उदयपुर (विसंकें). महाराणा प्रताप के जीवन को समर्पित मेवाड़ एवं भारत के गौरवशाली इतिहास को जीवन्त करने वाले ‘राष्ट्रीय तीर्थ – प्रताप गौरव केंद्र, उदयपुर’ का लोकार्पण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी तथा राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जी ने किया. कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री भारत सरकार महेश गिरि जी एवं राजस्थान सरकार के गृहमन्त्री गुलाबचन्द जी कटारिया भी मंच पर उपस्थित थे.
कार्यक्रम में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने स्वामी विवेकानन्द के बताये दृष्टांत से अपना उद्बोधन प्रारम्भ करते हुए समाज को अपना सत्व पहचानने का आग्रह किया. उन्होंने कहा किसी भी देश को आगे बढ़ने के लिए अपना अतीत जानना आवश्यक है, गौरवशाली अतीत ही नयी पीढ़ी को आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है. किसी भी समाज के लिए अपने गौरवशाली इतिहास को सहेज कर नयी पीढ़ी को बताना यह राष्ट्रीय कर्तव्य है. प्रताप गौरव केन्द्र का निर्माण इस उद्देश्य पूर्ति का अंश मात्र है. इस प्रकार के प्रयासों से ही देश का स्वाभिमान जाग्रत होकर समाज की उन्नति सम्भव है. सत्व के बल पर ही श्री राम एवं लक्ष्मण ने त्रिलोकजयी रावण को परास्त कर दिया. महाराणा प्रताप का जीवन भी सत्व के बल पर संघर्ष की प्रेरणा देने वाला जीवन है, महाराणा प्रताप ने अकबर को न केवल युद्ध में परास्त किया, अपितु शान्तिकाल में 12 वर्षों तक चावण्ड़ को राजधानी बनाकर सुशासन स्थापित कर स्वराज्य एवं सुराज्य भी चलाया. उनके शासनकाल पर शोध कर सीख लेने की आवश्यकता है.
कार्यक्रम के प्रारम्भ में प्रताप गौरव केन्द्र न्यास के सदस्य ओमप्रकाश जी ने अब तक हुए निर्माण की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अब
तक लगभग 40 करोड़ की लागत से निर्माण कार्यों के क्रम में 57 फीट ऊंचाई की महाराणा प्रताप की प्रतिमा, लाईट एण्ड साउण्ड के साथ अखण्ड भारत के दर्शन, मेवाड़ के इतिहास की घटनाओं को लाईव मैकेनिकल मॉडल दीर्घाओं के माध्यम से दर्शाना, दो फिल्म थियेटर, भारत माता मन्दिर एवं ध्यान कक्ष का निर्माण हुआ है, शेष बचे 60 फीसदी कार्यों में तन-मन-धन से सहयोगी होने का आग्रह किया. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जी ने प्रताप गौरव केन्द्र के विकास एवं विस्तार के कार्यों में राज्य सरकार की ओर से हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया और कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार मिलकर इस दिशा में बेहतर योगदान देंगे. आने वाला समय में यह एक राष्ट्रीय तीर्थ बन जाएगा और लेक-सिटी की अन्तरराष्ट्रीय पहचान में ऐतिहासिक तीर्थ होने का एक और गौरव जुड़ जाएगा. यदि मन्दिरों, लोक देवताओं आदि आस्था स्थलों, इतिहास और परम्पराओं की जानकारी न हो तो समाज अधूरा रह जाता है.
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मन्त्री महेश गिरि ने 120 करोड़ रुपये की लागत से हेरिटेज सर्किट निर्माण की घोषणा की. कार्यक्रम में गुलाबचन्द जी कटारिया ने भी सम्बोधित किया, संचालन प्रताप गौरव केन्द्र के महामन्त्री मदनमोहन टाक जी तथा आभार प्रकटीकरण केन्द्र के अध्यक्ष डॉ केएस गुप्ता जी ने किया, काव्यगीत रवि बोहरा जी ने गाया.
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