Monday, December 09, 2013

सभ्य समाज गठन में अखंड ज्योति साम‌र्थ्य


सभ्य समाज गठन में अखंड ज्योति साम‌र्थ्य

Mon, 09 Dec 2013 04:59 AM 
सभ्य समाज गठन में अखंड ज्योति साम‌र्थ्य
 राउरकेला :
धर्म एवं आध्यात्म के तत्वज्ञान का वैज्ञानिक विश्लेषण करने वाली विश्व की एकमात्र विशिष्ट पत्रिका अखंड ज्योति संपूर्ण मानव समाज की स्वच्छ मन, स्वस्थ शरीर एवं सभ्य समाज का निर्माण करने में साम‌र्थ्य है। शांतिकुंज हरिद्वार से आये प्रो. प्रमोद कुमार भटनागर ने गायत्री शक्तिपीठ सेक्टर-2 में आयोजित अखंड ज्योति पाठक सम्मेलन में यह बात कही।
प्रो. भटनागर ने कहा कि 1938 में महान स्वाधीनता संग्रामी युग ऋषि पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने अखंड ज्योति पत्रिका की शुरुआत की थी। पत्रिका आज विश्व की कई भाषाओं में प्रकाशित होकर करोड़ों लोगों का मार्ग दर्शन कर रही है। अखंड ज्योति ओडिया के सह संपादक डा. अरुण साहू ने पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य के महान उद्देश्य पर प्रकाश डाला। ओडिशा के 25 लाख से अधिक परिवारों तक ज्ञान प्रकाश पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। इस मौके पर परिजनों एवं 20 से अधिक लोगों तक नियमित पत्रिका वितरित करने वाले कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया। सम्मेलन में उपस्थित पाठकों ने अपने अपने अनुभव बताये एवं अखंड ज्योति से जीवन में आये परिवर्तन पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में विभिन्न इलाके से एक हजार से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए।

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