Tuesday, June 05, 2012

शिवाजी ने हिन्दू समाज के चैतन्य को जगाया - शिवप्रकाश

शिवाजी ने हिन्दू समाज के चैतन्य को जगाया - शिवप्रकाश
तारीख: 6/4/2012 12:10:03 PM
(विश्व संवाद केंद्र- आगरा)

आगरा, 4 जून 2012 : देश में जब घोर निराशा एवं अंधकार का वातावरण था, लोग मुगलों के सेनापति बनने को तैयार हो जाते थे, किन्तु राजा बनने की हिम्मत नही जुटा पाते थे, ऐसे समय शिवाजी महाराज ने हिन्दू समाज के चैतन्य को जगाया। उनके जीवन से प्रेरणा लेकर आने वाले भारत के भविष्य का स्वयंसेवक निर्माण करें। दुनिया के अनेक देश शिवाजी के जीवन से प्रेरणा ले रहे हैं।
उक्त उद्बोधन हिन्दू साम्राज्य दिनोत्सव के अवसर पर लाल किला आगरा के प्रवेश द्वार के सामने घोड़े पर सवार छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के समक्ष आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम में संघ के क्षेत्र प्रचारक शिवप्रकाश ने व्यक्त किए।
यह कार्यक्रम संघ के छ: उत्सवों में से एक है, जिसे हिन्दवी स्वराज्य दिवस के रूप में प्रतिवर्ष मनाया जाता है। संघ के क्षेत्रीय प्रचारक शिवप्रकाश ने कहा कि शिवाजी ने मात्र सत्ता सुख प्राप्त करने तथा निहित स्वार्थ के कारण मुगलों से संघर्ष नहीं किया, अपितु हिन्दू समाज में धर्म आधारित मूल्यों को प्रतिस्थापित किया। समाज को घोर अंधकार और निराशा के वातावरण से उभार कर उसमें चैतन्यता का भाव जगाया। शिवाजी में असीम धैर्य विद्यमान था, वह शत्रुदल की शक्ति का आंकलन कर नीति निर्धारण करते थे।
शिवाजी का उच्चकोटि चरित्र था। उन्होंने व्यक्तिगत सेना व्यवस्था को बदलकर सेना देश के लिए होनी चाहिए, इस प्रकार की सेना का गठन किया। इस प्रकार व्यक्तिगत स्वार्थ त्याग कर राष्ट्र भक्ति के उच्च आदर्शों का भाव देश में निर्माण किया। राष्ट्र की सुरक्षा हेतु नौसैना का निर्माण किया इससे उनकी दूर दृष्टि की क्षमता दृष्टिगोचर होती है।
स्वदेशी तकनीक अपनाकर स्वदेशी सिक्का, स्वदेशी शस्त्र तथा धर्मान्तरित मुसलमानों का परावर्तन कर समस्या का स्थाई समाधान करने का प्रयास किया। आज के संदर्भ की तुलना में वे सत्ता-स्वार्थ एवं अहंकार से दूर थे। उन्होंने प्रतीक के रूप में राज्य का संचालन किया।
इस अवसर पर महानगर संघ चालक श्यामकिशोर एवं सह संघ चालक विजय गोयल मंच पर उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारम्भ शिवाजी महाराज के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया।

फोटो-बाये- आगरे का लाल किला- जिसमें ओरंगजेब ने शिवाजी को कैद का के रखा था। दाये-लाल किले के सामने छत्रपति शिवाजी महाराज की घोडे पर विराजमान प्रतिमा। प्रतिमा के समक्ष रा.स्व.संघ ने हिन्दू साम्राज्य उत्सव मनाया। स्वयं सेवकों का उदबोधित करते क्षेत्र प्रचारक शिवप्रकाश|

No comments: