Sunday, December 18, 2016

भारतीय परंपरा विश्व की सर्वश्रेष्ठ परंपरा है:कैलाशानंद ब्रह्मचारी जी महाराज

भारतीय परंपरा विश्व की सर्वश्रेष्ठ परंपरा है:कैलाशानंद ब्रह्मचारी जी महाराज

भुवनेश्वर,18/12:इनेसिएटिव फॉर मोरल एंड कल्चरल ट्रे¨नग फाउडेशन (आइएमसीटीएफ) की तरफ स्थानीय बरमुंडा खेल मैदान में आयोजित चार दिवसीय हिंदू अध्यात्मिक सेवा मेला रविवार देर शाम हरिद्वार के महामंडलेश्वर पूज्य 1008 श्रीश्री कैलाशानंद ब्रह्मचारी जी महाराज के आशीवर्चन के साथ बड़े ही धूमधाम के साथ संपन्न हो गया।
इस अध्यात्मिक मेले के दौरान हिन्दू अध्यात्म, सेवा विषय पर जहां चर्चा हुई तो वहीं मेले के दौरान पर्यावरण रक्षा, गौमाता का पूजन, वैतरणी पूजन, वृक्ष पूजन, मातृ-पितृ पूजन करने का संकल्प लिया गया। मेले के आखिरी दिन परमवीर वंदना कर अपने वीर जवानों की कुर्बानी एवं इतिहास को याद किया गया। इस मेले के दौरान 120 स्कूलों के बीच देशभक्ति विषय पर विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। समारोह में बच्चों ने अपने हैरतअंगेज करतब से उपस्थित हजारों लोगों का दिल जीत लिया।

आइएमसीटीएफ के कार्यकारी अध्यक्ष मुरली मनोहर शर्मा ने बताया कि समारोह के तहत मेला के छह विषयों पर विद्यालय के छात्रों के बीच 40 प्रतियोगिता आयोजित की गई। समारोह के अंतिम शाम को विशेष रूप से वनवासी कल्याण आश्रम के बच्चों के देशभक्ति गीत संगीत एवं विभिन्न प्रकार के करतब को देख उपस्थित हजारों की संख्या में लोग झूमने एवं तालियां बजाने पर मजबूर हो गए।
समारोह के अंतिम सत्र के मुख्य आकर्षण हरिद्वार के महामंडलेश्वर पूज्य 1008 श्रीश्री कैलाशानंद ब्रह्मचारी जी महाराज रहे। कैलाशानंद ब्रह्मचारी जी महाराज के मुखर¨वदु से अध्यात्मिकवाणी सुनने के लिए हजारों की संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ा। महाराज ने अपनी शुरूआत जगत के नाथ महाप्रभु श्री जगन्नाथ के जयकारे से करते हुए भगवान शिव के ताडव लीला से लेकर हिंदू धर्म एवं इसके महत्व पर विस्तार से रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म के शिवाय कोई ऐसा धर्म नहीं है जो मानवता को समझता हो। केवल हिंदू धर्म ही अनादि काल से है और आदि काल तक रहेगा। भारत में जन्म लेने वाला हर व्यक्ति भाग्यशाली होता है। पूरी दुनिया में भारत ही एक अकेला राष्ट्र है जिसे मां कहा जाता है। दुनिया का कोई ऐसा देश नहीं है जहां मां का सम्मान भगवती की तरीके किया जाता है, पिता का सम्मान देवता की तरीके से किया जाता है, गुरु का सम्मान भगवान के तरीके से किया जाता हो वह केवल भारत है। महाराज ने कहा कि जो योग कभी मनुष्यों के लिए दुर्लभ था, जिस योग की परिकल्पना महर्षि पतंजलि, महर्षि चवन, महर्षि कश्यप ने की थी वह आज भारत के जनजन तक पहुंच गई है। वाणी और गुण का कथन करने वाला व्यक्ति भारत का ही नहीं विश्व का धनी व्यक्ति है। उन्होंने प्रलोभन दिखाकर धर्मातरण के संदर्भ में कहा कि यह हिंदू धर्म ही है जो मानवता, नैतिकता, सेवाभाव और संबंध को समझता है। यदि ऐसा अन्य कोई ऐसा धर्म हो तो मुझे बताएं मैं उस धर्म को स्वीकार कर लूंगा। लेकिन ऐसा कोई धर्म संसार में नहीं है। भारतीय परंपरा विश्व की सर्वश्रेष्ठ परंपरा है। समारोह के अंत में विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया।



































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