Saturday, November 19, 2016

गांव में एक मंदिर, एक श्मशान और पानी का हो एक स्रोत – डॉ. मोहन भागवत जी

पानीपत (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने तीन दिवसीय हरियाणा प्रवास के तीसरे दिन कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए संघ कार्य को और गति देने का आह्वान किया. उन्होंने स्वदेशी, मातृ शक्ति जागरण, सामाजिक समरसता पर जोर दिया. साथ ही देश में अशांति फैलाने का प्रयास होने की आशंका जताते हुए राष्ट्रीय ताकतों और सज्जन शक्ति को इसके लिए तैयार रहने के प्रति सचेत किया. शनिवार को हरियाणा और दिल्ली प्रांत के जिला व विभाग के संघचालक, कार्यवाह तथा प्रचारक और प्रांत, क्षेत्र कार्यकारिणी के कार्यकर्ताओं ने बैठक में भाग लिया.
पानीपत स्थित एसडी विद्या मंदिर जूनियर विंग में चल रही बैठक में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि संघ का कार्य संपूर्ण समाज को संगठित करने का है. इसलिए सभी को सामूहिक जिम्मेदारी का भाव मन में रखकर, मिलकर, बांटकर काम करना चाहिए. सब स्वयंसेवक एक दिशा में मन मिलाकर कार्य करें तो शीघ्र सफलता मिल सकती है. शीघ्र सफलता के लिए एक दूसरे के प्रति विश्वास, आत्मीयता का भाव और समझदारी बेहद आवश्यक है. उन्होंने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि संगठन समाज में परिवर्तन का माध्यम बने, इसके लिए योजना बनाकर काम करना चाहिए.
सरसंघचालक जी ने सामाजिक समरसता पर बल देते हुए कहा कि सबको मंदिर में प्रवेश, पानी का समान स्रोत और एक श्मशान हो. समाज में जहां इस प्रकार के भेद हैं, उनको दूर करने के लिए स्वयंसेवकों को समाज को साथ लेकर प्रयास करने चाहिए. समाज परिवर्तन के कामों में महिलाओं की भूमिका बढ़नी चाहिए. परिवार संस्कारवान हों, इसके लिए मातृशक्ति के जागरण के लिए अधिक प्रयास करने की जरूरत है. कुटुंब प्रबोधन इसका एक अच्छा माध्यम है.
उन्होंने कहा कि स्वदेशी हर देश और समाज में आवश्यक रहती है. स्वदेशी के प्रति जिस प्रकार का वातावरण समाज में निर्मित हुआ है, उसे और दृढ़ करने की आवश्यकता है. ऐसा करने से न केवल हमारे देश की आर्थिक स्थिति विश्व पटल पर और मजबूत होगी, बल्कि रोजगार के भी साधन बढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि वर्तमान में अनुकूलता का दौर है, जिसके कारण समाज में संघ के बारे में विश्वास बढ़ा है. ऐसे में हमें और शक्ति लगाकर अपने कार्य का विस्तार करना है. कार्यकर्ताओं को सचेत करते हुए कहा कि देश में वर्तमान में बनी परिस्थितियों से हताश, निराश लोग अशांति और भ्रम फैलाने का प्रयास कर सकते हैं. ऐसी परिस्थितियों में सज्जन शक्ति और राष्ट्रीय ताकतों को एकजुट होकर ऐसे प्रयासों को विफल करने के लिए तैयार रहना चाहिए. बैठक में क्षेत्र संघचालक डॉ. बजरंग लाल गुप्त जी, दिल्ली प्रांत संघचालक कुलभूषण आहूजा जी, सह संघचालक आलोक कुमार जी, हरियाणा प्रांत संघचालक मेजर (सेवानिवृत्त) करतार सिंह जी, सह संघचालक पवन जिंदल जी, जम्मू कश्मीर प्रांत संघचालक ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) सुचेत सिंह जी भी उपस्थित रहे.

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