हिंदु धर्म का महत्त्व : गंगा की गोद में विदेशियों ने रचाया विवाह !
February 9, 2014
माघ शुक्ल पक्ष दशमी, कलियुग वर्ष ५११५
विदेशियोंकों अद्वितीय हिंदु धर्मका महत्त्व ज्ञात है, लेकिन भारत जैसे पवित्र तथा सात्त्विक राष्ट्रमें जन्में हिंदूओंको पाश्चात्त्य संस्कृतिका अंधानुकरण करनेमें गर्व लगता हैं !
वाराणसी (उत्तरप्रदेश) : भारत की गौरवशाली संस्कृति व परंपरा को एक और विदेशी जोड़े ने अंगीकार किया। शनिवार सुबह करीब सात बजे गंगा की गोद में स्पेन की युवती क्रिस्टीना से इंग्लैंड के युवक रोबन ने रचाया विवाह।
फूलों व गुब्बारों से सजे बजड़े पर धूमधाम से हुई शादी। भारतीय संस्कृति से ओत-प्रोत इस विवाह समारोह में वैदिक मंत्रों की गूंज के बीच वे सभी रस्में निभाई गईं जो किसी आम हिंदू भारतीय परिवार में निभाई जाती हैं।
क्रिस्टीना व रोबन कुछ दिनों पूर्व फेसबुक के माध्यम से एक दूसरे के निकट आए। यह निकटता धीरे धीरे मोहब्बत में बदल गई। अंतत: सुदूर स्पेन व इंग्लैंड के इन नागरिकों ने धर्मनगरी काशी को चुना अपने विवाह के लिए !
शुक्रवार को वाराणसी पहुंचे रोबन व क्रिस्टीना ने विवाह की तैयारियों को अंतिम रूप दिया, एक बजडा बुक कराया और साथ ही विवाह कराने के लिए पंडित भी । अंतत: शनिवार सुबह दोनों विवाह बंधन में बंध गए।
फूलों व गुब्बारों से सजे बजड़े पर धूमधाम से हुई शादी। भारतीय संस्कृति से ओत-प्रोत इस विवाह समारोह में वैदिक मंत्रों की गूंज के बीच वे सभी रस्में निभाई गईं जो किसी आम हिंदू भारतीय परिवार में निभाई जाती हैं।
क्रिस्टीना व रोबन कुछ दिनों पूर्व फेसबुक के माध्यम से एक दूसरे के निकट आए। यह निकटता धीरे धीरे मोहब्बत में बदल गई। अंतत: सुदूर स्पेन व इंग्लैंड के इन नागरिकों ने धर्मनगरी काशी को चुना अपने विवाह के लिए !
शुक्रवार को वाराणसी पहुंचे रोबन व क्रिस्टीना ने विवाह की तैयारियों को अंतिम रूप दिया, एक बजडा बुक कराया और साथ ही विवाह कराने के लिए पंडित भी । अंतत: शनिवार सुबह दोनों विवाह बंधन में बंध गए।
इस कार्य में इस युगल का सहयोग किया स्थानीय मल्लादहों ने।
स्त्रोत : जागरण
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