Tuesday, September 01, 2015

कड़वे प्रवचन-भाग 8 का भारत के 100 शहरों, दुनिया के 20 देशों में एक साथ लोकार्पण

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गुजरात (विसंकें). गुजरात चैम्बर ऑफ कॉमर्स अहमदाबाद के सभागार में जैन धर्म के संत मुनिश्री  तरुण सागर जी  की प्रसिद्ध कृति “कड़वे प्रवचन” के भाग 8 का लोकार्पण अहमदाबाद म्युनिसिपल कारपोरेशन की मेयर मीनाक्षी बेन पटेल के हाथों संपन्न हुआ. कड़वे प्रवचन – भाग 8 का भारत के 100 शहरों, दुनिया के 20 देशों में एक साथ लोकार्पण किया गया. तरुण क्रांति मंच के गुरु परिवार द्वारा आयोजित लोकार्पण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मीनाक्षी बेन ने कहा कि आजकल व्यक्ति के पास बहुत सारी भौतिक सुविधाएं होते हुए भी वह तनाव में रहता है, उसके जीवन में शांति नहीं है. ऐसे समय में इंसान यदि मुनिश्री के प्रवचनों का अनुसरण करे तो अपने जीवन में बदलाव ला सकता है.  इन प्रवचनों का मनन कर अपने जीवन में उतारने से अपने जीवन को जीने की कला सीख सकता है.
कड़वे प्रवचन पुस्तक की 7 लाख प्रतियां बिकना एक विश्व रिकार्ड है. कार्यक्रम के मुख्य वक्ता व गुजरात यूनिवर्सिटी के पूर्व उपकुलपति डॉ. चन्द्र कान्त मेहता ने उपस्थित श्रोताओं को अपनी विशेष भाषण शैली में संस्कृत श्लोकों व लघु कहानियों के जरिये “धर्म” शब्द की विस्तृत व्याख्या बतायी. धर्म यानि धारण करने योग्य. धर्म ग्रंथों में बताया गया है कि जिस व्यक्ति का मन, धर्म को समर्पित होता है, उसे देवता भी नमस्कार करते हैं. धर्म का अर्थ पूजा पाठ नहीं, बल्कि अपने कर्तव्यों को अच्छी तरह निभाना होता है. इसके लिए अपने मन को संयमित रखना आवश्यक है. मन पवित्र व शुद्ध होगा तभी नियंत्रण में रहेगा. धर्म का अर्थ अपने हृदय में प्रकाश को जगाना होता है.
21डॉ. मेहता ने कहा कि कर्म की कुशलता ही योग है, भक्ति है और धर्म है. हम जो भी हैं, जहां भी है स्वयं को उत्तम बनाएं.  इसलिए धर्म मंदिरों और उपाश्रयों में नहीं मिलेगा, बल्कि अपने अंत:करण में मिलेगा. उन्होंने धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष चारों पुरुषार्थ के बारे में विवेचना करते हुए बताया कि परोपकार, दीन दुखियों की सेवा करने से बड़ा कोई धर्म नहीं हैं. आज के युग में क्षमा, संयम, सहिष्णुता, परोपकार की बहुत आवश्यकता है. हम मानव धर्म की गरिमा को बढ़ा कर श्रेष्ठ व्यक्ति बनें, तभी हम धर्म भावी कहलाएंगे.  उन्होंने अतिथि देवो भव: की भारतीय परम्परा को सही अर्थों में व्यवहार में लाने पर जोर दिया .
कार्यक्रम के प्रारम्भ में तरुण क्रांति मंच अहमदाबाद के अध्यक्ष सुरेश पाटनी ने अतिथियों का स्वागत किया और उन्हें पुष्पगुच्छ व स्मृति चिन्ह भेंट किये.  जैन समाज अहमदाबाद के अग्रणी शौभाग्यमल कटारिया ने कहा कि मुनिश्री तरुण सागर जी मात्र जैन भाइयों को नहीं, बल्कि पूरे विश्व को जन जागरण कर प्रेरणा दे रहे है. धन्यवाद प्रस्ताव तरुण क्रांति मंच के सह मंत्री अजय भाई जैन ने प्रस्तुत किया. कार्यक्रम में जैन समाज के श्रोता बड़ी संख्या में उपस्थित थे.

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