श्री अनिल माधव दवे जब भोपाल में विभाग प्रचारक के नाते कार्य देख रहे थे, तब से मेरी उनके साथ अच्छी मित्रता थी. इसलिये उनका हृदयाघात से अचानक परलोक सिधार जाना मेरे लिये व्यक्तिगत हानि व वेदना का अनुभव है. विभाग प्रचारक, भारतीय जनता पार्टी के विभिन्न पदों का कार्यभार सम्भालने वाला कार्यकर्ता, नर्मदा तथा अन्य नदियों के जलप्रबंधन व पर्यावरण को लेकर जागरण अभियान चलाने वाला कार्यकर्ता, छत्रपति शिवाजी महाराज के कर्तृत्व व नेतृत्व के अभ्यासक तथा केन्द्र में सांसद व मंत्री के नाते काम करते हुए मैंने उनकी योजना, कुशलता, अध्ययनशीलता, स्पष्ट दृष्टि, संवेदनशीलता, सौम्य व्यवहार तथा दूर दृष्टि को निकट से देखा है. केन्द्रिय मंत्रिमंडल ने, भारतीय जनता पक्ष ने तथा समाज ने एक कुशल, अदम्य इच्छाशक्ति वाला सात्विक कार्यकर्ता खो दिया है. नियति की इच्छा के आगे मनुष्य का विचार व प्रयास हतबल ही होता है. उनके अभाव का दुःख झेलते हुए कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ना ही हम सबके लिये अनिवार्य प्राप्त कर्तव्य है. हम सभी को वह धैर्य प्राप्त हो तथा दिवंगत जीव को उत्तम गति व शांति प्राप्त हो. यह प्रार्थना करते हुए स्वर्गिय अनिल जी के स्मृति में मैं अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ.
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