रगति में वे अपना योगदान करें। विज्ञान व इंजीनियरिंग शिक्षा के प्रति विद्यार्थियों के मन में रुची उत्पन्न करने का आह्वान किया। 12वीं पंचवार्षिय योजना में हमें विज्ञान व तकनीकी के विकाश पर ध्यान देना होगा। प्रधानमंत्री ने विज्ञान के विकाश तथा अनुसंधान कार्य में पब्लिक- प्राईवेट पार्टनरसीप पर जोर देते हुए कहा कि इससे अपेक्षित लक्ष्य की प्राप्ति में सहजता होगी। बायो साईंस में 2000 अनुसंधान कार्यकर्ताओं के अनुसंधान का प्रावधान होगा। सरकार ने देश के लोगों को खाद्य सुरक्षा देने की नयी योजना बनाई है। प्रधानमंत्री ने आशा जताई की विकाश के लिए विज्ञान व तकनीकी के अधिक से अधिक प्रयोग की आवश्यकता जताई। उन्होंने पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोत के साथ पवन,सौर ऊर्जा सहित गैर-पारंपरिक ऊर्जा के विकाश पर भी बल दिया।

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इस अवसर पर कहा कि विज्ञान समाज के विकाश का एक महत्वपूर्ण साधन है । विज्ञान हमारे दिमाग का दरवाजा खोलता है। ओड़िशा ने पठानी सामन्त चन्द्रशेखर जैसे अनेक वैज्ञानिक राष्ट्र को दिए हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण में बदलाव तथा वैश्विक स्तर पर ताप का बढ़ना सभी के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि विज्ञान कांग्रेस का यह अधिवेशन प्रदेश में विज्ञान के बढ़ोत्तरी में सहायक सिद्ध होगा।

इस अवसर पर प्रदेश के राज्यपाल मुरलीधर चन्द्रकांत भण्डारे, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, केन्द्रीय विज्ञान व प्रोद्योगिकी मंत्री विलास राव देशमुख, विज्ञान व प्रोद्योगिकी राज्यमंत्री अश्विनी कुमार, भारतीय विज्ञान कांग्रेस की अध्यक्ष प्रो. गीता बाली सहित अनेक मान्यगण उपस्थित थे। भुवनेश्वर के सांसद प्रसन्न कुमार पाटशाणी, मेयर अनन्त नारायण जेना, कीट विश्व विद्यालय के कुलाधिपति आर.पी.कौशिक, उप-कुलपति डी.के त्रिपाठी सहित देश-विदेश के अनेक सम्माननीय वैज्ञानिक, विभिन्न स्कूल कालेज के हजारों छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। विज्ञान व तकनीकी के विकाश पर ध्यान देने विज्ञान कांग्रेस की अध्यक्षा प्रो. गीता बाली ने स्वागत भाषण प्रदान करते हुए कहा कि भारत विज्ञान के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। कीट विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एएस कोलास्कर ने धन्यवाद दिया।

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