Wednesday, April 09, 2014

कानपुर में रामनवमी पर भडकी सांप्रदायिक हिंसा, स्कूल-कॉलेज बंद





कानपुर में रामनवमी पर भडकी सांप्रदायिक हिंसा, स्कूल-कॉलेज बंद

April 9, 2014
चैत्र शुक्लपक्ष दशमी, कलियुग वर्ष ५११६

कानपुर : कानपुर के रावतपुर इलाके में रामनवमी जुलूस के दौरान हुई हिंसा से शहर में तनाव बढ़ गया है। हिंसा अभी शांत लेकिन स्थानीय लोग सहमे हुए हैं। मंगलवार रात को हुए बवाल के बाद प्रशासन इलाके की सभी दुकानों को बंद रखने का आदेश दिया है। इलाके के स्‍कूल-कॉलेज भी बुधवार को बंद रहेंगे। प्रशासन ने लोगों को झुंड में न निकलने के लिए कहा है। हिंसाग्रस्त क्षेत्र में बुधवार को पुलिस का फ्लैग मार्च जारी है।
गौरतलब है कि शहर के रावतपुर स्थित सैयदपुर मोहल्ले में रामनवमी का जुलूस निकाले जाने को लेकर दो समुदाय आपस में भिड़ गए। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर जमकर पथराव किया। इसमें आठ लोग घायल हो गए। घटना मंगलवार शाम करीब सात बजे की है। जुलूस के साथ चल रही पुलिस ने मामले को संभालने की कोशिश, लेकिन बेकाबू भीड़ ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। आनन-फानन में भारी सुरक्षा बल बुलाया गया, जिसके बाद स्थिति पर नियंत्रण पाया जा सका।

मंगलवार रात नौ बजे दोबारा बिगड़े हालात

शाम को करीब नौ बजे एक बार फिर लोग सड़कों पर उतर आये। इसके बाद लोगों ने जमकर बवाल काटा। उग्र लोगों ने आगजनी कर कई दुकानों को तोड़ दिया। एडीएम सिटी अविनाश चन्द्र के मुताबिक, जुलूस के दौरान रास्ते को लेकर नोंक-झोक हुई थी। पुलिस ने हस्तक्षेप करके मामला शांत कर दिया। लेकिन रात नौ बजे के बाद समुदाय विशेष के दो लड़कों के बीच झगड़ा हो गया। इसकी वजह से मामूली विवाद बड़ा हो गया। फिलहाल हालात पर काबू कर लिया गया है। अब सब कुछ सामान्य है। पूरे इलाके में पीएसी और आरपीएफ के जवान गश्त कर रहे हैं।
जिलाधिकारी रौशन जैकब के मुताबिक, प्रशासन ने रास्ते का दूसरा विकल्प निकालकर मामले को शांत कर दिया है। जुलूस दूसरे रास्ते से डायवर्ट कर दिया गया था।

दंगों जैसे हो गए थे हालात

एक स्थानीय नागरिक सुरेश शर्मा के मुताबिक, बवाल के बाद हालात एकदम दंगे जैसे हो गए गए थे। हर कोई इसे रोकने के प्रयास में लगा था। अचानक शोर मचने लगा। पत्थर चलने लगे। पुलिस ने दुकानों में लगी आग बुझा दी और लोगों को समझा बुझाकर हटने को कहा, लेकिन कोई भी मानने को तैयार नहीं था। बाद में भारी पुलिस बल आने के बाद कंडिशन पर कंट्रोल किया जा सका।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर

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