Hamirpur Sept 26: RSS Sarasanghachalak Mohan Bhagwat addressed a gathering of RSS functionaries of Uttara Kshetra comprising Delhi, Haryana, Punjab, Jammu and Kashmir, Himachal Pradesh states.
RSS functionaries including Dr Manmohan Vaidya, Arun Kumar were present on the occasion.
RSS functionaries including Dr Manmohan Vaidya, Arun Kumar were present on the occasion.
हमीरपुर, 26 सितम्बर, 2015 – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन राव भागवत ने कहा है कि गौ आधारित खेती का महत्व समाज के ध्यान में आ रहा है. भारतीय नस्ल की गाय के औषधीय गुणों के परिणाम सब अनुभव कर रहे हैं. इसलिए गौ संवर्धन के कार्य की गति बढाकर नए-नए प्रयोगों के आधार पर कार्य विस्तार करना चाहिए. डॉ. मोहन भागवत, ठाकुर जगदेव चंद स्मृति शोध संस्थान नेरी, हमीरपुर में संघ के उत्तर क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे. इस बैठक में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, जम्मू-काश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश के सामाजिक समरसता, ग्राम विकास, गौ संवर्धन तथा कुटुंब प्रबोधन के प्रदेश स्तर के लगभग 100 कार्यकर्ता उपस्थित थे.
कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि समाज में जातिगत भेदभाव को शीघ्रातिशीघ्र दूर करके एक समरस समाज की निर्मिती करने से ही समाज का स्वाभिमान एवं पुरुषार्थ प्रकट होगा.
उन्होंने कहा कि कुटुंब प्रबोधन और ग्राम विकास दोनों विषय बहुत महत्व के हैं. कुटुंब समाज का और ग्राम देश की अर्थ व्यवस्था का मेरुदंड है.
समाज के मूलभूत दोषों को दूर करने की क्षमता इन गतिविधियों में है. इसलिए समाज की सर्वांगीण उन्नति करने के लिए इन गतिविधियों का अधिक गतिमान होना आवश्यक है.
बैठक के समापन से पहले सरसंघचालक ने कार्यकर्ताओं की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया.
इस अवसर पर संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ. मनमोहन वैद्य, अखिल भारतीय सह संपर्क प्रमुख श्री अरुण कुमार, उत्तर क्षेत्र कार्यवाह श्री सीताराम व्यास, सह क्षेत्र कार्यवाह श्री विजय कुमार, हिमाचल के प्रान्त संघचालक कर्नल (सेनि.) रूप चंद जी, सह प्रान्त संघचालक डॉ. वीरसिंह रांगडा, जम्मू-काश्मीर के प्रान्त संघचालक ब्रिगेडियर (सेनि.) सुचेत सिंह जी भी उपस्थित थे. कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि समाज में जातिगत भेदभाव को शीघ्रातिशीघ्र दूर करके एक समरस समाज की निर्मिती करने से ही समाज का स्वाभिमान एवं पुरुषार्थ प्रकट होगा.
उन्होंने कहा कि कुटुंब प्रबोधन और ग्राम विकास दोनों विषय बहुत महत्व के हैं. कुटुंब समाज का और ग्राम देश की अर्थ व्यवस्था का मेरुदंड है.
समाज के मूलभूत दोषों को दूर करने की क्षमता इन गतिविधियों में है. इसलिए समाज की सर्वांगीण उन्नति करने के लिए इन गतिविधियों का अधिक गतिमान होना आवश्यक है.
बैठक के समापन से पहले सरसंघचालक ने कार्यकर्ताओं की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया.
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