भाद्रपद शुक्ल पक्ष तृतीया, कलियुग वर्ष ५११६
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यदि पुलिसका कार्य हिन्दुत्वनिष्ठोंको करना पडता हो, तो पुलिसकी आवश्यकता ही क्या है ?
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परंतु पुलिसद्वारा हिन्दुओंपर ही लाठीप्रहार कर अनेक लोगोंकोे बंदी बनाया गया ।
आसनसोल (बंगाल) - बंगाल-बिहार सीमापर कुल्टी गांवके
निकट तेकोनिया मोरे स्थित बारकार नाकेपर २५ अगस्तको सवेरे ८.३० बजे ‘आर्य
समाज कुल्टी’ एवं ‘अखिल भारतीय गो-रक्षा मिशन’ संगठनोंके
कार्यकर्ताओंद्वारा मालवाहक दो वाहनोंको रोककर उसमें से १०० गोवंशियोंको
मुक्त किया गया । ये वाहन एवं जानवर कसाइयोंके स्वामित्वके थे, , जो
बांग्लादेश निर्यात किए जानेवाले थे । इन जानवरोंको वाहनमें निर्दयतासे
ठूंसा गया था । वाहनके साथ वैधानिक दस्तावेज नहीं थे । जानवरोंके लिए जल
एवं औषधियोंका कोई प्रबंध नहीं किया गया था । जानवरोंकी आयु लगभग ७
वर्षोंसे भी अल्प थी । कसाई एवं पशुवधगृहके स्वामीके कहनेपर ही पुलिसद्वारा
हिन्दुओंको प्रताडित किए जानेका आरोप लगाया जा रहा है । परंतु कुल्टी
पुलिस थानेके निरीक्षक दिलीप पालने कहा है कि हिन्दुओंपर लाठीप्रहार नहीं
किया गया है ।
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