मुंबई. प्राचीन भारतीय जीवन मूल्य ही विश्व की स्थायी शांति और प्रगति को सुनिश्चित कर सकते हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवकसंघ के परम पूज्य सरसंघचालक डा. मोहन राव भागवत ने ये विचार षडमुखानन्द सभागार मुम्बई में व्यक्त किये. वे विश्व हिन्दू परिषद के स्वर्ण जयंती महोत्सव के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे.
उन्होंने हिन्दू समाज से स्वयं के जीवन मूल्यों को पहचानने तदनुकूल आचरण करने का आह्वान किया. एक अच्छा, पक्का व सच्चा हिन्दू ही समरस, सर्वांग सुन्दर व शक्ति सम्पन्न समाज का निर्माण कर सकता है. मोहन जी ने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद गत 50 वर्षों से विश्व भर के हिन्दुओं में इसी उद्देश्य को लेकर काम कर रही है.
उन्होंने विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं को संकेत करते हुए कहा कि स्वर्ण जयंती वर्ष गत 50 वर्षों के कार्यों का सिंहावलोकन और समीक्षा करने का अवसर है. उन्होंने आशा व्यक्त की कि विश्व हिन्दू परिषद इन लक्ष्यों का ध्यान रखते हुए आगे का मार्ग तय करेगी और इसी दृष्टि से उनके अधिकारी वर्ष भर के कार्यक्रमों की योजना बनायेंगे. इसके साथ ही विश्वास भी व्यक्त किया कि वे संतों, चिंतकों व समाज की आशा के अनुरूप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करेंगे.
विश्व हिन्दू परिषद के कार्याध्यक्ष डॉ. प्रवीणभाई तोगड़िया ने अपना प्रस्तावित भाषण करते हुए संकल्प लिया कि विहिप भारत के हर गांव और शहर के हर वार्ड में अपनी इकाई की स्थापना करेगी. देश में कन्याओं और युवाओं के 5000 से अधिक छात्रावास बनाये जायेंगे. करोड़ों निर्धन हिन्दुओं को निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा दिलाने का तंत्र विकसित किया जायेगा. महिलाओं के स्वाबलम्बन के लिये हर जिले में Self Help Group विकसित किये जायेंगे. एक लाख से अधिक एकल विद्यालयों के माध्यम से वनवासी व वंचित वर्ग को साक्षर किया जायेगा. गौ आधारित कृषि का विकास करेंगे व गोचर धरती की रक्षा कर उन्हें भूमाफियाओं से मुक्त कराया जायेगा. देश में ऐसी परिस्थितियों का निर्माण किया जायेगा कि भारत गौहत्या के पाप से मुक्त हो जाये. धर्मान्तरण के विरोध में समाज को जाग्रत करेंगे व धर्मान्तरण मुक्त भारत का निर्माण करेंगे.
उन्होंने विश्व हिन्दू परिषद के लक्ष्यों को पारिभाषित करते हुए कहा कि राममंदिर के निर्माण का संकल्प शीघ्र ही पूरा होगा तथा गौहत्या व धर्मान्तरण के विरोध में केन्द्रीय कानून बनवाने का प्रयास किया जायेगा. भारत में और भारत के बाहर हर हिन्दू अपने आपको सुरक्षित महसूस करे, यह सुनिश्चित करना विश्व हिन्दू परिषद का दायित्व है.
विश्व हिन्दू परिषद नेता ने गत 50 वर्षों की उपलब्धियों का वर्णन करते हुए बताया कि 54000 ग्राम शिक्षा मन्दिरों के माध्यम से 20 लाख वनवासी व पिछड़े वर्ग के बच्चों को साक्षर व संस्कारित किया गया. 60 हजार से अधिक सेवा कार्य समाज को स्वाबलम्बन की दिशा में ले जा रहे हैं. 550 गौ शालाओं में गोबर व गो मूत्र से बनने वाली औषधियां गौवंश को हमेशा के लिये उपयोगी सिद्ध कर रही हैं. प्रति वर्ष एक लाख गौ वंश कसाइयों से बचाया जाता है. इन वर्षों में सात लाख से अधिक ईसाई व इस्लाम में धर्मान्तरित हिन्दुओं को वापस लाया गया तथा 50 लाख से अधिक हिन्दुओं को धर्मान्तरित होने से बचाया गया.
स्वर्ण जयंती वर्ष आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं धर्म स्थल कर्नाटक के धर्माधिकारी श्री वीरेन्द्र हेगड़े ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि आज सेवा ही ईश्वर की सबसे बड़ी आराधना है. सेवा के माध्यम से ही समाज में आत्मीयता निर्माण कर समरसता निर्माण की जा सकती है. विश्व हिन्दू परिषद अपने सेवा कार्यों के माध्यम से समाज में जो परिवर्तन ला रही है, वह प्रशंसनीय है. विश्व हिन्दू परिषद अपने सेवा कार्यों को और तेजी से आगे बढ़ाये. उन्होंने आशीर्वाद देते हुए कहा कि विश्व हिन्दू परिषद अपने लक्ष्यों को शीघ्र ही पूरा करेगी. इस अवसर पर विश्व हिन्दू परिषद के अन्तरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राघव रेड्डी ने गत 50 वर्षों के कार्यों का सिंहावलोकन करते हुए उसकी उपलब्धियों को प्रशंसनीय बताया और विश्वास व्यक्त किया कि भारत को विश्व गुरु बनाने का संकल्प निकट भविष्य में अवश्य पूरा होगा.
आयोजन समिति के उपाध्यक्ष श्री माधवन नायर (इसरो के पूर्व अध्यक्ष) ने अपने भाषण में कहा कि पिछड़े हुए हिन्दू समाज के उत्थान के लिये आधुनिक विज्ञान व तकनीक का प्रयोग करना चाहिये. समस्त पिछड़े वर्ग की शिक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा, स्वच्छ जल की उपलब्धता का लक्ष्य आधुनिक तकनीकों के आधार पर ही संभव है जिसके लिये वे अपनी सेवायें उपलब्ध करा सकते हैं. इस पावन सम्मेलन को जैन संत नयपदमसागर जी महाराज, बौद्ध संत श्री भदन्त राहुल बोधि एवं सिख नेता श्री गुरुचरण सिंह गिल ने भी सम्बोधित किया. पूज्य पेजावर स्वामी विश्वेश तीर्थ जी महाराज, पूज्य गोविन्द देव गिरि जी महाराज व पूज्य विश्वेश्वरानन्द जी महाराज ने विश्व हिन्दू परिषद व उपस्थित श्रोतागण को अपना आशीर्वाद दिया. कार्यक्रम का संचालन करते हुए समिति के मंत्री श्री चम्पतराय ने संचालन समिति के पदाधिकारियों का परिचय कराया. समिति की कार्यकारिणी इस प्रकार है.
धर्माधिकारी श्री वीरेन्द्र हेगड़े धर्म स्थल कर्नाटक अध्यक्ष
श्री अशोक राव चैगुले गोवा कार्यकारीअध्यक्ष
श्री के0पी0एस0गिल दिल्ली उपाध्यक्ष
श्री माधवन नायर केरल उपाध्यक्ष
सुश्री प्रतिभा आडवाणी मुम्बई उपाध्यक्ष
श्री रामकुई जिमी नागालैण्ड उपाध्यक्ष
श्री चम्पतराय दिल्ली मंत्री
डॉ. सुरेन्द्र कुमार जैन रोहतक संयुक्तमंत्री
श्री विनायक राव देशपाण्डे मुम्बई संयुक्तमंत्री
श्री वाई राघवुलू हैदराबाद संयुक्तमंत्री
डा. श्री बसंत रथ कोलकाता संयुक्तमंत्री
श्री ओम प्रकाश सिंह दिल्ली कोषाध्यक्ष
सभा के अंत में मुम्बई के प्रसिद्ध उद्योगपति व कोंकण प्रांत के अध्यक्ष श्री देवकी नंदन जिंदल ने सम्पूर्ण देश से आये प्रमुख संतों एवं आयोजन समिति के पदाधिकारियों व उपस्थित श्रोताओं का भावपूर्ण अभिनन्दन एवं आभार व्यक्त किया.
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