Wednesday, April 02, 2014

पुलिसद्वारा गोरक्षा करनेवाले कार्यकर्ताओंके साथ अमानवीय मारपीट, झूठे अपराध प्रविष्ट !

पुलिसद्वारा गोरक्षा करनेवाले कार्यकर्ताओंके साथ अमानवीय मारपीट, झूठे अपराध प्रविष्ट !

चैत्र शुक्ल पक्ष ४, कलियुग वर्ष ५११५

गोरक्षकोंपर झूठे आरोप लगाकर उन्हें कष्ट देनेवाली धर्मद्रोही पुलिस !

सनातनद्वारा ऐसे पुलिसकर्मियोंकी प्रविष्टि की गई है । ऐसी पुलिसको ‘हिंदु राष्ट्र’में आजन्म कठोर साधना करनेका दंड दिया जाएगा ।

एक राज्यके एक नगरमें गोरक्षाका पवित्र कार्य करनेवाले कार्यकर्ताओंके पक्षमें रहकर गोवंशहत्या रोकने हेतु प्रयास करना तो दूर; परंतु गोरक्षा करनेवाले कार्यकर्ताओंपर ही तानाशाही कर उनपर झूठे अपराध प्रविष्ट करनेकी घटनाएं अब पुलिसद्वारा हो रही हैं । ऐसे ही धर्मद्रोही पुलिसकर्मियोंका अनुभव गोरक्षा करनेवाले कार्यकर्ताओंको हुआ ।
१. एक महामार्गपर पथकर नाकेके आगे गोवंशकी यातायात करनेवाला एक टेम्पो गोरक्षा करनेवाले ४ कार्यकर्ताओंको दिखाई दिया । (ये कार्यकर्ता हिंदू जनजागृति समितिद्वारा आयोजित धर्मशिक्षावर्गमें सम्मिलित होते हैं ।) कार्यकर्ताओंद्वारा रोकनेपर टेम्पोके मालिकने उन्हें अपशब्द कहे । संतप्त कार्यकर्ता चालकको फटकारने हेतु गए ।
२. इसी अवसरपर इस परिसरके पुलिस थानेके पुलिस निरीक्षक उस स्थानसे जा रहे थे । उन्होंने देखा कि कार्यकर्ता एवं चालकमें विवाद हो रहा है ।
३. कार्यकर्ता चालकके साथ मारपीट करेंगे, ऐसा पूर्वसे ही निष्कर्ष निकालकर पुलिस निरीक्षकद्वारा चारों ही कार्यकर्ताओंको गाडीमें बिठाकर पुलिस थानेमें लाया गया ।
४. पुलिस थानेमें पुलिस निरीक्षकके साथ ४-५ पुलिसकर्मियोंने संबंधित कार्यकर्ताओंके साथ अमानवीय मारपीट की । पुलिसद्वारा कार्यकर्ताओंका कोई कहना सुनकर नहीं लिया गया । (धर्मद्रोही पुलिस ! जिस भूमिमें गोब्राह्मण प्रतिपालक छत्रपति शिवाजी महाराजने हिंदवी स्वराज्य स्थापित किया, उस भूमिमें गोहत्याको प्रोत्साहन देनेवाले पुलिस निर्माण होना, इससे अधिक दुर्भाग्य क्या हाे सकता है ? हिंदुओ, इस स्थितिको परिवर्तित करने हेतु ‘हिंदु राष्ट्र’  स्थापित करें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
५. पुलिसने उन्हें धमकाते हुए कहा, ‘वर्तमान समयमें चुनावका वातावरण है । आपने जो गाडी रोकी है, वह रानीतिक पक्षके कार्यकर्ताओंकी है’ । उसीप्रकार पुलिसने ९ बैल सहित टेम्पोको भी छोड दिया ।
६. टेम्पोके पुलिस थानेमें चालकने गोरक्षकोंके विरुद्ध झूठा अपराध प्रविष्ट किया । इस अवसरपर पुलिस थानेके बाहर लगभग ५० मुसलमानोंका समूह एकत्रित हुआ था । (हिंदुओ, मुसलमानोंसे धर्मबंधुत्व सिखें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
७. चालकद्वारा झूठा अपराध स्वीकार कर पुलिसद्वारा कार्यकर्ताओंपर धारा ३४१, ३२३, ५०४, ५०६ के अनुसार अपराध प्रविष्ट किया गया । इन कार्यकर्ताओंको प्रतिभूतिपर मुक्त किया गया है ।

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