होशंगाबाद (विसंकें). स्वदेशी जागरण मंच मध्यभारत का प्रांत सम्मेलन होशंगाबाद में स्वयंवरम गार्डन में संपन्न हुआ. प्रांत सम्मेलन में स्वदेशी जागरण मंच के उत्तर भारत संगठक तथा अखिल भारतीय सह विचार मंडल प्रमुख सतीश जी उपस्थित रहे. होशंगाबाद जिले के जिला संघचालक सेठा जी भी उपस्थित रहे. सम्मेलन में सतीश जी ने स्वदेशी जागरण मंच के आंदोलनों तथा सफलताओं के इतिहास के विषय में विस्तृत चर्चा की. मंच के प्रांत संयोजक अरशेन्द्र जी ने एकात्म मानव दर्शन ही संपोषित विकास का आधार विषय पर व्याख्यान दिया. सम्मेलन में अन्य वक्ताओं ने भी विषय प्रस्तुत किया. होशंगाबाद जिले के जिला संयोजक योगेश सेठा जी ने अतिथि परिचय करवाया तथा संघचालक जी के उद्बोधन उपरांत सभी का आभार व्यक्त किया.
स्वदेशी जागरण मंच के प्रांत सम्मेलन में पारित पहला प्रस्ताव यह है कि सन् 1991 से जब देश ने विश्व व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, तब से लेकर आज पर्यंत तक मध्यप्रदेश में विशेष रुप से मध्य भारत में कितने देसी उद्योग धंदे कारखाने बंद हुए हैं. इसका एक आंकलन शासन द्वारा किया जाना चाहिए तथा उनके पुनः प्रारंभ होने तथा उनकी सहायता करने हेतु एक समिति गठित कर उसकी रिपोर्ट प्रकाशित करनी चाहिए.
दूसरा प्रस्ताव पर्यावरण एवं नदियों के संरक्षण हेतु पारित किया गया. मध्य भारत में नर्मदा जैसी पवित्र नदियां भी रेत उत्खनन तथा अन्य कारणों से प्रदूषित हो रही है तथा इसका पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. छोटी नदियों को बड़ी नदियों से जोड़ने की भी आवश्यकता है, जिससे अधिकांश क्षेत्रों में जल की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके. मंच ने शासन से मांग की कि इस हेतु एक कार्य योजना का शीघ्र बनाया जाना आवश्यक है. स्वदेशी जागरण मंच ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अच्छा कार्य किया है तथा पिछले वर्ष भोपाल में प्रांत सम्मेलन में मंच ने सौर ऊर्जा हेतु शासन से आग्रह किया था, यद्यपि शासन ने इस हेतु प्रारंभिक कार्य आरंभ कर दिए हैं तथापि मंच शासन से यह मांग करता है कि प्रत्येक जिला स्तर पर सौर ऊर्जा के तकनीकी जानकारी तथा सहायता उपलब्ध करवाने हेतु केंद्र खोले जाने की आवश्यकता है जिससे अधिक से अधिक लोग अपने घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाकर सौर ऊर्जा का उत्पादन कर सकें.
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