जयपुर (विसंकें). हाइफा के नायक राजस्थान के मेजर दलपतसिंह शेखावत की शहादत के 98 साल पूरे होने पर वीरवार 22 सितंबर को अमर जवान ज्योति स्मारक पर ‘एक शाम पुलिस के नाम’ कार्यक्रम का आयोजन हुआ. विद्या भारती राजस्थान सहित एक अन्य संस्था के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में न केवल शहीदों को नमन किया गया, बल्कि 45 वीरांगनाओं तथा एक दर्जन के करीब पुलिस अधिकारियों का सम्मान किया गया. कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विश्व विभाग के सह संयोजक रवि कुमार जी थे.
रवि कुमार जी ने कहा कि भारत का अधिकांश इतिहास अंग्रेजों ने लिखा. उन्होंने जानबूझकर मेजर दलपतसिंह जैसे वीरों के साहसिक कार्यों को इतिहास में शामिल नहीं किया. ऐसी वीरता की घटनाओं को अब हमारे इतिहास में स्थान देने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि आज इजरायल अस्तित्व में है तो सिर्फ भारतीयों के कारण, अंग्रेजों की वजह से नहीं. ये बात वे स्वयं भी मानते हैं. प्रति वर्ष इजरायल में हाइफा बंदरगाह पर इजरायली लोग एकत्रित होते हैं और शौर्य स्वरूप परमवीर मेजर दलपतसिंह शेखावत और अन्य नौ सौ भारतीय शहीदों को नमन करते हैं. इतना ही नहीं, वहां के पाठ्यक्रम में मेजर दलपतसिंह शेखावत की वीरता को भी पढ़ाया जा रहा है.
कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में जयपुरवासियों ने उपस्थित होकर शहीदों को नमन किया. संघ के अखिल भारतीय सह सेवा प्रमुख गुणवंत सिंह जी कोठारी, क्षेत्र प्रचारक दुर्गादास जी, जयपुर प्रांत प्रचारक निम्बाराम जी भी उपस्थित थे.
पंजाब केसरी की निदेशक किरण चोपड़ा ने कहा कि जब देश में कोई सैनिक शहीद होता है तो हर भारतीय में जूनून होता है, लेकिन समय के साथ जोश ठंडा होता चला जाता है. शहीद और वीरांगनाओं का समय-समय पर सम्मान होता रहे तो देश और देशवासियों में जोश बना रहेगा. वीरांगनाओं के लिए सरकारें तो काम करती ही रहती है, लेकिन समाज को भी उनकी सहायता के लिए आगे आना होगा और कुछ न कुछ काम हाथ में लेना होगा. समाज को वीरांगनाओं और उनके परिवारों के लिए सहायता केन्द्र स्थापित करने चाहिए.
मार्ग का नाम मेजर दलपतसिंह के नाम पर
मुख्य अतिथि राजस्थान के उच्च शिक्षा मंत्री कालीचरण सर्राफ जी ने कहा कि वे जेडीए एवं नगर निगम के अधिकारियों से बात करेंगे ताकि जयपुर के एक मार्ग का नाम मेजर दलपतसिंह शेखावत के नाम पर रखा जा सके. ऐसे ही उन्होंने शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी से बात कर मेजर दलपतसिंह की वीरता से जुड़ा पाठ स्कूली शिक्षा में जोड़ने का आश्वासन दिया.
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