लखनऊ (विसंकें). अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की बैठक का उद्घाटन सोमवार को बक्सी का तलाब स्थित एसआर कॉलेज में राष्ट्रीय अध्यक्षय डॉ. नागेश ठाकुर, महामंत्री विनय बिद्रे, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री सुनील आम्बेकर जी ने किया. डॉ. नागेश ठाकुर जी ने कहा कि शिक्षा, सामजिक कुरितियों, अन्याय के निराकरण हेतु लोग परिषद की ओर आशा भरी नजरों से देख रहे हैं. संगठन की 70 वर्ष की विचार यात्रा में अनेक लोगों ने त्याग, तप से विद्यार्थी परिषद को मुकाम तक पहुंचाया, इसे आगे बढ़ाना हम सब की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक, नोटबंदी, सशक्त विदेश नीति, घोटाला मुक्त शासन व्यवस्था से विश्व में भारत का महत्व बढ़ा है. लेकिन कश्मीर में सीमापार का आतंकवाद, और नक्सलवादी वारदातें चिंतित करती हैं.
उन्होंने बताया कि बैठक में कई प्रस्तावों पर चर्चा होगी. जैसे यूजीसी की भूमिका, उसमें सुधार, नक्सलवाद को बढ़ावा देने में लगे तथाकथित शहरी बुद्धिजीवी, मेडिकल शिक्षा, पश्चिम बंगाल, केरल में राजनीतिक हिंसा, यूपी की स्थिति, वर्तमान राष्ट्रीय परिस्थिति जीएसटी बिल पर भी चर्चा होगी. कृषि शिक्षा को भारत केंद्रित बनाने की दिशा में विद्यार्थी परिषद् प्रयास कर रहा है. राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मेडिकल क्षेत्र में राष्ट्रीय शिक्षा, आईआईटी में थिंक इंडिया, जैसे कार्यक्रम चल रहे हैं.
उन्होंने कहा कि शिक्षा के व्यापारीकरण का भी परिषद् विरोध करता है. इसके लिए आंदोलन किये गए. सुदूर गाँव में समाज दर्शन कार्यक्रम अनुभूति चलाया गया. ग्रामीण वनवासी क्षेत्रों की समस्याएं व जीवन मूल्यों की जानकारी प्राप्त की.
राष्ट्रीय महामंत्री विनय बिद्रे जी ने कहा कि परिसरों में देश विरोधी तत्व शैक्षिक योजना, नीति, परिसरों में संघर्ष, संगठनात्मक विकास, सदस्यता, संपर्क अभियान, कार्यक्रमों का विभिन्न स्तरों पर स्वरूप, मीडिया, सोशल मीडिया, छात्रसंघ चुनाव, प्रकाशन, अनुभूति, पर्यावरण, राष्ट्रीय सुरक्षा, आगामी योजनाएं आदि विषय बैठक के लिये प्रस्तावित है.
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