नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर साल में दो बार (सितंबर व जनवरी) समन्वय बैठक का आयोजन किया जाता है. इस बार बसंत कुंज दिल्ली में होने वाली बैठक भी उसी क्रम के तहत है. इस बार बैठक का दायरा बढ़ाया गया है, पूर्व की तुलना में दोगुने कार्यकर्ता बैठक में भाग लेंगे. कारण, समाज जीवन में बहुत सी घटनाएं घट रही हैं. उनसे व्यापक जानकारी मिले, इसलिए स्वरूप को बढ़ा किया गया है. समन्वय बैठक 2, 3 व 4 सितंबर को मध्यांचल भवन, वसंत कुंज दिल्ली में होने वाली है.
दीनदयाल शोध संस्थान दिल्ली के सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में डॉ. वैद्य ने कहा कि संघ की समन्वय बैठक कोई निर्णय करने वाली बैठक नहीं है, न ही बैठक में कोई प्रस्ताव पारित किया जाता है. संघ के अखिल भारतीय पदाधिकारी देश भर में प्रवास करते हैं, इस दौरान कार्यकर्ताओं, विभिन्न वर्गों के लोगों से प्रत्यक्ष मिलना होता है, इनसे इनपुट, आब्जर्वेशन मिलते रहते हैं. जिन्हें समन्वय बैठक में सांझा किया जाता है, साथ ही संगठनात्मक चर्चा होती है. इस बैठक में भी केवल अनुभवों का आदान प्रदान होगा. कार्यकर्ताओं के माध्यम से आए समाज से संबंधित समस्त विषयों पर चर्चा हो सकती है, जिसमें राजनीति, गुजरात में आरक्षण को लेकर आंदोलन का मामला, वन रैंक वन पेंशन, धार्मिक जनगणना के मामले सहित अन्य पर भी चर्चा हो सकती है. बैठक में केंद्र सरकार को केंद्र में रखकर चर्चा या समीक्षा नहीं होगी. बैठक में विभिन्न संगठनों के प्रमुख पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं सहित संघ के अखिल भारतीय अधिकारी उपस्थित रहेंगे. संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी बैठक में पूरा समय उपस्थित रहेंगे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समय की अनुकूलता के अनुसार बैठक में उपस्थित रहेंगे.
उन्होंने कहा कि संघ निरंतर बढ़ रहा है, नए लोग मिल रहे हैं, साथ आ रहे हैं, जो पहले संघ से दूर थे. उनसे भी सुझाव मिल रहे हैं. उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष देशभर में संघ के प्राथमिक शिक्षा वर्ग में करीब 80 हजार लोगों ने प्रशिक्षण प्राप्चत किया था, इस वर्ष यह संख्या 1 लाख 15 हजार रही है. 93 कार्यकर्ता विविध संगठनों से बैठक में रहेंगे. करीब 15 संगठनों के प्रमुख पदाधिकारी रहेंगे और संघ के करीब 25 कार्यकर्ता रहेंगे.
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