देहरादून (विसंकें). भारतीय इतिहास संकलन समिति उत्तराखण्ड द्वारा रविवार को भारतीय इतिहास संकलन योजना के संस्थापक बाबा साहब उमाकांत केशव आप्टे जी की जयंती के अवसर पर ‘‘भारतीय संस्कृति में लोकशक्ति अवधारणा एवं अस्तित्व’’ विषय पर एमकेपी इण्टर कॉलेज के सरीन सभागार में संगोष्ठी का आयोजन किया गया.
समिति के पालक अधिकारी लक्ष्मीप्रसाद जायसवाल ने कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते कहा कि वर्तमान समय में स्कूल – कॉलेजों में पढ़ाए जा रहे इतिहास में काफी गलतियां है, जिनमें संशोधन की आवश्यकता है. उन्होंने हांगकांग का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां के इतिहास को खामियों की वजह से पढ़ाने पर रोक लगा दी गई थी और उसमें संशोधन किया गया. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रथम प्रचारक बाबा साहब आटे ने भारतीय इतिहास संकलन योजना की इसी उद्देश्य से शुरूआत की थी.
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विघ्नेश त्यागी ने कहा कि भारतीय परम्परा में लोकशक्ति का बहुत बड़ा महत्व है. इसी के कारण हमारा इतिहास, हमारी संस्कृति जीवित है. उन्होंने हिरण्य कश्यप का हवाला देते हुए कहा कि राजशक्ति ने जनशक्ति को कुचलना चाहा, लेकिन सफल न होने के कारण हमारी संस्कृति बची रही. इस दौरान कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्त प्रचारक युद्धवीर, कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. रमविनय सिंह, प्रो. वासुदेव शर्मा, सचिव डॉ. भारती वर्मा बौड़ाई, सहित अन्य उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन अनुराधा सिंह ने किया.
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