Monday, January 30, 2017

ओडिशा में बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण उपजी समस्या एवं खतरा तथा वामपंथी माओवाद पर चर्चा

भुवनेश्वर प्रवासी ओड़िआ विकास समिति के तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में भाग लेते हुए वक्ताओं ने कहा कि ओडिशा के लिए बांग्लादेशी घुसपैठिया सबसे बड़ा खतरा बनते जा रहे हैं। सेमिनार का आयोजन दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मास कम्यूनिकेशन परिसर में 'ओडिशा में सुरक्षा ¨चता' विषय पर किया गया था। सेमिनार में मुख्य रूप से तटीय ओडिशा में बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण उपजी समस्या एवं खतरा तथा वामपंथी माओवाद पर चर्चा की गई।
सेमिनार के उद्घाटन अवसर पर पूर्व पुलिस डीजी अरुण उपाध्याय, बीएसएफ के पूर्व एडीजी प्रकाश मिश्र, इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मास कम्यूनिकेशन के पूर्व निदेशक केजी सुरेश, आरएसएस के सह संपर्क प्रमुख नंद किशोर एवं भारत रक्षा मंच के सह संयोजक मुरली मनोहर शर्मा प्रमुख ने भाग लिया। इस मौके पर अरुण उपाध्याय ने कहा कि राज्य में माओवाद प्रभावित जिलों के लोगों का जीवन हर पल खतरे में रहता है। इससे वहां के डरे सहमे लो अपनी जीविका भी ठीक से चला पाते। कभी पुलिस मुखबिर के संदेह में माओवादी उनकी हत्या कर रहे हैं तो कभी पुलिस की गोलियों का इन्हें शिकार होना पड़ रहा है। प्रकाश मिश्र ने कहा कि ओडिशा शांतिपूर्ण एवं संदेहरहित माहौल आतंकवादियों के लिए सुरक्षित स्थान बन गया है। बांग्लादेशी घुसपैठिया सरेआम विचरण कर रहे हैं। ऐसे में राज्य के तटीय क्षेत्रों की चौकसी और अधिक बढ़ाने की जरूरत है। भारत रक्षा मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक मुरली मनोहर शर्मा ने कहा कि आतंकवादियों से अधिक समस्या इन दिनों देश को बांग्लादेशी घुसपैठियों से है। बंगाल की खाड़ी के गुप्तचर ओडिशा के तट पर आकर अब्दुल कलाम द्वीप का नक्शा हासिल कर चुके हैं। पूर्व राष्ट्रपति डा. अब्दुल कलाम जब ओडिशा के चांदीपुर आए थे तब वह हवाई जहाज से बांग्लादेशी झंडा एवं गैरसकारी रेडियो स्टेशन देखकर आश्चर्य में पड़ गए थे। शर्मा ने कि असम के पूर्व राज्यपाल एसके सिन्हा के मुताबिक हर दिन पांच हजार से अधिक बांग्लादेशी घुसपैठिया भारत में आ रहे हैं। सीबीआइ के पूर्व मुख्य निदेशक योगेंद्र ¨सह ने कहा कि भारत सरकार को बांग्लादेशी घुसपैठ की समस्या को गंभीरता से लेना होगा। असम में नेशनल रजिस्ट्रार ऑफ सिटीजेंसी के जरिए बांग्लादेशियों की पहचान हकी जा रही है। ओडिशा में भी इसे लागू किया जाना चाहिए। जेएनयू के प्रो. ¨चतामणि महापात्र की अध्यक्षता में आयोजित इस आयोजन में एबीवीपी के राष्ट्रीय व्यवस्थापक सचिव सुनील अंबेडकर एवं केजी सुरेश ने भी अपने विचार रखे। सेमीनार संचालन समिति के अध्यक्ष डा. कृष्णचन्द्र साहू एवं सचिव प्रसन्न परिड़ा ने सफलता पूर्वक किया।

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