Wednesday, July 11, 2012

जम्मू-कश्मीर पर वार्ताकारों की रिपोर्ट का निषेध

जम्मू-कश्मीर पर वार्ताकारों की रिपोर्ट का निषेध

Source: VSK- MUMBAI Date: 7/11/2012 3:49:46 PM

ठाणे, 11 जुलाई 2012 : जम्मू-कश्मीर के लिए केंद्र सरकार द्वारा गठित वार्ताकारों की त्रिसदस्यीय समितीने हाल ही में सरकार को सौंपा हुआ रिपोर्ट भारत की अखंडता और एकात्मता को नष्ट करनेवाला है| देश के हित में सरकार ने इस रिपोर्ट को पूर्णतः नकारना चाहिये, ऐसी मांग ठाणे जिल्हावासियों की ओर से विश्‍व संवाद केंद्र द्वारा गत सोमवार, ९ जुलाई को जिलाधिकारी को सौंपे गये एक निवेदन में की है| जिलावासियोंद्वारा साक्षांकित इस निवेदन में इस वार्ताकार समिती का निषेध भी किया गया है|
जिलाधिकारी के गैरमौजूदगी में निवासी जिलाधिकारी मनोज गोहाड ने यह निवेदन स्वीकृत किया| जम्मू- कश्मीर भारत का एक अविभाज्य प्रदेश है| एक ही देश में किसी एक प्रदेश के लिए अलग व्यवहार अयोग्य एवं अलगाववादी भावना को बढावा देना है| किसी भी देश में ‘दो विधान, दो निशान और दो प्रधान’ यह घातक सूत्री फुटिरता को बढावा ही देती है| वार्ताकारों की इस रिपोर्ट से जम्मू- कश्मीर में फुटिरता और भी बढेगी, यह भावना भी इस निवेदन में व्यक्त की गयी है|
यह निवेदन देने के लिये गए प्रतिनिधी मंडल में विश्‍व संवाद केंद्र के प्रांत कार्यवाह मोहन ढवळीकर जी, वारकरी संप्रदाय के प्रमुख एकनाथ जी सदगीर, टीजेएसबी प्रतिष्ठान के संचालक रमाकांत अग्रवाल जी,
भारतीय जनता पार्टी के नेता पूर्व विधायक संजय केळकर जी, श्री गणेश मंदिर संस्थान के अध्यक्ष अच्चुत कर्‍हाडकर जी, सी.ए. असोसिएशन के संजीव ब्रह्मे जी, ज्येष्ठ पत्रकार श्रीकांत नेर्लेकर एवं मिलिन्द भागवत जी, विश्‍व हिंदू परिषद के उमेश अण्णा शेट्टी जी, ठाणे महानगर पालिका के गट नेता संजय वाघुले जी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के डॉ. विवेक वडके जी, सुरेश कल्लोकर जी, अजय जोशी जी, महेश जोशी जी, के.आर. जाधव जी सह मुंबई, बदलापुर, कल्याण, भिवंडी, नई मुंबई, वाडा आदि शहरों के मान्यवर सहभागी थे|
जम्मू-कश्मीर वार्ताकारों की इस रिपोर्ट के खिलाफ विश्‍व संवाद केंद्र के भारत भर की शाखाओं द्वारा जगह जगह पर सरकार को निवेदन सौंपे जा रहे हैं| ठाणे जिले में इस संदर्भ में इस केंद्र द्वारा शीघ्र ही एक जनजागरण अभियान भी शुरू किया जाने वाला है|

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