गुजरात (विसंकें). भावनगर के अकवाडा गुरुकुल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा प्रथम वर्ष संघ शिक्षा वर्ग (कच्छ विभाग, सौराष्ट्र विभाग तथा कर्णावती) का समारोप कार्यक्रम हुआ. कार्यक्रम में अकवाडा गुरुकुल के मार्गदर्शक पू. श्री विष्णु स्वामी तथा मुख्य अतिथि के रूप में महेश भाई गाँधी (सेवानिवृत्त उप नियामक तथा वरिष्ठ वैज्ञानिक CSMCRI, भावनगर) उपस्थित रहे.
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. सुनील भाई बोरिसा (सह संपर्क प्रमुख, रा.स्व. संघ गुजरात प्रांत) ने कहा कि व्यक्ति निर्माण द्वारा राष्ट्र निर्माण अपनी संस्कृति की परंपरा रही है. उसी परंपरा को संघ ने पिछले 90 वर्षों से व्यवहार में रखा है. जब Hand और Head की Training में Heart आता है, तब व्यक्ति निर्माण होता है. समाज और राष्ट्र को मार्गदर्शन देने वाले संघ कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण का यह समारोप कार्यक्रम है. संघ कार्य में किसी का विरोध नहीं, परन्तु सबके साथ मित्रता ही संघ मंत्र है. उन्होंने श्री गुरूजी का उदाहरण देते हुए कहा कि Extreme Love ही अपनी सफलता का रहस्य है. वर्तमान समय में विश्व में सर्वत्र हिन्दू विचारधारा स्वीकार हो रही है. जैसे कि योग, आयुर्वेद, Inclusive Thought, Interdependence, पर्यावरण आदि हिन्दू विचारधारा ही है.
उन्होंने कहा कि अपने देश में वर्तमान में आंतरिक सुरक्षा को लेकर राष्ट्रद्रोही कार्य, आतंकवाद, नक्सलवाद, बंगाल – केरल में सांस्कृतिक संगठनों पर अत्याचार आदि राजकीय सहयोग के कारण चल रहे हैं. संघ द्वारा किये जा रहे राष्ट्र जागृति के कार्य के विषय में कहा कि संघ द्वारा समाजोपयोगी विविध विषयों पर कार्य हो रहा है. विश्व शांति का आरंभ परिवार से ही होता है, समाज में एकता, बंधुता का निर्माण राष्ट्र की प्रगति के लिए आवश्यक है जो समरसता के बिना संभव नहीं है.
उन्होंने कहा कि यह वर्ष पू. श्री रामानुजाचार्य का सहस्त्राब्दी वर्ष, श्री गुरु गोविंद सिंह जी का 350वां प्रकाश वर्ष, भगिनी निवेदिता का 150वां जन्मजयंती वर्ष, पंडित दीनदयाल जन्म शताब्दी वर्ष है. इन सभी के जीवन में जो समानता देखने को मिलती है, वह है समरसता तथा एकात्मभाव. सुनीलभाई ने कहा कि हम सब अपने क्षेत्र में समरसता और एकात्म भाव को जागृत करें, संघ को प्रासंगिक सहयोग करें और दैन्दिन शाखा को पुष्ट करने में सहयोग कर संघ विचार को सर्वसमाज में पहुचाएं यही अपेक्षा है. वर्ग में 214 स्वयंसेवकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया.
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