Wednesday, July 09, 2014

विश्व शांति के लिये पदयात्रा

वाराणसी. विश्व शांति का संदेश फैलाने के लिये पदयात्रा कर रहे तुलसी कृष्णन का कहना है कि विश्वभर में मानवीय मूल्यों का ह्रास हो रहा है. सनातन संस्कृति खतरे मे है. पर्यावरण को लेकर विश्व गहन चिन्तन में है. सामाजिक सौहार्द और भाईचारे का ताना-बाना दिन-प्रतिदिन बिगड़ रहा है. ऐसे में युवाओं को जगाना होगा.
36 वर्षीय श्री कृष्णन ‘सनातन भारत संस्कृति मानव मूल्य जागृति पदयात्रा’ लेकर काशी पहुँचे हैं. उनका कहना है कि हिन्दू सनातन संस्कृति की अलख जगाने के लिए देश के एक कोने से लेकर दूसरे कोने तक पदयात्रा पर निकल पड़े हैं. दक्षिण भारत के अन्तिम छोर कन्याकुमारी से लेकर उत्तरी भारत के अंतिम छोर जम्मू कश्मीर तक का सफर तय करने के बाद यह शांति का दूत बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में आया है.
Sanatan Bharat Sanskriti -तुलसी कृष्णन केरल राज्य के पतनम थिटा जिले के निवासी है. उन्होने बताया कि वह पिछले साल विजयादशमी के दिन 24 अक्टूबर 2012 से यात्रा प्रारम्भ करके कन्याकुमारी से केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, जम्मू कश्मीर , हिमाचल, उत्तराखण्ड, दिल्ली, मथुरा, अयोध्या, प्रयाग होते हुए काशी पहुंचे. उन्होंने बताया कि एक दिन में 30 किमी. का सफर तय करते हैं. वह भारत के पश्चिमी हिस्से के सभी राज्यों की यात्रा कर चुके हैं. अब वे काशी से रथ लेकर बिहार, झारखण्ड, बंगाल, उड़ीसा, आन्ध्रप्रदेश, तमिलनाडु, कन्याकुमारी होते हुए केरल पहुँचेगे.

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