लखनऊ. विश्व हिन्दू परिषद के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री विनायक राव देशपाण्डे ने कहा कि एक हजार साल पहले भारत में जातियां नहीं थी. 12 वीं सदी के बाद जातियों का उल्लेख मिलता है. इससे पहले के किसी भी साहित्य में जातियों का जिक्र नहीं आता है. पांच सौ साल पहले जो क्षत्रिय थे, वह आज अनुसूचित जाति के कैसे हो गये? विनायक जी रविवार को विश्व हिन्दू परिषद द्वारा आयोजित राष्ट्र रक्षक वीर शिरोमणि महाराजा सुहेलदेव के विजयोत्सव के मौके पर कन्वेंशन सेन्टर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि आज जो अनुसूचित जाति के लोग हैं, वे धर्मयोद्धा हैं. उन्होंने मुगलों से संघर्ष किया है. मुगलों से संघर्ष में जब परास्त हुए तो उन्होंने गंदगी उठाना स्वीकार किया, लेकिन धर्म नहीं छोड़ा. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ के जंगलों में आज जो जनजातियां निवास कर रही हैं, वे हमारे उन महापुरूषों की संतानें हैं, जिन्होंने मुगलों से संघर्ष करते हुए जंगलों में शरण ली, लेकिन अधीनता स्वीकार नहीं की.
विहिप की मांग –
- महाराजा सुहेलदेव के इतिहास की जानकारी पाठ्य पुस्तकों मे शामिल हो.
- श्रावस्ती व बहराइच में महाराजा सुहेलदेव की भव्य प्रतिमा का अनावरण हो.
- छात्रों में क्षात्र तेज निर्माण करने के लिए लखनऊ के सैनिक स्कूल का नाम महाराजा सुहेलदेव सैनिक स्कूल किया जाये.
- बहराइच में महाराजा सुहेलदेव का एक भव्य स्मारक बनाया जाये.
- बालार्क सूर्य मंदिर की प्रतिष्ठा बहाल हो?
विश्व हिन्दू परिषद के सह संगठन मंत्री विनायक राव देशपाण्डे ने रविवार को कन्वेंशन सेन्टर में विजयोत्सव कार्यक्रम के समापन के बाद लाल बाग स्थित महाराजा सुहेलदेव की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. माल्यार्पण में उनके साथ विहिप के प्रान्तीय उपाध्यक्ष कन्हैया लाल नगीना सहित अन्य उपस्थित रहे.
No comments:
Post a Comment