Sunday, June 10, 2012

आजादी के लिए करेंगे एलओसी मार्च

आजादी के लिए करेंगे एलओसी मार्च


नवीन नवाज, श्रीनगर
उत्तरी कश्मीर में एलओसी से सटा केरन सेक्टर फिर सुर्खियों में है। कारण, 10 जून को मिलन मार्च है। इसमें गुलाम कश्मीर और राज्य के अलगाववादी संगठनों के कार्यकर्ता, किशनगंगा नदी के दोनों किनारों पर जमा होंगे।
कश्मीर समस्या की तरफ दुनिया का ध्यान दिलाने और आजादी के लिए आयोजित किए जा रहे इस मार्च को लेकर घाटी के अधिकांश अलगाववादी नेता बिल्कुल शांत हैं। हुर्रियत कांफ्रेंस के दोनों गुटों में से कोई भी इसमें शामिल नहीं हो रहा है। अलबत्ता, इसमें जम्मू-कश्मीर डेमोक्रेटिकल लिब्रेशन पार्टी (जेकेडीएलपी) और जम्मू-कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट व कुछ अन्य छोटे अलगाववादी संगठन हिस्सा ले रहे हैं।
सोमवार 10 जून को प्रस्तावित इस मार्च का आयोजन गुलाम कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान में सक्रिय संगठनों ने किया है। महाराजा हरि सिंह के फौज में कर्नल रहे हसन खान का बेटा बजाहत हसन गिलगित-बाल्टिस्तान से अपने समर्थकों संग केरन सेक्टर में किशनगंगा किनारे तक आएगा, जबकि मुजफ्फराबाद से जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट के नेता रौउफ कश्मीर एलओसी की तरफ अपने कार्यकर्ताओं संग आएंगे।
यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि बजाहत हसन का संगठन नेशनल लिब्रेशन काउंसिल फेडरेशन गिलगित-बाल्टिस्तान में पाकिस्तान की ज्यादतियों के खिलाफ सक्रिय है।
गुलाम कश्मीर में मिलन मार्च को कामयाब बनाने के लिए जहां विभिन्न संगठन पूरी तरह सक्रिय हैं। वहां की सियासत इसी मार्च पर केंद्रित नजर आ रही है। वहीं, जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी संगठन इससे लगभग उदासीन हैं।
जेकेडीएलपी के चेयरमैन हाशिम कुरैशी ने कहा यह मार्च सही मायनों में दुनिया को जम्मू-कश्मीर, जो लखनपुर से गिलगित बाल्टिस्तान तक है, की तरफ ध्यान दिलाने, उसे एक आजाद मुल्क बनवाने और एलओसी के दोनों तरफ बंटे लोगों को जोड़ने के लिए आयोजित किया जा रहा है। यह मार्च पाकिस्तान के हितों के खिलाफ भी जाता है। इसलिए कश्मीर की आजादी का नारा देकर, कश्मीर को पाकिस्तान में मिलाने के समर्थक संगठन इसका समर्थन नहीं कर सकते। लिहाजा, हमारा संगठन और जम्मू-कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट व कुछ अन्य दल मार्च में शामिल हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हम लोगों को मरवाने के हक में नहीं हैं। इसलिए हम इस मार्च का अन्य अलगाववादी नेताओं की तरह आयोजन नहीं कर रहे हैं। हमने बाकायदगी से कश्मीर मंडलायुक्त को एक पत्र लिखकर मार्च की अनुमति मांगी है। हमारे कार्यकर्ता गाड़ियों में करनाह की तरफ जाएंगे। लोगों की संख्या सीमित होगी। हम सिर्फ सांकेतिक उपस्थिति जताने के लिए जाएंगे।
कुरैशी के संग यासीन मलिक गुट भी इस मार्च में शामिल होगा। मलिक खुद नहीं जाएंगे बल्कि जेकेएलएफ के संस्थापक चेयरमैन मकबूल भट्ट का भाई जहूर भट्ट जेकेएलएफ कार्यकर्ताओं की अगुआई करेगा।

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