Wednesday, September 03, 2014

भागलपुर में लव जिहाद


भागलपुर. (वि.सं.के.) तारा शाहदेव मामले के खुलासे के बाद लव जिहाद को लेकर बिहार भी चर्चा में है. बिहार में दसवीं कक्षा की छात्रा का अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन तथा फिर निकाह कराया गया. विरोध करने पर छात्रा को कोठे पर बेचने और पूरे परिवार को खत्म करने की धमकी भी दी जाती रही. जबरन गौमांस खाने को बाध्य किया जाता था तथा कुरान पढ़ने के लिये यातनाएं दी जाती थीं. प्रताड़नाओं से टूट चुकी उस लड़की का 30 अप्रैल को निर्जान हाट मुहल्ले में जबरन धर्म परिवर्तन कर निकाह करवाया गया. कई कागजातों पर जबरन हस्ताक्षर भी करवाये गये.
चौदह वर्षीय यह छात्रा बोर्ड परीक्षा की तैयारी के सिलसिले में ट्यूशन पढ़ने अपने विद्यालय के शिक्षक के घर कैलाशपुरी जाती थी. लड़का बार-बार उसका पीछा करता था तथा शादी के लिये दवाब बनाता था. छात्रा ने अलग धर्म व कम उम्र का हवाला देकर शादी से इंकार किया. लड़की के परिजनों ने सनोखर के थानाध्यक्ष से संपर्क साधा परंतु उसे जगह बदलने की सलाह दी गई. परीक्षा के बाद वह लड़की दादी के घर धुआवै चली गई. परंतु लड़के ने उसका पीछा यहां भी नहीं छोड़ा. उसे और उसके दादी को मोबाइल पर धमकाने लगा. 30 अप्रैल की रात उसका अपहरण कर फरार हो गया. लड़के के साथ गाड़ी में पांच और लोग भी थे. वे उसे सुल्तानगंज से ट्रेन द्वारा पटना, दिल्ली और गाजियाबाद ले गये. बकौल पीड़िता लड़का उसे लेकर ग्यारह दिनों बाद वापस साहजंगी आ गया. फिर कई जगहों पर उसको रखा.
लड़की की मां ने सनोखर थानाध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि थानाध्यक्ष ने आरोपी से मोटी रकम ली और कार्रवाई करने से बचती रही. लड़का और उसके परिजनों पर बार-बार धमकी दिये जाने पर भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. हालांकि पुलिस को लड़के का मोबाइल नंबर बताया गया था. लड़की किसी तरह भागकर जब नाथनगर के साहजंगी मुखिया के घर पहुंची तो मुखिया ने तत्काल इसकी सूचना हाबीबपुर थाने को दी. पुलिस ने लड़की को बरामद कर सनोखर थाने को सौंप दिया. कोर्ट में 164 के तहत बयान भी कराया गया. जिसमें पीड़िता से जबरन अपहरण से इंकार करवाया गया था. इस मामले में लड़के समेत उसके घर के पांच लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. खबर लिखे जाने तक पीड़िता के परिजनों को फोन पर लगातार धमकियां मिल रही हैं. पीड़िता के परिजन गंभीर सदमे में हैं.
भागलपुर में लव जिहाद का मामला बेहद संगीन है. सूत्रों की मानें तो लगभग चालीस ऐसे मामले भागलपुर में हुये हैं. भागलपुर अत्यंत संवेदनशील जिला है. 1989 में भागलपुर भयंकर दंगों के कारण कई वर्षों तक चर्चा में रहा. इस मामले को लेकर विश्व हिन्दू परिषद् ने भी अपना कड़ा रुख अपनाया है. विश्व हिन्दू परिषद् के प्रांतीय संगठन मंत्री अनिल कुमार सिंह ने प्रशासन पर लीपा-पोती का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि अगर इस मामले पर प्रशासन सख्त कार्रवाई नहीं करेगा तो इसके गंभीर परिणाम होंगे.

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