भुवनेश्वर :
परिवार एवं मानवता की रक्षा के लिए माता-पिता का आदर-सम्मान एवं पूजन जरूरी है। ¨हदू शास्त्रों में भी माता-पिता, आचार्य एवं अतिथि को सम्मान देने की कथा वर्णित है। माता-पिता, आचार्य अतिथि देवता की ही तरह पूज्यनीय हैं। मगर आधुनिकता ने माता-पिता, आचार्य एवं अतिथियों पर रहे विश्वास को नष्ट कर दिया है। इससे पारिवारिक संपर्क भी छिन्न भिन्न होते जा रहे हैं। ऐसे में हमें अपनी इस प्राचीन परंपरा की रक्षा करने को आगे आने के लिए स्थानीय बरमुंडा मैदान में आयोजित ¨हदू अध्यात्म सेवा मेला में आयोजित माता-पिता पूजन उत्सव कार्यक्रम में भाग लेते हुए अतिथियों ने कही है। इनेसिएटिव फॉर मोरल एंड कल्चरल ट्रे¨नग (आइएमसीटी) फाउंडेशन की तरफ आयोजित ¨हदू अध्यात्म मेला में रविवार को 800 परिवार के लोगों ने अपने माता-पिता की आरती उतारी और पूजन किया। आइएमसीटी के कार्यकारी अध्यक्ष मुरली मनोहर शर्मा के नेतृत्व में आयोजित इस समारोह में रविवार को अतिथि के तौर पर भुवनेश्वर मारवाड़ी समाज के अध्यक्ष तथा उद्योगपति महेंद्र गुप्ता ने भाग लेते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम निश्चित रूप से आने वाली पीढ़ी को संस्कारवान बनाने में सहायक होंगे। यह कार्यक्रम अपने आप में अनूठा है। उन्होंने कहा कि माता-पिता की सेवा से बड़ी कोई सेवा नहीं हो सकती है। हमारे बच्चों को इससे सीख मिलेगी। भारत गौरव दिलीप मिश्र ने कहा कि हमें इस तरह के कार्यक्रम नियमित अंतराल पर आयोजित करते रहने चाहिए। सर्वेश्वर मिश्र के संयोजन में आयोजित समारोह में आइएमसीटी के सचिव अनिल धीर, उपाध्यक्ष जितेंद्र गुप्ता, वीरेंद्र बेताला आदि ने समारोह को सफल बनाने में अपना पूर्ण योगदान दिया।
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