Tuesday, June 19, 2012

भगवान श्री जगन्नाथ के नव यौवन दर्शन को लेकर भक्तों में उत्साह

भगवान श्री जगन्नाथ के नव यौवन दर्शन को लेकर भक्तों में उत्साह

15 दिनों तक अपने आराध्य के झलक पाने को तरस रहे भक्तों में भगवान श्री जगन्नाथ के नव यौवन दर्शन को लेकर आज अपार उत्साह देखा गया। प्रतिकूल मौसम के बावजूद लाखों की संख्या में भक्त लंबी कतारों में खडे़ रह कर अपने बारी का इंतजार करते देखे गये। स्नान पूर्णिमा के बाद बीमार पड़ने के कारण भगवान का ईलाज चल रहा था और श्रीमंदीर में दर्शन बंद था। इसे स्थानीय भाषा में अणसर कहा जाता है। इस दौरान भगवान की गुप्त नीति अनुष्ठित होती है। आज भगवान भक्तों को नवयौवन वेश में दर्शन दे रहे हैं। इस साल आम दर्शकों के साथ वीआइपी एवं पारमाणिक टिकट धारियों के लिए अलग-अलग दर्शन की व्यवस्था की गई। मुख्य प्रवेश द्वार सिंहद्वार होकर आम भक्त दर्शन करने पहुंचे। परिमाणिक टिकट धारी दक्षिण द्वार से और वीआइपी दर्शक पश्चिम द्वार से महाप्रभु के दर्शन को पहुंचे। उधर इस व्यवस्था के खिलाफ कुछ भक्तों में खासा असंतोष भी दिखाई दिया। लोगों के अनुसार भगवान जगन्नाथ के दर्शन में धनी-गरीब के लिए अलग व्यवस्था नहीं होनी चाहिए। भगवान के इस इसे दर्शन को नेत्रोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर के गर्भ गृह के बाहर लगाए गया विशाल घंटा पिछले 14 दिन से बंद रहने के बाद आज फिर से बजने लगा है।

पुरी की तरह भुवनेश्वर के इस्कान सहित विभिन्न जगन्नाथ मंदिरों में आज भगवान के नव यौवन दर्शन की व्यवस्था की गई। सुबह 7 बज कर 30 मिनट से भक्तों के लिए दर्शन की व्यवस्था की गई।

No comments: