Monday, September 01, 2014

माँ बेटे की मिलीभगत से चलता था लव जिहाद


रांची. (विसंकें). देश के हिन्दू जनमानस को झकझोर देने वाले लव जिहाद के मामले में आरोपी रंजीत सिंह कोहली उर्फ़ रकीबुल ने पुलिस जांच में कई रोमांचक राज उजागर किये हैं. रकीबुल हसन और उसकी माँ कौसर परवीन उर्फ़ कौशल्या रानी झारखंड में व्यापक जन उबाल होने पर सात दिनों के बाद दिल्ली में पकड़े गये. फिलहाल दोनों माँ बेटा 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में रांची जेल में बंद हैं.
पूछताछ के दौरान तारा शाहदेव के द्वारा लगाये अधिकांश आरोपों की पुष्टि होती है.यदि समय रहते पीड़िता के 164 के बयानपर त्वरित कारवाई रांची पुलिस द्वारा की गयी होती तो और भी अनेक रहस्योद्घाटनों की संभावना थी. किन्तु सत्ता और न्याय के गलियारे को अपनी अंगुली पर नचाने वाले आरोपी रकीबुल को रांची पुलिस ने पर्याप्त समय दिया ताकि वह सबूतों को मिटा सके.
रकीबुल का गॉड-फादर रांची हाईकोर्ट में पदस्थापित विजिलेंस रजिस्ट्रार मुश्ताक अहमद है, जिसने हर वह कार्य किया जो उसके पद की गरिमा के विपरीत था. हालांकि अब उसे निलंबित कर दिया गया है. पीड़िता तारा को हिन्दू से मुस्लिम मत में मतांतरित करने का सारा खेल इसी ने रचा था.
पूछताछ के दौरान रकीबुल ने स्वीकार किया की तारा शाहदेव से शादी करने के पूर्व छत्तीसगढ़ की रिचा नामक  हिन्दू लड़की से शादी कर चुका है. इसने स्वीकार किया है कि झारखंड सरकार के मंत्रियों, अधिकारियों और न्यायायिक अधिकारिओं को यह लड़की सप्लाई करता था. सैक्स रेकेट का यह सरगना रांची के एक होटल सहित अपनी तीन ऐशगाहों से इस रैकेट को संचालित करता था.
न्यायिक अधिकारियों पर इसकी कितनी पकड़ थी, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि रांची से इसे भगाने में भी न्यायिक अधिकारी ने साथ दिया और इसके पास से पकड़े गये 6 मोबाइल में से 2 मोबाइल शेरघाटी के एसडीजेएमके नाम पर आवंटित है. अभी तक ज्ञात इसके आधे दर्जन से अधिक बैंक खातों का पता पुलिस को चला है जिन्हें सीज कर दिया गया है.
पीड़िता ने झारखंड सरकार के दो मंत्रियों पर भी रकीबुल का साथ देने का आरोप लगाया है. मंत्री हाजी हुसैन अंसारी और सुरेश पासवान को आरोप के कठघरे में खड़ा किया गया है. सीबीआई जांच की सिफारिश करने वाले सूबे के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन पता नही इतने स्पष्ट आरोप के बाद भी इन दोनों मंत्रियों को बर्खास्त करने से क्यों डर रहे हैं? यह भी जांच का विषय है.
रकीबुल के इस घृणित संसार को उसकी माँ कौसर परवीन का भी आशीर्वाद प्राप्त था. माँ-बेटे दोनों मिलकर ना जाने कितनी लड़कियों को सब्जबाग दिखाकर उनकी दुर्गति कर चुके हैं? इसका ठीक से पता तो व्यापक जांच के बाद ही चलेगा. झारखंड राज्य के अस्तित्व में आने के बाद से ही जिस तरह का माहौल यहाँ बना है, उसमें ऐसे असामाजिक तत्वों का पनपना स्वाभाविक है.
राज्य की व्यवस्था किस तरह से बंधुआ मजदूर की भाँति कार्य करती है, रकीबुल उसका एक छोटा सा उदाहरण है. अगर त्वरित और निष्पक्ष जांच हो तो पुलिस और न्याय प्रणाली के अनेक अधिकारी जेल में कारागार में जाने को विवश होंगे.

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