पटना (वि.सं.के). दुनिया में पहली बार खगोलशास्त्र एवं ब्रह्मांड विज्ञान के भारतीय छात्र धीरज आर पाशम ने प्रकृति के रहस्य की जानकारी प्रदान करनेवाला दुर्लभ ब्लैक होल को ढूंढ निकाला है. इस संदर्भ में प्रमुख उल्लेखनीय बात यह है कि इससे संबंधित पूर्व की खोज संशय से भरी हुई थी.
उन खोजों से इसके अस्तित्व के बारे में ही सटीक और स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाती थी. किन्तु भारतीय छात्र श्री धीरज के प्रयास एवं लगन से यह काम अब पूरा हो गया है और इस तथ्य की सटीक पुष्टि हो गयी है कि ब्रह्मांड में ब्लैक होल का अस्तित्व है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेन्सी नासा के अनुसार ‘यह एक बेहतरीन खोज है क्योंकि यह खोज बेहद मुश्किल होती है, यह इसलिये भी महत्वपूर्ण है क्योंकि ब्लैक होल की मौजूदगी को लेकर अब तक वैज्ञानिकों में विवाद रहा है.’
मैरी लैण्ड यूनिवर्सिटी के छात्र श्री धीरज के अनुसार अपने दो सहपाठियों के साथ मिलकर खोजा गया यह ब्लैक होल मध्यम आकार का है जो पृथ्वी से 1.20 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर है. यह गैलेक्सी एम-80 में छिपा हुआ है तथा इसका द्रव्यमान सूर्य से 400 गुणा ज्यादा है. श्री धीरज के अनुसार ब्लैक होल के केंद्र की तस्वीर तब ली गई है, जब उसमें से किसी तारे को लीलने (निगलने) के दौरान तेज रौशनी छिटक रही थी, जिससे उसके केन्द्र की स्पष्ट तस्वीर लेना संभव हो सका है. नेचर पत्रिका में भी श्री धीरज की इस खोज की तस्वीर प्रकाशित की गयी है, जिसमें दो तारे एक्स-41 और एक्स-42 दिखाए गये हैं जिसमें से एक को तारे की ओर बढ़ते हुए दिखाया गया है.
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