Friday, March 07, 2014

देशभर में संघ की शाखाओं में निरंतर वृद्धि

देशभर में संघ की शाखाओं में निरंतर वृद्धि

Source: VSK-ENG      Date: 07 Mar 2014 15:41:01
बंगलुरु मार्च: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की देशभर में लगने वाली शाखाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है. 2012-13 की तुलना में 2013-14 में दो हजार से अधिक शाखायें बढ़ गई. ऑन लाइन जॉइन आर.एस. एस. के माध्यम से संघ से जुड़ने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. 2012 में इस माध्यम से जुड़ने वालों की संख्या 12118 थी जो 2013 में बढ़कर 31,102 हो गई.
सरकार्यवाह श्री सुरेश (भय्या) जी जोशी द्वारा शुक्रवार को यहां प्रारम्भ अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में प्रस्तुत प्रतिवेदन में उपलब्ध जानकारी के अनुसार देशभर में 29,624 स्थानों पर 44,982 शाखाएँ चल रही हैं. जबकि पिछले प्रतिवेदन में यह आंकड़ा 28788 स्थानें पर 42981 शाखाओं का था. प्रतिवेदन में यह भी बताया गया है कि 10,146स्थानों पर साप्ताहिक मिलन तथा 7387 स्थानों पर संघमंडली के रूप में कार्य चल रहा है. साथ ही, 68 संघ शिक्षा वर्गों का भी आयोजन किया गया, जिनमें स्वयंसेवकों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया. इन शाखाओं और वर्गों में संघ विभिन्न शारीरिक और बौद्धिक कार्यक्रमों के माध्यम से ऐसे संस्कार देने के काम में जुटा है, जिससे समस्त देशवासी अपनी समृद्ध गौरवशाली संस्कृति से एक्य स्थापित कर सकें. प्रतिनिधि सभा का प्रारम्भ सरसंघचालक परम पूज्य डा. मोहन राव भागवत के दीप प्रज्वलन के साथ हुआ.
संघ ने वार्षिक प्रतिवेदन में पिछले एक वर्ष के दौरान दिवंगत जिन लोगों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है, उनमें दाऊदी बोहरा समाज के धर्मगुरु श्री सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन, पूजनीय कृपालु जी महाराज, सिने कलाकार श्रीमती सुचित्रा सेन व .नागेश्वर राव और दक्षिण अफ्रीका के श्री नेल्सन मंडेला के नाम सम्मिलित हैं. संघ ने कहा है कि ये सभी महानुभाव अपने सामाजिक योगदान के लिये सदा ही स्मृति में बने रहेंगे. संघ ने उत्तराखण्ड की प्राकृतिक आपदा में देश के विभिन्न प्रांतों से आए उन हजारों श्रद्धालुओं को भी श्रद्धांजलि अर्पित की, जो अपने प्रियजनों के मध्य वापस नहीं पहुँच पाये. इसके साथ ही, विभिन्न दुर्घटनाओं और आतंकी हमलों के शिकार बने ज्ञात-अज्ञात सभी बन्धुओं के प्रति भी अपने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उनके समस्त परिजनों को अपनी शोक संवेदना संप्रेषित करनी चाही है.

No comments: