हरियाणा (विसंकें). केन्द्रीय विश्वविद्यालय जाट-पाली में बुधवार को ‘द्रोपदी’ नाटक के मंचन के समय सैनिकों के प्रति अभद्र टिप्पणी करने के कारण जनता में रोष बढ़ता जा रहा है. मंचन के कुछ समय बाद ही सूचना मिलने पर लोगों ने विश्वविद्यालय पहुंचकर रोष जताया था. बृहस्पतिवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्, पूर्व सैनिकों एवं क्षेत्र के लोगों ने विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर रोष व्यक्त किया. स्थिति को भांपते हुए विवि में सुबह से ही भारी पुलिस बल तैनात रहा. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् कार्यकर्ताओं ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय ध्वज के साथ विश्वविद्यालय में प्रवेश करने का प्रयास किया. पुलिस द्वारा रोकने पर धक्का मुक्की भी हो गई. इसी दौरान पूर्व सैनिक एवं ग्रामीण भी पहुंच गए. सभी ने एकत्रित होकर गेट के बाहर भारत माता के जयकारों के साथ नाटक के मंचन से जुड़े प्रवक्ताओं के विरुद्ध मुर्दाबाद के नारे लगाकर विरोध प्रदर्शन किया. बुधवार को विश्वविद्यालय में नाटक के मंचन के दौरान सैनिकों को दुष्कर्म करते हुए दर्शाया गया, जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया.
कैलाश पाली ने घटना के लिये जिम्मेवार प्रवक्ताओं के विरुद्ध का मामला दर्ज कर विवि से बाहर करने की मांग करते हुए कहा कि बुराई को आरंभ में ही दबाना अच्छा होता है. विवि में उपद्रवी तत्वों को सहन नहीं किया जाएगा. यह क्षेत्र सैनिकों एवं किसानों का है. विवि में उपद्रवी तत्व सैनिकों एवं किसानों का मुकाबला नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि वे शांति के पुजारी हैं. अगर इस तरह की गतिविधियां विवि में जारी रही तो वे किसी भी बड़े आंदोलन एवं कुर्बानी से पीछे नहीं हटेंगे. उन्होंने एक प्रोफेसर के छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से तार जुड़े होने के भी आरोप लगाए.
छात्र अभिषेक शर्मा ने कहा कि विवि का माहौल बहुत खराब हो चुका है. विगत वर्ष भारत-पाक मैच के दौरान विवि परिसर में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए गए थे. अब नाटक मंचन के दौरान सैनिकों को दुष्कर्मी दिखाया गया है जो असहनीय है. वे शहीदों एवं सैनिकों का अपमान किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं करेंगे. विवि को नक्सलियों का अड्डा नहीं बनने देंगे. हमें इस्तीफा नहीं चाहिए, उन पर देशद्रोह का अभियोग दर्ज कर विश्वविद्यालय से बाहर किया जाए.
रूद्रपाल तंवर, पवन खैरवाल, प्रमोद शास्त्री, रामजीवन मित्तल, विनोद पाली सहित अन्य लोगों ने भी घटना के लिए जिम्मेदार प्रवक्ताओं के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग की. अभाविप ने महेंद्रगढ़ अंबेडकर चौक पर कुलपति प्रो. आरसी कुहाड़ का पुतला जलाकर रोष व्यक्त किया. वक्ताओं ने कहा कि दोनों गांवों के लोगों ने विश्वविद्यालय के लिए निशुल्क जमीन शिक्षा जैसे पुनीत कार्य के लिए दी थी, किसी तरह की गैर कानूनी गतिविधियों का अड्डा बनने के लिए नहीं दी. क्षेत्र के लोग इस तरह गतिविधियों को बिलकुल बर्दाश्त नहीं करेंगे.
महेंद्रगढ़ स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा में नाटक के दौरान सैनिकों का अपमान करने के विरोध में नारनौल में विद्यार्थियों ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री के नाम उपायुक्त के माध्यम से ज्ञापन भेजा. हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय जांट-पाली महेंद्रगढ़ में अंग्रेजी व विदेशी भाषा द्वारा आयोजित नाटक में भारतीय सैनिकों का घोर अपमान किया गया है. सेना पर दुष्कर्म का आरोप लगाकर झूठे आंकड़े पेश किए गए हैं. नाटक मंचन में सैनिकों को रेप करने वाला दर्शाना सैनिकों का अपमान है और समाज में सेना की प्रतिष्ठा पर आंच आती है. विवि प्रशासन मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है. सेना के जवानों के प्रति ऐसा र्दुव्यवहार बिल्कुल सहन नहीं किया जाएगा. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अगर जल्दी से जल्दी इस मामले पर सख्त कार्यवाही नहीं हुई तो छात्र सड़कों पर उतर आएंगे, जिसके लिये स्थानीय प्रशासन एवं सरकार जिम्मेदार होगा.
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