Saturday, July 19, 2014

विहिप ने की अमरनाथ यात्रियों पर हमले की निंदा

विहिप ने की अमरनाथ यात्रियों पर हमले की निंदा


नई दिल्ली. अमरनाथ यात्रा के बालटाल आधार शिविर पर मुस्लिम समुदाय (पिट्ठू व घोड़े वालों) द्वारा किए गये हमले में बड़ी संख्या में यात्रियों के घायल होने व लंगरों को जलाए जाने तथा यात्रियों को पीटे जाने की इंद्रप्रस्थ विश्व हिंदू परिषद ने तीव्र भर्त्सना करते हुए अपराधियों की तुरंत गिरफ़्तारी व लंगरों को क्षतिपूर्ति किए जाने की मांग की है.
इंद्रप्रस्थ विहिप के महामंत्री श्री रामकृष्ण श्रीवास्तव ने 18 जुलाई को हुई इस घटना के लिये राज्यपाल एन एन बोहरा सहित स्थानीय पुलिस व प्रशासन को दोषी करार देते हुए दस-पद्रह हज़ार यात्रियों के यात्रा में फ़ँसे होने तथा मीडिया सहित राहत कर्मियों को वहाँ जाने से रोकने पर चिंता व्यक्त करते हुए यात्रा को तुरंत बहाल करने की मांग भी की है.
विहिप की धर्मयात्रा महासंघ के पदाधिकारियों ने श्री मांगेराम गर्ग के नेतृत्व में केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह से यहां मुलाकात की. स दौरान केंद्रीय गृह मंत्री ने अविलंब कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया.
इस बीच, समाचार मिला है कि बालटाल मार्ग से आज शनिवार 19 जुलाई को सुबह 10 बजे अमरनाथ यात्रा फिर से शुरू कर दी गई. स मार्ग से यात्रा पर अस्थाई रोक लगाई गई थी, लेकिन पहलगाम मार्ग से यात्रा जारी थी.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘शुक्रवार को लगाई गई अस्थाई रोक के बाद अमरनाथ यात्रा आज बालटाल और पहलगाम मार्ग से शुरू कर दी गई.’ यात्रा पर रोक शुक्रवार को लंगर के एक रसोइये और एक टट्टू संचालक के बीच हुई झड़प के बाद लगाई गई थी.
बालटाल में हुई झड़प में 40 लोग घायल हो गये थे और 300 टेंटों व 10 सामुदायिक लंगर में आग लगा दी गई थी. अधिकारियों ने बताया कि यात्रा पर लगी रोक के बाद शनिवार को बालटाल जाने वाले यात्रियों को रोकने के लिये कई जगह सुरक्षा नाके बनाए गये थे. तीर्थयात्री बालटाल जाने वाल मणिगाम शिविर और अन्य स्थानों पर रुके हुये हैं.
अधिकारी ने बताया, ‘बालटाल में स्थिति में सामान्य हो गई है और करीब 3,000 तीर्थयात्रियों ने आज सुबह 10 बजे बालाटाल शिविर से पवित्र गुफा की तरफ यात्रा शुरू की.’ उन्होंने कहा, ‘यात्रियों के करीब 100 वाहनों को गांदेरबल जिले के मणिगाम शिविर से बालटाल जाने की इजाजत दी गई है. पहलगाम मार्ग से भी यात्रा सामान्य तरीके से जारी है.’

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