Thursday, May 26, 2016

ऋषि परंपरा द्वारा सृजित महान ग्रंथ हमारे प्रकाश स्तंभ – आशीष गौतम

ऋषि परंपरा द्वारा सृजित महान ग्रंथ हमारे प्रकाश स्तंभ – आशीष गौतम
    
 हरिद्वार (विसंकें). विश्व संवाद केन्द्र तत्वाधान में नारद जयन्ती आयोजन समिति द्वारा मध्य हरिद्वार स्थित एक होटल में नारद जयन्ती के अवसर पर पत्रकारों का सम्मान व तरुणी डाक्यूमेंट्री का विमोचन मुख्य अतिथि दिव्य प्रेम सेवा मिशन के आशीष गौतम, पूर्व आईएएस रजत नारायण, डॉ. वीणा शास्त्री, अलोक शुक्ला ने संयुक्त रुप से किया.
अतिथियों ने देवर्षि नारद के चित्र पर माल्यार्पण किया. दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संस्थापक आशीष गौतम ने मुख्य अतिथि के रूप में कहा कि देवर्षि नारद प्रेरणापुंज हैं, जो देश के पत्रकारों के लिए आदर्श महापुरुष हैं. उनके द्वारा रचित नारद भक्ति सूत्र जैसे महान ग्रंथ भारत की ऋषि परम्परा द्वारा सृजित हमारे प्रकाश स्तम्भ हैं. उन्होंने गीता प्रेस गोरखपुर के संस्थापक हनुमान प्रसाद पोद्दार को स्मरण करते हुए कहा कि देवर्षि नारद स्वयं भगवान श्रीकृष्ण के स्वरूप है. जिनकी दिव्य वाणी को गीता प्रेस गोरखपुर ने घर-घर तक पहुंचाने का कार्य किया है. वर्तमान समय में भारत की प्राचीन संस्कृति को पाश्चात्य संस्कृति द्वारा नष्ट किये जाने पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि भारत की ऋषि परम्परा आध्यात्मिक ऊर्जा की केन्द्र है, जिन्हें विदेशी शक्तियां नष्ट कर भारत के वैभव को परास्त करना चाहती है.
पूर्व आईएएस रजत नारायण ने विशिष्ट अतिथि के रूप में कहा कि बह्मा जी के मानस पुत्र महर्षि नारद महान ज्ञानी थे. भगवान वेदव्यास को श्रीमद्भागवत तथा महर्षि वाल्मीकि को रामचरितमानस लिखने के लिए प्रेरित किया.
समारोह की अध्यक्षता करते हुए डॉ० वीणा शास्त्री ने वर्तमान समय में पत्रकारिता के क्षेत्र में आ रही चुनौतियों की चर्चा की तथा अतिथियों के प्रति आभार प्रकट किया. इस अवसर पर हरिद्वार में पत्रकारिता के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने वाले प्रो. पीएस चौहान, अनूप सिंह, राजेश शर्मा, बृजेन्द्र हर्ष, बालकृष्ण शास्त्री, रामेश्वर गौड़ तथा इलैक्ट्रोनिक मीडिया से रोहित सिखौला को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का संचालन संयोजक अमित शर्मा ने किया.

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